🙏🏻 हर हर महादेव🙏🏻
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌤️ दिनांक – 30 मार्च 2025
🌤️ दिन – रविवार
🌤️ विक्रम संवत – 2082
🌤️ शक संवत -1947
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – वसंत ॠतु
🌤️ मास – चैत्र
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – प्रतिपदा दोपहर 12:49 तक तत्पश्चात द्वितीया
🌤️ नक्षत्र – रेवती शाम 04:35 तक तत्पश्चात अश्वनी
🌤️ योग – इन्द्र शाम 05:54 तक तत्पश्चात वैधृति
🌤️ राहुकाल – शाम 05:20 से शाम 06:53 तक
🌤️ सूर्योदय – 06:34
🌤️ सूर्यास्त – 06:51
👉 दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे
🚩 व्रत पर्व विवरण- राष्ट्रीय चैत्री नूतन वर्ष वि•सं• 2082 प्रारंभ शालिवाहन शक 19:47 प्रारंभ,गुडी पडवा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त),ध्वजारोहण,चैत्री वासंती नवरात्र प्रारंभ चेटीचंड,श्री झूलेलाल जयंती,चंद्र-दर्शन (शाम 06:42 से रात्रि 07:45 तक),पंचक (समाप्त शाम 04:35)
💥 विशेष- प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
*।। जय श्री राम जय महावीर हनुमान ।।*
बहुत सारे लोग अपनी दिनचर्या श्रीहनुमान चालीसा पढ़कर शुरू करते हैं। क्या आप जानते हैं कि- श्रीहनुमान चालीसा में ४० चौपाइयां हैं, ये उस क्रम में लिखी गई हैं जो एक आम आदमी की जिंदगी का क्रम होता है।
माना जाता है तुलसीदास ने चालीसा की रचना मानस से पूर्व किया था। हनुमान को गुरु बनाकर उन्होंने राम को पाने की शुरुआत की।
अगर आप सिर्फ हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं तो यह आपको भीतरी शक्ति तो दे रही है, लेकिन अगर आप इसके अर्थ में छिपे जिंदगी के सूत्र समझ लें तो आपको जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिला सकते हैं।
हनुमान चालीसा सनातन परंपरा में लिखी गई पहली चालीसा है शेष सभी चालीसाएं इसके बाद ही लिखी गई।
हनुमान चालीसा की शुरुआत से अंत तक सफलता के कई सूत्र हैं। आइए जानते हैं हनुमान चालीसा से आप अपने जीवन में क्या-क्या बदलाव ला सकते हैं-
* शुरुआत गुरु से *
हनुमान चालीसा की शुरुआत ‘गुरु’ से हुई है-
श्रीगुरु चरन सरोज रज,निज मनु मुकुरु सुधारि।
अर्थ-
अपने गुरु के चरणों की धूल से अपने मन के दर्पण को साफ करता हूं।
गुरु का महत्व चालीसा की पहले दोहे की पहली लाइन में लिखा गया है। जीवन में गुरु नहीं है तो आपको कोई आगे नहीं बढ़ा सकता। गुरु ही आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं।
इसलिए तुलसीदास ने लिखा है कि गुरु के चरणों की धूल से मन के दर्पण को साफ करता हूं। आज के दौर में गुरु हमारा मेंटोर भी हो सकता है, बॉस भी। माता-पिता को पहला गुरु ही कहा गया है।
समझने वाली बात ये है कि गुरु यानी अपने से बड़ों का सम्मान करना जरूरी है। अगर तरक्की की राह पर आगे बढ़ना है तो विनम्रता के साथ बड़ों का सम्मान करें।
चालीसा की चौपाई है-
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
अर्थ-
आपके शरीर का रंग सोने की तरह चमकीला है, सुवेष यानी अच्छे वस्त्र पहने हैं, कानों में कुंडल हैं और बाल संवरे हुए हैं।
आज के दौर में आपकी तरक्की इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप रहते और दिखते कैसे हैं। फर्स्ट इंप्रेशन अच्छा होना चाहिए।
अगर आप बहुत गुणवान भी हैं लेकिन अच्छे से नहीं रहते हैं तो ये बात आपके करियर को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, रहन-सहन और ड्रेसअप हमेशा अच्छा रखें।
हनुमान चालीसा में छिपे मैनेजमेंट के सूत्र-
सिर्फ डिग्री काम नहीं आती।
बिद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
अर्थ-
आप विद्यावान हैं, गुणों की खान हैं, चतुर भी हैं। राम के काम करने के लिए सदैव आतुर रहते हैं।
