🙏🏻 हर हर महादेव🙏🏻
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
⛅दिनांक – 07 नवम्बर 2024
⛅दिन – गुरुवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – हेमन्त
⛅मास – कार्तिक
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – षष्ठी रात्रि 12:34 नवम्बर 08 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅नक्षत्र – पूर्वाषाढा प्रातः 11:47 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
⛅योग – धृति प्रातः 09:52 तक तत्पश्चात शूल
⛅राहु काल – दोपहर 01:47 से दोपहर 03:11 तक
⛅सूर्योदय – 06:52
⛅सूर्यास्त – 05:54
⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:06 से 05:57 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:01 से दोपहर 12:46 तक
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 नवम्बर 07 से रात्रि 12:49 नवम्बर 08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण – सूर सम्हारम, छठ पूजा, स्कन्द षष्ठी
⛅विशेष – षष्ठी को नीम-भक्षण (पत्ती फल खाने या दातुन मुंह में डालने) से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
एक दीया काफी है

एक घर मे पांच दिए जल रहे थे…
अचानक , एक दिन एक दिए ने कहा – ”इतना जलकर भी मेरी रोशनी की लोगों को कोई कदर नही है , तो बेहतर यही होगा कि मैं बुझ जाऊं… ” और वह दीया खुद को व्यर्थ समझ कर बुझ गया… जानते हैं , वह दिया कौन था ?
उस दीया का नाम था , “उत्साह” !
यह देख दूसरा दीया कहने लगा.. “अब मुझे भी बुझ जाना चाहिए…निरंतर रोशनी देने के बावजूद भी लोगों को मेरे महत्व का पता नहीं चल रहा है”…और इतना कहकर वह दीया भी बुझ गया…
उसका नाम था , “शांति” !
उत्साह और शांति के बुझने के बाद , जो तीसरा दीया था , वह भी अपनी हिम्मत खो बैठा और बुझ गया…इसका नाम था-“हिम्मत”!
उत्साह, शांति और हिम्मत के बुझते ही चौथा दिया स्वतः ही बुझ गया… इसका नाम था , “समृद्धि”!
चारों दीए बुझने के बाद केवल पांचवां दीया अकेला ही जल रहा था… हालांकि पांचवां दीया सबसे छोटा था मगर फिर भी वह निरंतर जल रहा था…
तभी उस घर में एक लड़के ने प्रवेश किया… उसने देखा कि उस घर मे सिर्फ एक ही दीया जल रहा है , वह खुशी से झूम उठा…।
चार दीए बुझने की वजह से वह दुखी नही हुआ , बल्कि , यह सोचकर खुश हुआ कि कम से कम एक दीया तो अभी भी जल रहा है…।
उसने तुरंत उस पांचवे दिये को उठाया और बाकी के चार दीए फिर से जला दिए .
जानते हैं , उस पांचवें और अनोखे दिये का नाम क्या था… ?
उसका नाम है…..”उम्मीद……”!
दोस्तों , इसलिये हमेशा अपने मन मे “उम्मीद का दीया” जलाए रखना….. चाहे सब दीए बुझ जाएं , लेकिन “उम्मीद” का दीया नही बुझना चाहिए .
