🙏🏻 हर हर महादेव🙏🏻
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 30 अप्रैल 2025*
🌤️ *दिन – बुधवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *मास – वैशाख*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – तृतीया दोपहर 02:12 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
🌤️ *नक्षत्र – रोहिणी शाम 04:18 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
🌤️ *योग – शोभन दोपहर 12:02 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 12:36 से दोपहर 02:13 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 06:09*
🌤️ *सूर्यास्त – 07:02*
👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- अक्षय तृतीया,(पूरा दिन शुभ मुहूर्त),आखा तीज,त्रेता युगादि तिथि*
💥 *विशेष- तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *अक्षय तृतीया* 🌷
➡️ *30 अप्रैल 2025 बुधवार को अक्षय तृतीया हो।*
🙏🏻 *’अक्षय’ शब्द का मतलब है- जिसका क्षय या नाश न हो। इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है अतः इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते हैं। भविष्यपुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है। इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका बड़ा ही श्रेष्ठ फल मिलता है। इस दिन सभी देवताओं व पित्तरों का पूजन किया जाता है। पित्तरों का श्राद्ध कर धर्मघट दान किए जाने का उल्लेख शास्त्रों में है। वैशाख मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है अतः विशेषतः विष्णु जी की पूजा करें।*
🙏🏻 *स्कन्दपुराण के अनुसार, जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रातः स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करके कथा सुनते हैं, वे मोक्ष के भागी होते हैं। जो उस दिन मधुसूदन की प्रसन्नता के लिए दान करते हैं, उनका वह पुण्यकर्म भगवान की आज्ञा से अक्षय फल देता है।*
🙏🏻 *भविष्यपुराण के मध्यमपर्व में कहा गया है वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया में गंगाजी में स्नान करनेवाला सब पापों से मुक्त हो जाता है | वैशाख मास की तृतीया स्वाती नक्षत्र और माघ की तृतीया रोहिणीयुक्त हो तथा आश्विन तृतीया वृषराशि से युक्त हो तो उसमें जो भी दान दिया जाता है, वह अक्षय होता है | विशेषरूप से इनमें हविष्यान्न एवं मोदक देनेसे अधिक लाभ होता है तथा गुड़ और कर्पूर से युक्त जलदान करनेवाले की विद्वान् पुरुष अधिक प्रंशसा करते हैं, वह मनुष्य ब्रह्मलोक में पूजित होता है | यदि बुधवार और श्रवण से युक्त तृतीया हो तो उसमें स्नान और उपवास करनेसे अनंत फल प्राप्त होता हैं |*
🌷 *अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं ।*
*तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया ।*
*उद्दिश्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यै: ।*
*तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव ।।*
🙏🏻 *अर्थ : भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठरसे कहते हैं, हे राजन इस तिथि पर किए गए दान व हवन का क्षय नहीं होता है; इसलिए हमारे ऋषि-मुनियोंने इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहा है । इस तिथि पर भगवानकी कृपादृष्टि पाने एवं पितरोंकी गतिके लिए की गई विधियां अक्षय-अविनाशी होती हैं ।*
।। राम ।।
एक ज्ञानवर्धक एवं रोचक प्रस्तुति!!!!!
जहाँ सूर्य की किरणे हो वही प्रकाश होता है, जहाँ भगवान के दर्शन हो वही भव पार होता है,जहाँ संतो की वाणी हो वही उद्धार होता है और जँहा प्रेम की भाषा हो वही परिवार होता है।
मित्रो, बहुत आनन्दमय् प्रसंग है, जब माता जानकीजी के साथ प्रभु चौदह वर्ष के लिये वनवास को पधार रहे थे, भगवान् श्री रामजी सीताजी से कहते हैं देवी आप थक गयीं होगी, माँ जानकीजी ने हँसते हुये कहती है भगवन्! मैं तो हर क्षण आपके चरण कमलों को देख रही थी, मुझे मार्ग में चलने से थकान कैसे हो सकती है।
माता जानकीजी प्रभु से कहती है कि भगवन् जिनको बाग में भी मैंने देखा था, पुष्प चुनने में भी पसीना आ रहा था, यह बात उस समय की है जब भगवान् श्री रामजी ऋषि विश्वामित्रजी के साथ सीताजी के स्वयंवर में गये थे तब लक्ष्मणजी के साथ पुष्प वाटिका में पुष्प लेने गये थे, तब सीताजी की प्रभु की पहली भेट वहीं हुई थी, माँ सीताजी कह रहीं है कि मुझे यही चिन्ता लगी थी कि इतने कोमल चरण धरती पर कैसे चलते होंगे?