आज के दौर में एक अच्छी डिग्री होना बहुत जरूरी है। लेकिन चालीसा कहती है सिर्फ डिग्री होने से आप सफल नहीं होंगे। विद्या हासिल करने के साथ आपको अपने गुणों को भी बढ़ाना पड़ेगा, बुद्धि में चतुराई भी लानी होगी। हनुमान में तीनों गुण हैं, वे सूर्य के शिष्य हैं, गुणी भी हैं और चतुर भी।
अच्छा लिसनर बनें-
प्रभु चरित सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
अर्थ-
आप राम चरित यानी राम की कथा सुनने में रसिक है, राम, लक्ष्मण और सीता तीनों ही आपके मन में वास करते हैं। जो आपकी प्रायोरिटी है, जो आपका काम है, उसे लेकर सिर्फ बोलने में नहीं, सुनने में भी आपको रस आना चाहिए। अच्छा श्रोता होना बहुत जरूरी है। अगर आपके पास सुनने की कला नहीं है तो आप कभी अच्छे लीडर नहीं बन सकते।
कहां, कैसे व्यवहार करना है ये ज्ञान जरूरी है-
सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रुप धरि लंक जरावा।।
अर्थ-
आपने अशोक वाटिका में सीता को अपने छोटे रुप में दर्शन दिए। और लंका जलाते समय आपने बड़ा स्वरुप धारण किया। कब, कहां, किस परिस्थिति में खुद का व्यवहार कैसा रखना है, ये कला हनुमानजी से सीखी जा सकती है।
सीता से जब अशोक वाटिका में मिले तो उनके सामने छोटे वानर के आकार में मिले, वहीं जब लंका जलाई तो पर्वताकार रुप धर लिया। अक्सर लोग ये ही तय नहीं कर पाते हैं कि उन्हें कब किसके सामने कैसा दिखना है।
अच्छे सलाहकार बनें-
तुम्हरो मंत्र बिभीसन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।
अर्थ-
विभीषण ने आपकी सलाह मानी, वे लंका के राजा बने ये सारी दुनिया जानती है। हनुमान सीता की खोज में लंका गए तो वहां विभीषण से मिले। विभीषण को राम भक्त के रुप में देख कर उन्हें राम से मिलने की सलाह दे दी।
विभीषण ने भी उस सलाह को माना और रावण के मरने के बाद वे राम द्वारा लंका के राजा बनाए गए। किसको, कहां, क्या सलाह देनी चाहिए, इसकी समझ बहुत आवश्यक है। सही समय पर सही इंसान को दी गई सलाह सिर्फ उसका ही फायदा नहीं करती, आपको भी कहीं ना कहीं फायदा पहुंचाती है।
आत्मविश्वास की कमी ना हो-
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही।
जलधि लांघि गए अचरज नाहीं।।
अर्थ-
राम नाम की अंगुठी अपने मुख में रखकर आपने समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई अचरज नहीं है।
अगर आपमें खुद पर और अपने परमात्मा पर पूरा भरोसा है तो आप कोई भी मुश्किल से मुश्किल टॉस्क को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
आज के युवाओं में एक कमी ये भी है कि उनका भरोसा बहुत टूट जाता है। आत्मविश्वास की कमी भी बहुत है। प्रतिस्पर्धा के दौर में आत्मविश्वास की कमी होना खतरनाक है। अपने आप पर पूरा भरोसा रखें।
🚩⚜️🕉️🪔🛕🔱🚩⚜️🕉️🪔
🛕🪔इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत रविवार 30 मार्च 2025 से हो रही है
🛕🪔चैत्र नवरात्रि 2025 का पहला दिन, घटस्थापना के साथ पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
⚜️🛕🪔🕉️🚩⚜️🛕🪔🕉️🚩
🛕🪔हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि की तरह ही चैत्र मास में पड़ने वाली चैत्र नवरात्रि का भी खास महत्व होता है. यह हिंदू वर्ष की पहली नवरात्रि होती है, जिसके साथ नववर्ष (विक्रम संवत) का भी आगमन होता है. चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्तजन पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा भक्ति में लीन रहते हैं. धार्मिक मान्यता अनुसार चैत्र नवरात्रि ऐसा समय होता है जिस दौरान मां दुर्गा पूरे 9 दिनों तक धरती पर वास करती हैं. इसलिए इस दौरान घर-घर माता रानी की पूजा आराधना की जाती है.