ये एक ही दीया काफी है बाकी सब दीयों को जलाने के लिए।
🔹प्रकृति अनुसार विहार🔹
🔹वात प्रकृति🔹
🔹त्याज्य : अति परिश्रम, अति व्यायाम, सतत अध्ययन, अधिक बोलना, अधिक पैदल चलना अथवा वाहनों में घूमना, तैरना, अति उपवास, रात्रि जागरण, भय, शोक, चिंता, मल-मूत्र आदि वेगों को रोकना, पश्चिम दिशा से आनेवाली हवा का सेवन।
🔹हितकर : सर्वांग मालिश (विशेषतः सिर व पैर की), कान-नाक में तेल डालना, आराम, सुखशीलता, निश्चिंतता व शांत निद्रा।
🔹पित्त प्रकृति 🔹
🔹त्याज्यः तेज धूप में घूमना, अग्नि के निकट रहना, रात्रि जागरण, अति परिश्रम, अति उपवास, क्रोध, शोक, भय।
🔹हितकर : शीत, सुगंधित द्रव्यों (जैसे चंदन, अगरु) का लेप, शीत तेलों से मालिश।
🔹कफ प्रकृति🔹
🔹त्याज्य : दिन में शयन, आरामप्रियता, आलस्य।
🔹हितकर : घूमना-फिरना, दौड़ना, तैरना, व्यायाम, आसन, प्राणायाम।
( त्रिदोष सिद्धांत पृ.क्र. ४)
🔹सुख-शांतिप्रदायक ईशान-स्थल🔹
🔹सुख-शांति और कल्याण चाहनेवाले बुद्धिमानों को अपने घर, दुकान या कार्यालय में ईशान-स्थल पर अपने इष्टदेव, सदगुरु का श्रीचित्र लगा के वहाँ धूप-दीप, मंत्रोच्चार तथा साधना-ध्यान पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए । यह विशेष सुख-शांतिदायक है।
🔹ज्ञानार्जन में सहायता व सत्प्रेरणा हेतु🔹
🔹विद्यार्थियों के लिए भी ईशान कोण बड़े महत्त्व का है । पूर्व एवं उत्तर दिशाएँ ज्ञानवर्धक दिशाएँ तथा ईशान-स्थल ज्ञानवर्धक स्थल है । जो विद्यार्थी ईशान-स्थल पर बैठ के पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पढ़ता है, उसे ज्ञानार्जन में विशेष सहायता मिलती है । पूर्व की ओर मुख करने से विशेष लाभ होता है । अध्ययन-कक्ष में सदगुरु या ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों के श्रीचित्र लगाने चाहिए, इससे सत्प्रेरणा मिलती है।
प्रेम से किसी के ऊपर विजय प्राप्त करना ही सच्ची विजय है
अपने संबंधों में कभी क्रोध और घमंड को स्थान न दें। यदि किसी रिश्ते में क्रोध और घमंड हैं तो वो रिश्ता कभी भी कामयाब नहीं होगा।
यह दोनों संबंधों की नींव कमजोर करते हैं। प्रत्येक रिश्ते को चलाने के लिए घर परिवार के सभी लोगो का सहयोग जरुरी होता है। क्रोध और घमंड ये दोनों शब्द ही नकारकत्मक्ता के प्रतीक हैं।यह कभी किसी इंसान को जीवन में आगे नहीं बढ़ने देते। यदि यह दोनों आपके संबंधों में नहीं होंगे।तो आपका रिश्ता और भी मजबूत होगा और खुशियां आपके घर में नृत्य करेगी।
प्रेम और पवित्रता में जिया गया जीवन ही प्रभु का भी प्रिय बन जाता है। प्रेम से किसी के ऊपर विजय प्राप्त करना ही सच्ची विजय है।
अपनी बात मनवाने के लिए अपने अधिकार या बल का प्रयोग करना किसी मनुष्य की अहमता का लक्षण है। जो कार्य मुस्कुराकर और प्रेम से बोलकर कराया जा सकता है, उसे क्रोध से करवाने की आवश्यकता ही नहीं है।
आज प्रत्येक घर में ईर्ष्या, संघर्ष, दुःख और अशांति का जो वातावरण है, उसका एक ही कारण है और वह है प्रेम का अभाव।
क्या कभी आपको बस की सबसे पीछे वाली सीट पर बैठने का मौका मिला है ?