मोहि मग चलत न होइहिं हारी।
छिनु छिनु चरन सरोज निहारी।।
ये संसार की यात्रा का नियम है, यदि चलते हुए थकान से दूर रहना चाहते हो तो प्रभु चरणों का चिन्तन करते चलो, भक्ति का यही नियम है, साधु जिसका नाम जप कुटिया में बैठकर करता है उसके चरणों का भी दर्शन करता है, उनकी लीलाओं का भी दर्शन करता है, विभीषणविभीषणजी लंका से चले हैं अभी पहुँचे भी नहीं हैं, पूरी लीला ध्यान में आ गयीं।
जिन चरणों ने जनकपुर को दिव्य बनाया, जिन चरणों ने दण्डकवन को पावन किया, जिन चरणों की पादुकाओं की श्री भरतजी सेवा कर रहे हैं, उनका दर्शन करूँगा ऐसे विचार रास्ते में ही आ रहे हैं, जाने की सोचने से ही भगवान के श्री चरणों के दर्शन हो जाते हैं, संसार और भक्ति की यात्रा का मूल अन्तर यही है, संसार की यात्रा में तो शीघ्र पहुँचने का आनन्द है जबकि भक्ति की यात्रा में विलम्ब का आनन्द है, जितनी देर से पहुँचे उतना ही आनन्द है।
मैंने संतों के श्रीमुख से सुना है एक भक्त प्रभु के दर्शन करके लौटा लेकिन थोड़ी देर में पुनः प्रभु की ओर चलने लगा, किसी ने पूछा भाई तुम तो पहुँच कर भी लौट आये? अब क्यों जा रहे हो? उसने कहा भाईजी क्या बतायें मार्ग में ऐसा आनन्द आया है मन करता है कि लोट कर बार-बार चलते रहें, हमारे ग्रन्थों का हम पाठ करते हैं, कोई रामायण का, कोई गीता का, कोई पाँच बार पाठ करता है, कोई ग्यारह बार तो कोई इक्कीस तो कोई एक सौ आठ बार, कोई जीवन भर करते ही रहते है।
मन करता है और करूँ, और करूँ, कहीं जाना होता है तो हम सीधा मार्ग पकड़ते है और मंदिर में परिक्रमा, वहीं घूमते रहते हैं, घूम कर आये फिर दर्शन, साध्य के साथ-साथ साधन का भी अपना आनन्द है इसलिये भक्त लोग भगवान के दर्शन की ज्यादा आकाँक्षा नहीं रखते, बस सुमिरन का आनन्द, उनका नाम लेते रहना, ऐसे ही श्री भरतजी में दैन्यता की पराकाष्ठा है, कैसा दैन्य भाव?