🕉️🪔नवरात्रि का त्योहार पूरे 9 दिनों तक मनाया जाता है और घटस्थापना के साथ पूजा की शुरुआत होती है. आइए जानते हैं इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत कब हो रही है, पहले दिन किस देवी की पूजा होगी, घट स्थापना या कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा आदि.
🚩🕉️चैत्र नवरात्रि 2025 का पहला दिन
🚩🪔इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत रविवार 30 मार्च 2025 से हो रही है और इसका समापन रामनवमी के दिन होगा. नवरात्रि के पहले दिन गुड़ी परवा का पर्व मनाया जाएगा और हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी होगी. नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा का महत्व है. प्रथम स्वरूप होने के कारण ही नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा की जाती है. मान्यता है की देवी शैलपुत्री की पूजा आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
🕉️🛕घटस्थापना शुभ मुहूर्त
🛕⚜️नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना करना बेहद जरूरी होता है. घटस्थापना के बाद ही पूजा की शुरुआत की जाती है. रविवार 30 मार्च 2025 को सुबह 6:30 से 10:22 तक का समय कलश स्थापना के लिए बेहद शुभ रहेगा. इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त को भी कलश स्थापना के लिए शुभ माना गया है. इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:50 तक रहेगा.
🪔🕉️घटस्थापना पूजा विधि
🚩⚜️घटस्थापना के लिए सबसे पहले शुद्ध मिट्टी में जौ मिला लें. मां दुर्गा की प्रतिमा के बगल में ही मिट्टी को रखें और इसके ऊपर एक मिट्टी का कलश रखें. कलश में गंगाजल भरकर लौंग, हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा और एक रुपये का सिक्का डालेंते. अब कलश में आम के पत्ते रखकर मिट्टी का ढक्कन लगाकर इसके ऊपर चावल, गेहूं या नारियल रखें. नारियल को रखने से पहले इसमें स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर लाल रंग के कपड़े से लपेटकर कलावा जरूर बांधें. कलश स्थापना के बाद विधि विधान से मां दुर्गा और मां शैलपुत्री की पूजा करें. देवी को सफेद फूल, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, भोग आदि लगाने के बाद घी का दीपक जलाएं और मंत्र उच्चारण करने के बाद आरती करें.
🛕🪔चैत्र नवरात्रि का महत्व
🛕🪔चैत्र नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। यह पूजा शक्ति, साहस, और विजय की प्रतीक मानी जाती है। यह पर्व जीवन में किसी भी प्रकार के सकारात्मक परिवर्तन, उन्नति, और सफलता की प्राप्ति के लिए समर्पित है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा करके भक्त अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति करते हैं। नवरात्रि के समय को विशेष रूप से ध्यान, उपवास, और साधना के लिए आदर्श माना जाता है। भक्त इस समय उपवास रखते हैं, मंत्र जाप करते हैं, और देवी माँ से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा विधि का पालन करते हैं। यह समय आत्मिक शुद्धि, मानसिक शांति और शरीर की ताकत को बढ़ाने के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है।
🛕🪔⚜️🚩🕉️🛕🪔⚜️🚩🕉️
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌷 चैत्र नवरात्रि 🌷
🌷 तप की शक्ति का प्रतीक है मां ब्रह्मचारिणी
🙏🏻 नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही, सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं।
🙏🏻 मां ब्रह्मचारिणी हमें यह संदेश देती है कि जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम के सफलता प्राप्त करना असंभव है। बिना श्रम के सफलता प्राप्त करना ईश्वर के प्रबंधन के विपरीत है। अत: ब्रह्मशक्ति अर्थात समझने व तप करने की शक्ति हेतु इस दिन शक्ति का स्मरण करें। योगशास्त्र में यह शक्ति स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित होती है। अत: समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान चक्र में करने से यह शक्ति बलवान होती है एवं सर्वत्र सिद्धि व विजय प्राप्त होती है।
🙏🏻 कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं मां चंद्रघंटा