चालक से आपकी दूरी जितनी ज्यादा होगी, यात्रा में धक्के भी उतने ही ज्यादा लगेंगे।आपकी जीवन यात्रा के सफर में जीवन की गाड़ी के चालक परमात्मा हैं परमात्मा से आपकी दूरी जितनी ज्यादा होगी आपको उतने ही धक्के ज्यादा खाने पड़ेंगे l
अपनी रोज़ की दिनचर्या में यथासंभव परमात्मा के समीप बैठें और उनसे अपने मन की बात एकदम साफ साफ शब्दों में कहें।आप स्वयं एक अप्रत्याशित चमत्कार महसूस करेंगे।
जिंदगी में कभी भी सीखना बन्द मत कीजिए .. क्योंकि ज़िंदगी कभी सिखाना बन्द नहीं करती
🔥कर भला तो हो भला🔥
एक माँ थी उसका एक बेटा था।माँ-बेटे बड़े गरीब थे। एक दिन माँ ने बेटे से कहा – बेटा !! यहाँ से बहुत दूर तपोवन में एक मुनि पधारे हैं वे बड़े सिद्ध पुरुष हैं और महाज्ञानी हैं।
तुम उनके पास जाओ और पूछो कि हमारे ये दु:ख के दिन और कब तक चलेंगे। इसका अंत कब होगा।
बेटा घर से चला। पुराने समय की बात है, यातायात की सुविधा नहीं थी। वह पद यात्रा पर था।
चलते-चलते सांझ हो गई। गाँव में किसी के घर रात्रि विश्राम करने रुक गया।
सम्पन्न परिवार था। सुबह उठकर वह आगे की यात्रा पर चलने लगा तो घर की सेठानी ने पूछा – बेटा कहाँ जाते हो ? उसने अपनी यात्रा का कारण सेठानी को बताया। तो सेठानी ने कहा – बेटा एक बात मुनिराज से मेरी भी पूछ आना कि मेरी यह इकलौती बेटी है, वह बोलती नहीं है। गूंगी है। वह कब तक बोलेगी और इसका विवाह किससे होगा ?
उसने कहा – ठीक है और वह आगे बढ़ गया।
रास्ते में उसने एक और पड़ाव डाला। अबकी बार उसने एक संत की कुटिया में पड़ाव डाला था।
विश्राम के पश्चात् जब वह चलने लगा तो उस संत ने भी पूछा – कहाँ जा रहे हो ? उसने संत श्री को भी अपनी यात्रा का कारण बताया।
संत ने कहा – बेटा! मेरी भी एक समस्या है, उसे भी पूछ लेना।
मेरी समस्या यह है कि मुझे साधना करते हुए 50 साल हो गये। मगर मुझे अभी तक संतत्व का स्वाद नहीं आया। मुझे कब संतत्व का स्वाद आयेगा, मेरा कल्याण कब होगा। बस इतना सा पूछ लेना।
युवक ने कहा – ठीक है। और संत को प्रणाम करके आगे चल पड़ा।
युवक ने एक पड़ाव और डाला। अबकी बार का पड़ाव एक किसान के खेत पर था।
रात में चर्चा के दौरान किसान ने उससे कहा मेरे खेत के बीच में एक विशाल वृक्ष है। मैं बहुत परिश्रम और मेहनत करता हूँ, लेकिन उस बड़े वृक्ष के आस-पास दूसरे वृक्ष पनपते नहीं हैं। पता नहीं क्या कारण है।
किसान ने युवक से कहा – मेरी भी इस समस्या का समाधान कर लेना। युवक ने स्वीकृति में सिर हिला दिया और सुबह आगे बढ़ गया।
अगले दिन वह मुनिराज के चरणों में पहुँच गया। मुनिराज के दर्शन किये। दर्शन कर उसने अपने जीवन को धन्य माना।
मुनिराज से प्रार्थना की कि प्रभु! मेरी कुछ समस्याएं हैं, जिनका मैं समाधान चाहता हूँ। आप आज्ञा दें तो श्री चरणों में निवेदन करूं।
मुनि ने कहा – ठीक है !! मगर एक बात का विशेष ख्याल रखना कि तीन प्रश्न से ज्यादा मत पूछना। मैं तुम्हारे किन्हीं भी तीन प्रश्नों का ही समाधान दूंगा। इससे ज्यादा का नहीं।