दण्डवत करते जब भाव आता है कि बन गमन मेरे कारण हुआ है तो मन में लौट जाने की इच्छा होती है पर भरतजी जब भगवान् के स्वभाव को याद करते हैं तो पैर आगे पडने लगते हैं, भरतजी को अब एक ही भरोसा आगे बढा रहा है कि भगवान् अपना जानकर त्यागेंगे नहीं, किसी ने पूछा अगर प्रभु तुम्हारा अपमान कर दें तो? बोले इसकी कोई चिन्ता नहीं।
मैं तो रामजी की चरण पादुकाओं की शरण में जा रहा हूँ, चित्रकूट के निकट भरतजी में प्रेम की दिव्य अवस्था का महाभाव पैदा हो गया, आज इस दृश्य को देखकर केवट भी भाव विह्वल हो गया, देखो गजब क्या हो रहा है? मार्ग दिखाने वाला ही मार्ग भूल गया।
सखहिं सनेह बिबस मग मूला।
कहि सुपंथ सुर बरषहिं फूला।।
मित्रो! प्रेम की महादशा देखिये, भरतजी के साथ केवट भी भाव विभोर हो गया, जो केवट मार्ग दर्शन करने चला था वो भी आनन्द में इतना पागल हो गया कि मार्ग भी भूल गया, देवता जय घोष करने लगे और पुष्पवृष्टि करके मार्ग दर्शन कर रहे हैं, देखो भाईयों संसार के पथ में अगर मार्ग भूल जायें तो समझो सर्वनाश लेकिन कोई भक्ति या प्रेम के पथ में भटक जाये तो कल्याण ही हो जाये।
सुतीक्षणजी की कथा आपने श्री हनुमानजी की कथा में पढी होगी, सुतीक्षणजी का यही तो हाल हुआ, सुतीक्षणजी प्रभु से मिलने चले लेकिन मार्ग में विचार करने लगे कि मैंने तो कोई भजन पाठ किया नहीं, मुझे तो कुछ मालूम नहीं क्या मेरे जैसे मूर्ख पर भी प्रभु दया करेंगे? सुतीक्षणजी ने जब अपनी ओर देखा तो एक ही बात उनके ध्यान में आयी।
मैंने कोई भक्ति नहीं की ना मेरे अन्दर कोई विरक्ति है, ना कोई ज्ञान है, मेरे अन्दर तो कोई गुण नहीं है लेकिन अचानक प्रभु के स्वभाव की याद आ गयी, वे सब कुछ भूल कर मार्ग में बैठ गये, इधर भगवान प्रतीक्षा कर रहे हैं कि सुतीक्षणजी आ रहे हैं, लेकिन बहुत देर हो गयी, प्रभु ने लक्ष्मण से कहा लखन! सुतीक्षणजी मिलने आ रहे थे पर आये ही नहीं? भगवान समझ गये कि लगता है भक्त रास्ता भूल गया, इसलिये जब भूल ही गया है तो मुझे ही चलना पडेगा, मैं ही खोजूँगा।
मित्रो! मैं सत्य कहता हूँ भगवान् को खोजने मत जाना, कहाँ खोजोगे भगवान् को? हमको तो कोई अता पता है नहीं, भगवान् की बैठकर प्रतीक्षा करो तो वो ही खोजते-खोजते आपके द्वार पर आकर खडे हो जायेंगे, शबरी कुटिया के बाहर भगवान को खोजने नहीं गयी, शबरी की कुटिया को खोजते-खोजते भगवान् ही स्वयं आ गये, देखो न इधर सुतीक्षणजी प्रभु के ध्यान में लीन हैं।
मुनिहि राम बहु भाँति जगावा।
जाग न ध्यान जनित सुख पावा।।
बार-बार भगवान जगा रहे हैं, मुनि जागो, मुनि जागो, सुतीक्षणजी ध्यान में डूबे हैं, इसका अर्थ है प्रेम के बन में अगर कोई मार्ग भूल जायें तो खोजने के लिये फिर भगवान को ही आना पड़ता है, इसलिये सज्जनों! भगवान् को ढूंढो मत, भगवान् के नाम और स्मरण में डूब जाओं, भगवान् स्वयं आप तक पहुँच जायेंगे।
जय श्री रामजी!
जय श्री हनुमानजी
।। हर हर महादेव शम्भो काशी विश्वनाथ वन्दे।।
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞अप्रैल 2025 में पंचक 23 अप्रैल, बुधवार को रात 12:31 बजे से शुरू होकर 27 अप्रैल, रविवार को दोपहर 3:39 बजे तक रहेगा.