नवरात्रि की तृतीया तिथि यानी तीसरा दिन माता चंद्रघंटा को समर्पित है। यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप हैं । इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। असुरों के साथ युद्ध में देवी चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश किया था। नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन किया जाता है। इनके पूजन से साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌷 चैत्र नवरात्रि 🌷
🙏🏻 नवरात्रि की द्वितीया तिथि यानी दूसरे दिन माता दुर्गा को शक्कर का भोग लगाएं । इससे उम्र लंबी होती है ।
तृतीया तिथि यानी की तीसरे दिन को माता दुर्गा को दूध का भोग लगाएं ।इससे दुखों से मुक्ति मिलती है ।
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌷 गणगौर तीज 🌷
🙏🏻 चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज का उत्सव मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 31 मार्च, सोमवार को है। गणगौर उत्सव में मुख्य रूप से माता पार्वती व भगवान शिव का पूजन किया जाता है।भगवान शंकर-माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कुछ उपाय भी कर सकते हैं। ये उपाय इस प्रकार है-
👉🏻 1. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती का अभिषेक आम अथवा गन्ने के रस से किया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां संपत्ति और विद्या का वास रहता है।
👉🏻 2. शिवपुराण के अनुसार, लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
👉🏻 3. माता पार्वती को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।
👉🏻 4. माता पार्वती को शक्कर का भोग लगाकर उसका दान करने से भक्त को दीर्घायु प्राप्त होती है। दूध चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है। मालपुआ चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार की समस्याएं अपने आप ही समाप्त हो जाती है।
👉🏻 5. भगवान शिव को चमेली के फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है। अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
👉🏻 6. भगवान शिव की शमी पत्रों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है। बेला के फूल से पूजन करने पर शुभ लक्षणों से युक्त पत्नी मिलती है। धतूरे के फूल के पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो परिवार का नाम रोशन करता है। लाल डंठल वाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।
👉🏻 7. भगवान शिव पर ईख (गन्ना) के रस की धारा चढ़ाई जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है। शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
👉🏻 8. देवी भागवत के अनुसार वेद पाठ के साथ यदि कर्पूर, अगरु (सुगंधित वनस्पति), केसर, कस्तूरी व कमल के जल से माता पार्वती का अभिषेक करने से सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है तथा साधक को थोड़े प्रयासों से ही सफलता मिलती है।
👉🏻 9. जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है। हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
👉🏻 10. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती को केले का भोग लगाकर दान करने से परिवार में सुख-शांति रहती है। शहद का भोग लगाकर दान करने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाकर दान करने से दरिद्रता का नाश होता है।
👉🏻 11. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति हो सकती है। तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
👉🏻 12. द्राक्षा (दाख) के रस से यदि माता पार्वती का अभिषेक किया जाए तो भक्तों पर देवी की कृपा बनी रहती है।
👉🏻 13. शिवजी को जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है व गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।
👉🏻 14. देवी भागवत के अनुसार, माता पार्वती को नारियल का भोग लगाकर उसका दान करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। माता को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाकर गरीबों को दान करने से लोक-परलोक में आनंद व वैभव मिलता है।
👉🏻 15. माता पार्वती का अभिषेक दूध से किया जाए तो व्यक्ति सभी प्रकार की सुख-समृद्धि का स्वामी बनता है। 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞पंचक
26 मार्च, 2025 (बुधवार) को दोपहर 3:14 बजे शुरू होकर 30 मार्च, 2025 (रविवार) को शाम 4:35 बजे समाप्त होगा.