युवक तो बड़े धर्म-संकट में फंस गया। अब क्या करूं, प्रश्न तो चार हैं. तीन कैसे पूछूं। तीन प्रश्न दूसरों के हैं और एक प्रश्न मेरा खुद का है।अब किसका प्रश्न छोड़ दूं। क्या लड़की का प्रश्न छोड़ दूं ? नहीं, यह तो ठीक नहीं है, यह उसकी जिन्दगी का सवाल है।
तो क्या महात्मा के प्रश्न को छोड़ दूं ? यह भी नहीं हो सकता। तो क्या किसान का प्रश्न छोड़ दूं ? नहीं, यह भी ठीक नहीं है। बेचारा खून-पसीना एक करता है, तब भी उसे कुछ भी नहीं मिलता है।
अंत में काफी उहापोह के बाद उसने तय किया कि वह खुद का प्रश्न नहीं पूछेगा।
उसने अपना प्रश्न छोड़ दिया और शेष तीनों प्रश्नों का समाधान लिया और वापिस अपने घर की ओर चल दिया।
रास्ते में सबसे पहले किसान से मुलाकात हुई। किसान से युवक ने कहा – मुनिराज ने कहा है…
कि तुम्हारे खेत में जो विशाल वृक्ष है, उसके नीचे चारों तरफ सोने के कलश दबे हुए हैं। इसी कारण से तुम्हारी मेहनत सफल नहीं होती है।
किसान ने वहाँ खोदा तो सचमुच सोने के कलश निकले।
किसान ने कहा – बेटा यह धन-सम्पदा तेरे कारण से निकली है। इसलिए इसका मालिक भी तू है। और किसान ने वह सारा धन उस युवक को दे दिया। युवक आगे बढ़ा।
अब संत के आश्रम आया। संत ने पूछा – मेरे प्रश्न का क्या समाधान बताया है।
युवक ने कहा – स्वामी जी! माफ करना मुनिराज ने कहा है कि आपने अपनी जटाओं में कोई कीमती मणि छुपा रखी है। जब तक आप उस मणि का मोह नहीं छोड़ेंगे, तब तक आपका कल्याण नहीं होगा।
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साधु ने कहा – बेटा तू ठीक ही कहता है, सच में मैंने एक मणि अपनी जटाओं में छिपा रखी है, और मुझे हर वक्त इसके खो जाने का, चोरी हो जाने का भय बना रहता है। इसलिए मेरा ध्यान भजन-सुमिरण में भी नहीं लगता। ले अब इसे तू ही ले जा, और साधु ने वह मणि उस युवक को दे दी।
युवक दोनों चीजों को लेकर फिर आगे बढ़ा। अब वह सेठानी के घर पहुँचा।
सेठानी दौड़ी-दौड़ी आई और पूछा – बेटा ! बोल क्या कहा है मुनिराज ने।
युवक ने कहा कि माँ जी मुनिजी ने कहा है कि तुम्हारी बेटी जिसको देखकर ही बोल पड़ेगी, वही इसका पति होगा।
अभी सेठानी और युवक की बात चल ही रही थी कि वह लड़की अन्दर से बाहर आई और उस युवक को देखते ही एकदम से बोल पड़ी।
सेठानी ने कहा – बेटा आज से तू इसका पति हुआ। मुनिराज की वाणी सच हुई। और उसने अपनी बेटी का विवाह उस युवक से कर दिया।
अब वह युवक धन, मणि और कन्या को साथ लेकर अपने घर पहुँचा। माँ ने पूछा – बेटा तू आ गया। क्या कहा है मुनिश्री ने। कब हमें इन दु:खों से मुक्ति मिलेगी।
बेटा ने कहा – माँ मुक्ति मिलेगी नहीं, मुक्ति मिल गई। मुनिराज के दर्शन कर मैं धन्य हो गया। उनके तो दर्शन मात्र से ही जीवन के दु:ख, पीड़ाएं और दर्द खो जाते हैं।
माँ ने पूछा – तो क्या मुनिराज ने हमारी समस्याओं का समाधान कर दिया है।
बेटे ने कहा – हाँ माँ ! मैंने तो अपनी समस्या उनसे पूछी ही नहीं और समाधान भी हो गया।
माँ ने पूछा वो कैसे ?