🙏🏻🌷🌸🌼💐☘🌹🌻🌺🙏🏻
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं। ऐसे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अकसर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं।
शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30
शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9,
शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052,
ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु
शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। आपके लिए यह वर्ष सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे।
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आप घरेलू संबंधों अथवा कार्यो को लेकर अत्यंत लापरवाह रहेंगे घरेलू कार्य या तो भूल जाएंगे या याद रहने पर भी टालने से परिजनों से गरमा गरमी हो सकती है। संताने भी आज जिद्दी व्यवहार करेंगी जिनको पूरी करने पर खर्च करना पड़ेगा इसकारण यात्रा भी हो सकती है। कार्य व्यवसाय से आशा न होने पर भी अकस्मात धन लाभ होगा जिससे थोड़ी राहत मिलेगी ज्यादा दौड़ धूप करने से बचेंगे फिर भी किसी न किसी कारण से करनी ही पड़ेगी। घर मे छोटे भाई बहन अथवा मित्रो, नौकरों से भी बहस होगी लेकिन नतीजा कुछ नही निकलेगा। संध्या का समय शांतिदायक रहेगा एकांत में रहना पसंद करेंगे दिन की तुलना में संतोषि भी रहेगें। हाथ, कान संबंधित समस्या रह सकती है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप असमंजस की स्थिति में रहेंगे आपका स्वभाव पल पल में बदलने से लोग आपके ऊपर विश्वास नही करेंगे एक पल में आध्यात्मिक बाते करेंगे अगले ही पल मौज शौक में रुचि दिखाने से लोगो के बीच हास्य के पात्र बनेंगे आपकी छवि भी आडम्बरी जैसी बनेगी। कार्य व्यवसाय में ले देकर लाभजनक स्थिति बना लेंगे लेकिन इसके लिये किसी की खुशामद भी करनी पड़ेगी धन लाभ जरूरत के अनुसार हो ही जायेगा। नौकरी पेशाओ को अधिकारी वर्ग की बातों को अनसुना करने पर फटकार लग सकती है। गृहस्थी में माता को छोड़ अन्य किसी से नही बनेगी पति पत्नी में धन अथवा खर्च के कारण बहस होगी। भूमि भवन वाहन सुख मिलेगा लेकिन किसी अन्य के भाग्य से। सेहत कुछ समय के लिये प्रतिकूल होगी।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपको कार्य क्षेत्र पर कल जैसी अनुकूलता नही मिलेगी फिर भी छोटे मोटे कार्यो में सफलता मिलने से धन की आमद निश्चित होगी। शरीर आलस्य में रहने के कारण आज ज्यादा उलझनों में पड़ने से बचेंगे घरलू कार्य भी चार बाते सुनने के बाद ही करेंगे। मध्यान तक दिनचार्य अस्त व्यस्त रहेगी मित्र अथवा रिश्तेदारी में जाने के कारण अन्य कार्यो में फेरबदल करना पड़ेगा। मध्यान बाद का समय दिन की तुलना में बेहतर रहेगा खर्च करने के बाद सुख सुविधा और आनंद में वृद्धि होगी। महिलाओ में आज अन्य लोगो से तुलना करने पर हीं भावना आएगी। धार्मिक अथवा पर्यटन क्षेत्र की योजना बनते बनते अंत समय मे निरस्त करने पर घर मे उदासीनता छाएगी। सेहत आज संध्या बाद खराब हो सकती है।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपको सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान दिलाएगा आप भी आज परोपकार में रुचि लेंगे धार्मिक क्षेत्र पर भी दान पुण्य करने के अवसर मिलेंगे परन्तु दिखावे की वृत्ति भी रहेगी। ठाठ-बाट की जीवनशैली रहने पर समाज मे आपकी पहचान धनी जैसी बनेगी। कार्य क्षेत्र पर आज समय कम देंगे फिर भी अल्प समय मे दिन भर की पूर्ति हो जाएगी। धन लाभ एक हाथ से होगा दूसरे हाथ से चला जायेगा। मध्यान बाद भी लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन मनोरंजन में रुचि होने पर ज्यादा ध्यान नही देंगे। लंबी दूरी की यात्रा के प्रसंग बनेंगे परन्तु किसी कारण स्थगित करने पड़ेंगे अगर करनी भी पड़े तो सामान और सेहत का अधिक ध्यान रखें। घरेलू वातावरण में विश्वास की कमी दिखेगी इसलिये बाहर समय बिताना अधिक भायेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपको कामना पूर्ति के अवसर देगा लेकिन आलस्य और लापरवाही इसमे बाधक भी बनेगा इनसे बचने का प्रयास करे तो दिन से आशाजनक लाभ उठा सकते है। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी सर उठाएंगे फिर भी आप अपने कार्यकुशलता और सामाजिक प्रतिष्ठा के बल पर इनका शमन कर देंगे। व्यवसाय में आरम्भिक मशक्कत के बाद दोपहर बाद से लाभ मिलने लगेगा जो रात्रि तक रुक रुक कर चलता रहेगा। सामाजिक क्षेत्र पर किसी के वैर विरोध का सामना करना पड़ेगा। सरकारी उलझनों में फंसने की भी संभावना है अनैतिक कार्यो से बचे अन्यथा फल विपरीत भी हो सकते है। गृहस्थ में भी थोड़ा विरोध का सामना करना पड़ेगा लेकिन यहाँ विजय आपकी ही होगी। दूर के व्यवसाय अथवा संबंध से आकस्मिक लाभ होगा। ठंड से बचे जुखाम बुखार की समस्या हो सकती है।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन सुख शांति की चाह में रहेंगे लेकिन फल इसके विपरीत ही मिलेगा। आज दिन के पूर्वार्ध को छोड़ मध्यान बाद तक किसी न किस काम से भाग दौड़ लगी रहेगी। घर मे आज मन नही लगेगा लेकिन कई दिनों से लटके घरेलुकार्य आज एकसाथ सर पर आने से असहजता बनेगी फिर भी मध्यान तक धीरे धीरे काफी हद तक पूर्ण कर लेंगे। परिजनों का व्यवहार अत्यंत स्वार्थी रहेगा कामनापूर्ति करने पर ही चैन से बैठने देंगे। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा धन लाभ की आशा ना रखे नाहाई ज्यादा समय देंगे जिससे सीमित लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। संध्या के समय वरिष्ठ लोगो के टोकने के बाद भी किसी की नही सुनेंगे अपने मन की करेंगे बाद में पछतायेंगे भी। मनोरंजन के अवसर मिलेंगे पर अनैतिक कार्यो से बचे सेहत अकस्मात खराब हो सकती है।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन भी सेहत का साथ कम मिलेगा लेकिन बीते कल की तुलना में सुधार भी आयेगा। मध्यान तक कार्यो के प्रति लापरवाही करेंगे सोचने में ही समय खराब होगा मध्यान बाद व्यवसाय में अधूरे कार्य को पूर्ण करने की चिंता में रहेंगे प्रयास करने पर भी पूरे नही कर सकेंगे अधिकारी वर्ग से अनबन होगी। लेकिन थोड़ा बहुत धन लाभ जोड़ तोड़ कर कही न कही से अवश्य हो जाएगा। मध्यान बाद आरोग्य लाभ मिलेगा लेकिन कार्य करने की जगह मनोरंजन एवं व्यर्थ की गतिविधियों में रुचि लेंगे। विवेक से काम ले आज भी कामोतेजना अधिक रहेगी रंगीन मिजाजी के कारण घर मे कलह हो सकती है। गृहस्थी के कार्यो मे रुचि नही लेंगे बल्कि आस पड़ोसियों की बाते सुनने में आनंद आएगा। छोटी यात्रा हो सकती है।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन शुभफलों की प्राप्ती कराएगा। कई दिनों से चल रही योजना अथवा मनोकामना के आज पूर्ण होने से मानसिक रूप से प्रसन्न रहेंगे लेकिन शरीर मे ठंड के कारण छोटे मोटे विकार लगे रहेंगे फिर भी दिनचार्य को ज्यादा प्रभावित नही होने देंगे। नौकरिपेशाओ के लिये भी दिन विजय दिलाने वाला रहेगा आज सहयोग की कमी रहने के बाद भी अपने पराक्रम और भाग्य का साथ मिलने से जटिल कार्यो को हल करने पर अधिकारियों की प्रशंसा के पात्र बनेंगे। व्यवसायी एवं नौकरी पेशा दोनो को ही नियमित आय से संतोष करना पड़ेगा अतिरिक्त आय बनाने के प्रलोभन से बचे अन्यथा परेशानी होगी। घर मे पति-पत्नी अथवा किसी अन्य से थोड़ी कलह के बाद ही शांति मिलेगी।