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं। ऐसे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अकसर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं।
शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30
शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9,
शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052,
ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु
शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। आपके लिए यह वर्ष सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे।
🙏🏻आज का राशिफल 🙏🏻
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज दिन का पहला भाग सभी प्रकार से निराशाजनक रहेगा। जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसी में विलंब होगा। इस अवधि में किसी से सहयोग की भी अपेक्षा ना रखें स्वय ही परिश्रम करना पड़ेगा इसका फल दोपहर बाद स्थिति अनुकूल बनने पर अवश्य मिलेगा। संध्या तक संतोषजनक धन की प्राप्ति हो जाएगी। आर्थिक एवं पारिवारिक स्थिति बेहतर बनेगी। घर मे महिलाओं का अपेक्षित सुख मिलेगा। बाहर घूमने का आनंद लेंगे। खर्च अकस्मात होंगे पर आवश्यक कार्यो पर ही। सभी जगह निर्भय होकर व्यवहार करेंगे।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन व्यावसायिक क्षेत्र में वृद्धि कराएगा। धन लाभ में थोड़ा विलम्ब होगा लेकिन संतोष जनक रहेगा। सहकर्मी आपके सनकी मिजाज से चिढ़ सकते है। संबंधो को लेकर आज चंचलता अधिक रहेगी। परिजनों की बात सुनकर अनदेखी करना राग द्वेष को जन्म देगा। मित्र मंडली में अधिक प्रसन्न रहेंगे। महिलाये आर्थिक उलझन सुलझाने में सहयोग करेंगी। नौकरी पेशा जातक आर्थिक मामलों में विलंब से कुछ समय के लिए परेशान होंगे परन्तु किसी की सहायता मिलने से संतोष होगा।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन शुभ फलदायी है। व्यावसायिक एवं सरकारी कार्यो में थोड़े परिश्रम से सफलता पा लेंगे। सरकारी सहायता मिलने की भी उम्मद है। नौकरी वाले जातक थोड़ी दुविधा में रहेंगे कार्य क्षेत्र पर आलस्य फैलाने के कारण किसी से विवाद हो सकता है। आज कार्यो में सफलता निश्चित रहेगी परन्तु आलस्य का त्याग कर मन को एक जगह केंद्रित रखना आवश्यक है। प्रेम प्रसंगों में आसक्ति रहेगी। महिलाये शारीरिक रूप से बेहतर अनुभव करेंगी आकस्मिक क्रोध आने की समस्या भी रहेगी। धर्म-कर्म में समय देंगे।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन सुख चैन से व्यतीत करेंगे। कार्यो की अपेक्षा आराम को अधिक महत्त्व देंगे। लापरवाही के कारण संभावित लाभ से वंचित रह सकते है। पारिवारिक माहौल कुछ समय के लिए उथल-पुथल हो सकता है लेकिन महिला एवं बुजुर्गो की कुशलता से स्थिति नियंत्रण में रहेगी। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा फिर भी कार्यो को धीमी गति से करेंगे। मन पर्यटन प्रवास की ओर आकर्षित रहेगा। संध्या का समय अधिक शान्त रहेगा। आज व्यय बने रहेंगे पर आय खर्च से अधिक रहेगी। महिलाये अधिक कार्यभर से कुछ समय के लिए धैर्य खो सकती है।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आप किसी गुप्त आशंका से भयभीत रह सकते है दैनिक कार्य भी इस वजह से प्रभावित रहेंगे। परोपकार करने पर भी आलोचना ही मिलेगी। गृहस्थ के कार्यो में अरुचि दिखाएंगे। लेकिन धर्म कर्म में आज दृढ़ विश्वास रहेगा। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा एवं पूजा पाठ का आयोजन करेंगे। गृहस्थ का वातावरण महिला एवं बच्चों के कारण अकस्मात उग्र बनेगा। आसपडोसियो से आज संयमित व्यवहार रखें। कार्य व्यवसाय में मध्यान के आस-पास अचानक उछाल आने से धन के मार्ग प्रशस्त होंगे। सामाजिक क्षेत्र पर ज्यादा सतर्कता बरतें।