बेटे ने कहा -माँ मैंने सबकी समस्या को अपनी समस्या समझा तो मेरी समस्या का समाधान स्वत: हो गया।
जब दूसरों की समस्या अपनी खुद की समस्या बनने लगती है तो फिर अपनी समस्या कोई समस्या ही नहीं रहती।
जो दूसरों के लिए सोचता है। ईश्वर स्वयं उसकी पीड़ा हर लेते है
जिनका जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
दिनांक 7 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 7 होगा। यह अंक वरूण ग्रह से संचालित होता है। आप खुले दिल के व्यक्ति हैं। आपकी प्रवृत्ति जल की तरह होती है। जिस तरह जल अपनी राह स्वयं बना लेता है वैसे ही आप भी तमाम बाधाओं को पार कर अपनी मंजिल पाने में कामयाब होते हैं। किसी के मन की बात तुरंत समझने की आपमें दक्षता होती है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अपने आप में कई विशेषता लिए होते हैं। आप पैनी नजर के होते हैं।

शुभ दिनांक : 7, 16, 25
शुभ अंक : 7, 16, 25, 34
शुभ वर्ष : 2023
ईष्टदेव : भगवान शिव तथा विष्णु
शुभ रंग : सफेद, पिंक, जामुनी, मेहरून
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए समय सुखकर रहेगा। नवीन कार्य-योजना शुरू करने से पहले केसर का लंबा तिलक लगाएं व मंदिर में पताका चढ़ाएं। आपके कार्य में तेजी का वातावरण रहेगा। आपको प्रत्येक कार्य में जुटकर ही सफलता मिलेगी। अधिकारी वर्ग का सहयोग मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी|
आज का सुविचार
⛳🔱😊🙏🏻⚜️🕉️
विश्वास का कपड़ा बुनने के लिए सच्चाई का ही धागा लगता है॥
आज का राशिफल
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आपका आज का दिन सुख-सौभाग्य में वृद्धि करेगा। आज आप नए संबंध बनाने के साथ ही पुरानो को भी जोड़े रखने में व्यस्त एवं सफल रहेंगे। घरेलू सुख के साधनों में वृद्धि हेतु खर्च करेंगे। आपकी मानसिकता आज अन्य लोगो से बेहतर दिखने की रहेगी जिससे कुछ लोग आपसे ईर्ष्या का भाव रख सकते है परन्तु इसका आपके व्यक्तित्त्व अथवा दिनचार्य पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा। कार्य स्थल पर सुव्यवस्था रहने से निर्धारित से अधिक आय बन सकेगी। दान पुण्य के साथ ही आपसी व्यवहारिकता में आदान-प्रदान होगा। दाम्पत्य में थोड़ी बहुत नोकझोंक के बाद भी सुख की अनुभूति होगी।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन सेहत के दृष्टिकोण से ठीक नही। कार्य क्षेत्र पर व्यस्तता अधिक रहने से जान कर भी स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतेंगे जिसका शीघ्र ही विपरीत परिणाम देखने को मिलेगा। हाथ पैरों में शिथिलता आएगी फिर भी मजबूरी में कार्य करने पड़ेंगे। गलतियां होने की संभावना भी आज अधिक है आर्थिक संबंधित अथवा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य मे किसी की सहायता अवश्य लें अन्यथा हानि हो सकती है। आज आपकी परवाह परिजन एवं अन्य लोग कम ही करेंगे केवल स्वार्थ पूर्ति के लिए व्यवहार करने से मन दुखी होगा। पारिवारिक माहौल में अकस्मात गरमा गरमी हो सकती है।