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिये धूप छांव जैसी परिस्थिति बनाएगा एक पल में किसी शुभ समाचार से उत्साहित होंगे तो अगले ही पल किसी अन्य कारण से निराशा बनेगी। दिन के आरंभिक भाग में कम समय मे ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने की योजना बनाएंगे आपकी कार्य शैली भी इसी के अनुसार ही रहेगी लेकिन मन मे हद से ज्यादा स्वार्थ सिद्धि की भावना पूर्ण सफल नही होने देगी उल्टे पुराने व्यवहारों में खटास बनेगी। नौकरी पेशा भी अनैतिक मार्ग से लाभ उठाने का प्रयास करेंगे सफल भी होंगे लेकिन प्रलोभन बढ़ने पर बदनामी भी हो सकती है। आर्थिक लाभ आज अवश्य होगा पर जिस समय आशा नही होगी तब ही। घर मे छोटे मोटे सुख के साधनों पर खर्च करना पड़ेगा। विद्युत उपकरणों से सतर्क रहें। यात्रा लाभदायक रहेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप अधिक स्वाभिमानी रहेंगे। बुद्धि विवेक का परिचय हर क्षेत्र पर देंगे पराक्रम शक्ति भी प्रबल रहेगी किसी का सहयोग जल्दी से नही लेंगे लेकिन जिस समय सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी उस समय मिलेगा नही। कार्य क्षेत्र पर व्यवसाय की गति धीमी रहेगी फिर भी चालाकी से खर्च योग्य आय बना ही लेंगे
विरोधी लोग भी आपकी कार्य कुशलता की पीठ पीछे प्रशंसा करेंगे जिससे मन मे अभिमान आएगा। मध्यान बाद किसी से आर्थिक मामलों को लेकर खींचतान हो सकती है यहाँ धैर्य का परिचय दे अन्यथा भविष्य के लिये नई समस्या खड़ी होगी। घर का वातावरण लगभग सामान्य ही रहेगा फिर भी पति-पत्नी अकड़ छोड़ एक दूसरे का सहयोग करे तो व्यर्थ की बहस से बचेंगे। आरोग्य कुछ पुराने रोग को छोड़ ठीक रहेगा।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपको धैर्य से काम लेने की सलाह है मानसिक संतुलन कम रहेगा स्वयं कुछ भी कहेंगे करेंगे लेकिन किसी अन्य के करने पर लड़ाई पर उतारू हो जाएंगे। दिन के पूर्वार्ध में परिजन अथवा किसी अन्य से गलतफहमी बनेगी जल्दबाजी में कोई निर्णय ना ले अन्यथा बाद में पछतावा होगा। महिलाए भी बोलने से पहले विचार करें बेतुकी बातो से अपना ही सम्मान घटेगा। कार्य क्षेत्र पर धन अथवा किसी वस्तु के कारण झगड़ा हो सकता है यहाँ भी व्यवहारिकता से काम ले नही तो व्यवहार खराब होंगे। धन लाभ पाने के लिये आज बौद्धिक के साथ शारीरिक परिश्रम भी करना पड़ेगा तब जाकर काम चलाऊ हो सकेगा। मन मे गुप्त योजनाए बनाएंगे इनसे लाभ भी उठाएंगे लेकिन ध्यान रहे इससे किसी का अहित ना हो। संध्या पश्चात का समय दिन की तुलना में आरामदायक रहेगा लेकिन पुरानी बातों को ना कुरेदे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन भी आपके लिये कुछ न कुछ लाभ देकर जाएगा दिन के आरंभ में कामो की गति धीमी रहेगी दैनिक कार्य भी आलस्य में करेंगे लेकिन मध्यान से पहले बाहर घूमने की योजना बनने पर शरीर मे चुस्ती आ जायेगी दिन का अधिकांश समय यात्रा पर्यटन में बीतेगा उत्तम भोजन वाहन सुख मिलने से मन प्रसन्न भी रहेगा लेकिन सेहत में नरमी आने से रंग में भंग पड़ने वाली स्थिति बनेगी। कार्य क्षेत्र के प्रति आज उदासीन रहेंगे अन्य लोगो के भरोसे रहने के कारण उचित लाभ से वंचित रह जाएंगे फिर भी धन लाभ जरूरत के अनुसार हो ही जायेगा। घरेलू सामान की आवश्यकता पड़ने पर भी कंजूस वृति के कारण खर्च करने में आनाकानी करेंगे जिससे परिजनों से कहासुनी होगी। संध्या के समय पेट की समस्या गैस कब्ज वमन की शिकायत रहेगी।
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