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन कार्यो में विजय दिलाएगा फिर भी कुछ कार्य अधूरे रहने का मलाल भी रहेगा। आज ध्यान रखें जिस भी कार्य को अधूरा छोड़ेंगे उसे पुनः आरम्भ नही कर सकेंगे। काल्पनिक विचार कुछ हद तक साकार करने का दिन है इसका लाभ उठाएं। शारीरिक समस्याएं बीच मे थोड़ा परेशान कर सकती है। आलस्य के कारण काम से भागेंगे। परिवार में आज इच्छापूर्ति ना करने पर मतभेद बनेगा। संताने नाराज रहेंगी परन्तु महिलाये आपसे भावनात्मक सबन्ध रखेंगी। धार्मिक कार्यो में भी आलस्य दिखाएंगे।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आकस्मिक खर्च आने से आर्थिक उलझने बढ़ेंगी। अधिकांश खर्च भी दिखावे पर रहेंगे। समाज मे स्वयं को अग्र दिखाने का प्रयास करेंगे। धार्मिक क्षेत्र पर भी आडंबर अधिक रहेगा भावनात्मक स्थल पर धार्मिक स्थानों की अपेक्षा अधिक रुचि लेंगे। महिलाये आस्थावान रहेंगी व्यस्त दिनचर्या के कारण शारीरिक शिथिलता बनेगी। मित्रो के साथ हास्य के पल गलतफहमी के कारण अचानक बिगड़ने की सम्भवना है। बाहर के व्यवहार यथा सम्भव सीमित ही रखे। घर के सदस्यों के साथ अधिक समय बिताये। लाभ की अपेक्षा खर्च अधिक रहेगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप व्यर्थ की चिन्ताओ का बोझ लेकर घूमेंगे। व्यवसायी वर्ग कार्यो के परिणाम जानते हुए भी मानसिक द्वंद में फंसे रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर अधीनस्थों का उद्दण्ड व्यवहार गतिरोध लाएगा। नौकरी पेशा जातक आज आराम में अधिक समय बितायेंगे आलस्य के कारण घरेलू कार्य लटके रहेंगे। महिलाओं से प्रेमपूर्ण व्यवहार रहेगा। प्रेम प्रसंगों में अनिश्चितता रहेगी। घर के बुजुर्ग से किसी महत्त्वपूर्ण विषय मे मार्गदर्शन भविष्य में लाभ कराएगा। धन लाभ आज ठीक ठाक रहेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन प्रतिकूल रहने वाला है। क्रोध ओर अहम की भावना प्रेम सम्बन्धो में खटास लाएगी। वैसे तो आज आप मौन ही रहेंगे परन्तु परिस्थिति वश धैर्य खो देंगे जिससे स्वयजनो से मनमुटाव होगा। कार्य क्षेत्र पर भी आज आशाएं निराशा में बदलेंगी। सोची हुई योजनाएं बीच मे छोड़ने के कारण दुख होगा। सामाजिक क्षेत्र पर भी आपकी किरकिरी हो सकती है। घरेलू आवश्यकताओ में भी कंजूसी के कारण परिजनों से विरोध रहेगा। धन लाभ अल्प परन्तु आकस्मिक रहेगा। धर्म कर्म में आज रुचि कम ही रहेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आनंद दायक रहेगा। घर एव बाहर का वातावरण उत्साह में वृद्धि करने वाला रहेगा। महिलाये गृहस्थ को लेकर आज ज्यादा गंभीर रहेंगी। मांगलिक कार्यक्रमो में उपस्थिति आध्यत्म में निष्ठा बढ़ायेगी। धर्म पुण्य पर खर्च भी करंगे। परन्तु आज अहंकार की भावना मन मे रह सकती है जिससे बंधुजनों से वैचारिक मतभेद रहेंगे। यात्रा टालने पर भी अम्समात करनी पड़ेगी। व्यवसायी वर्ग मेहनत का अधिक फल पाएंगे। विद्यार्थी वर्ग आज उत्पाती रहेंगे। बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। धन लाभ मध्यम होगा।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आप अपनी कार्यशैली को लेकर आलोचना के शिकार होंगे। कार्यो की गति मंद रहने से विलंब से पूर्ण होंगे। आर्थिक रूप से दिन परेशानी वाला रहेगा उधार के कारण मानसिक चिंता बढ़ेगी। मन में कई योजनाएं रहेंगी लेकिन आर्थिक हालात बाधा डालेंगे। पारिवारिक वातावरण में भी कलह क्लेश रहेगा। महिला वर्ग स्वयं को श्रेष्ठ दिखाने की कोशिश करेंगी। आज किसी भी कार्य को सहजता से होने दे जबरदस्ती करने की कोशिश बिगाड़ सकती है।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज अपनी ही गलतियों पर स्वयं हसने के प्रसंग बनेंगे। दिन का अधिकांश समय आलस्य में बीतेगा परन्तु महिलाये इसके विपरीत अधिक व्यस्त रहेंगी। घर मे अव्यवस्था बढ़ने से गुस्सा आएगा। महिलाओं के अधिक बोलने की वृत्ति अशांति फैलाएगी। कार्य व्यवसाय में धन लाभ निश्चित रहेगा केवल आलसी वृति के कारण थोड़ा आगे-पीछे रह सकता है। व्यवसायी कार्य क्षेत्र पर जल्दी ही व्यस्त हो जाएंगे। सामाजिक आयोजनों में जाना पड़ेगा धन खर्च आज बजट से ऊपर होगा। खान-पान में सावधानी बरतें।
Leave a Reply