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी आपके लिए शुभ फलदायी रहेगा परन्तु सेहत का भी विशेष ध्यान रखना होगा शारीरिक रूप से आज आकस्मिक कष्ट आने की संभावना है इसकारण से खर्च भी बढ़ेगा। दिन के आरम्भ में पूर्व निर्धारित व्यावसायिक कार्य से व्यस्त रहेंगे इसके बाद का अधिकांश समय मंदी में व्यतीत होगा संध्या से फिर व्यवसाय में तेजी आएगी भविष्य की योजना बनेगी इसके लिए पर्याप्त धन का संचय आसानी से हो जाएगा। पारिवारिक जन आपकी आवश्यकता को ज्यादा महत्त्व देंगे। मित्र परिचिति से प्रेम पूर्ण व्यवहार करेंगे।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन व्यस्तता से भरा रहेगा मनोरंजन के विचार आज मन मे ही रह जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर काम अधिक रहने से दिनचार्य बिगड़ेगी परन्तु आर्थिक लाभ बीच-बीच मे होते रहने से खान पान का भी ध्यान नही रहेगा। सरकारी कार्यो में दौड़ धूप का सकारात्मक परिणाम मिलेगा इसके अतिरिक्त घरेलू कार्यो में भी आज आपके सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी जिससे कुछ समय के लिए परिसानी होंगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर नए लाभदायक संबंध बनाने आसान रहेंगे। आपके व्यक्तित्व से हर कोई सहज आकर्षित हो जाएगा। दाम्पत्य जीवन प्रेम पूर्ण रहेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपकी किसी के साथ श्रेष्ठ बनने की होड़ रहेगी इसमे कुछ हद तक सफल तो रहेंगे लेकिन सामाजिक क्षेत्र पर आपकी गलत छवि भी बन सकती है। अहम की भावना रहने से लोग आपकी सहायता करने से कतराएंगे जिस वजह से कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य अधूरे रहने की सम्भावना है। व्यावसायिक क्षेत्र पर कुछ नए प्रयोग करेंगे परन्तु आज लाभ पुरानी योजनाओ से ही सीमित मात्रा में होगा। परिवार के सदस्य की जिद थोड़ी देर के लिए परेशानी में डालेगी जिसे पूर्ण करने के बाद ही घर का वातावरण शांत होगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन भी विपरीत फलदायी रहने से आपको विवेक से हर कार्य करने की सलाह है। पारिवारिक वातावरण आज लगभग अशांत ही रहेगा। महिलाओ की अधिक बोलने की वृत्ति आग में घी का काम करेगी। अधिक बोलने से बचें आज किसी से हाथापाई की नौबत भी आ सकती है। घरेलू कलह के कारण मन दिनभर अशांत रहेगा कार्य क्षेत्र पर भी इसके परिणाम दिखेंगे। किसी भी कार्य मे उत्साह नही रहेगा। आज खर्च चलाने के लिए भी किसी से उधार लेना पड़ सकता है। सेहत भी नरम ही रहेगी। धैर्य एवं मौन धारण शांति बनाने में सहायक होगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप आर्थिक मामलों को लेकर संतुष्ट रहेंगे। व्यवसायी वर्ग किसी बड़ी योजना अथवा अनुबंध पर कार्य करेंगे इसका लाभ भी शीघ्र ही मिलना आरम्भ हो जाएगा। धन की आमाद आज कई स्त्रोतों से एक साथ हो सकती है इसके लिए आपको सामाजिक व्यवहारिकता भी बढ़ानी पड़ेगी। कुछ समय से चल रही आर्थिक उलझनों में कमी आएगी धन कोष में वृद्धि होगी भविष्य के लिए संचय भी कर सकेंगे। दाम्पत्य जीवन मे भी सरसता बनी रहेगी। परिजन आज आपसे कोई आशा लागये रहेंगे इसको थोड़े विलम्ब से परन्तु पूरी अवश्य करेंगे।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप बाहरी दुनिया को छोड़ अधिक समय अपने मे ही मस्त रहेंगे। आवश्यक कार्यो में लापरवाही अथवा टालमटोल करना आर्थिक हानि का साथ ही संबंधों में भी खटास ला सकता है। धार्मिक भावनाएं एवं परोपकारी स्वभाव रहते हुए भी मन से स्वार्थ सिद्धि की भावना नही जाएगी। आज आप अपना काम बनाने के लिए अत्यंत मीठे बन जायेगे इसके विपरीत अन्य लोगो के कार्य करने में उदासीनता दिखाएंगे। धार्मिक स्थान की यात्रा पर खर्च होगा। मध्यान तक आय निम्न रहेगी इसके बाद आकस्मिक लाभ होने की संभावना है। गृहस्थ में कुछ कटु अनुभव होंगे।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपको अधिकांश कार्यो में शुभ फल की प्राप्ति कराएगा परन्तु आज आप मन ही मन किसी गुप्त चिंता से बेचैन भी रहेंगे। बुजुर्गो का आशीर्वाद एवं पारिवारिक प्रतिष्ठा का लाभ व्यापार में मिलेगा। बाहरी लोग अन्य की अपेक्षा आपसे व्यवहार बनाना अधिक पसंद करेंगे इसका मुख्य कारण आज के दिन आपका आकर्षक व्यक्तित्त्व रहेगा। नौकरी पेशा जातक पदोन्नति अथवा अतिरिक्त आय की उम्मीद में रहेंगे जिसमे कुछ हद तक सफल हो जाएंगे। किसी की पुरानी उधारी चुकता होने से राहत मिलेंगी। गृहस्थ की आवश्यकता समय पर पूर्ण करने से शांति बनी रहेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपके लिए आज का दिन प्रतिकूल परिस्थितियों वाला रहेगा। घर एवं कार्य क्षेत्र पर सहयोग की कमी रहेगी। व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से परिश्रम भी अधिक करना पड़ेगा फिर भी लाभ होने की जगह किसी गलती के कारण हानि उठानी पड़ेगी। मन विषय वासनाओ में अधिक भटकेगा। आज आपको लाभ पाने के लिए व्यवहार में कोमलता रखनी पड़ेगी। अतिआवश्यक कार्यो को आज आगे के लिए टालना बेहतर रहेगा। उधारी के व्यवहार बढ़ने आर्थिक स्थिति खराब होगी। संध्या के समय थोड़ा बहुत धन लाभ होने से आवश्यक खर्च निकाल लेंगे।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहेगा। कार्य व्यवसाय में लाभ के अवसर मिलेंगे सहकर्मी बिना बोले सहयोग करने के लिए तैयार रहेंगे। जोखिम वाले कार्य शेयर सट्टे आदि से धन कोष में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा अंत समय पर टल सकती है। आज आप मन इच्छित वस्तुओं पर आसानी से खर्च कर सकेंगे। घर मे सुख सुविधा के साधन बढ़ेंगे परिजन भी आज आपके व्यवहार से प्रसन्न रहेंगे। प्रेम प्रसंगों में समय एवं धन खर्च करेंगे लेकिन इसका सार्थक परिणाम भी मिलेगा। संध्या के समय आकस्मिक लाभ होने से रोमांचित रहेंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आप शांति से बिताएंगे। दिन के आरंभ में किसी कार्य को लेकर जल्दबाजी रहेगी इसके बाद लगभग सभी कार्यो को आराम से ही करेंगे। आज आप किसी भी काम को लेकर ज्यादा भागदौड़ करने के मूड में नही रहेंगे। सहज जितना प्राप्त होगा उसी में संतोष कर लेंगे। व्यवसाय में निवेश करेंगे परन्तु इसका लाभ शीघ्र नही मिल सकेगा निकट भविष्य में अवश्य ही धन दुगना होकर मिलेगा। घर का वातावरण भी आज सुख की अनुभूति कराएगा परिजनों के साथ हास्य परिहास ने समय व्यतीत होगा। परिजन मनोकामना पूर्ति करेंगे।
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