🌞🚩🚩 ll जय श्री राम ll 🚩🚩🌞
🌞~ आज का वैदिक पंचांग ~🌞
⛅दिनांक – 15 नवम्बर 2024
⛅दिन – शुक्रवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – हेमन्त
⛅मास – कार्तिक
⛅पक्ष – शुक्ल
⛅तिथि – पूर्णिमा रात्रि 02:58 नवम्बर 16 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅नक्षत्र – भरणी रात्रि 09:55 तक तत्पश्चात कृत्तिका
⛅योग – व्यतीपात प्रातः 07:30 तक तत्पश्चात वरीयान् प्रातः 03:33 नवम्बर 16 तक तत्पश्चात परिघ
⛅राहु काल – प्रातः 11:01 से दोपहर 12:24 तक
⛅सूर्योदय – 06:57
⛅सूर्यास्त – 05:51
⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:10 से 06:01 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:02 से दोपहर 12:46 तक
⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:59 नवम्बर 15 से रात्रि 12:50 नवम्बर 16 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण – कार्तिक पूर्णिमा, मणिकर्णिका स्नान, देव दीवाली, भीष्म पञ्चक समाप्त, गुरु नानक जयन्ती, पुष्कर स्नान, कार्तिक रथ यात्रा
⛅विशेष – पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🌹देव दीपावली 2024: 15 या 16 नवंबर… देव दीपावली कब है? जानिये सही तिथि🌹
⭕हिंदू धर्म में देव दीपावली का दिन बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सभी देवी-देवता दिवाली मनाते हैं. देव दीपावली पर गंगा आरती का आयोजन किया जाता है. अगर आप देव दिवाली की तारीख को लेकर भ्रमित हैं, तो इस लेख में आपका ये भ्रम दूर करते हुए बताते हैं कि साल 2024 में देव दीपावली कब है?
हिंदू धर्म में देव दीवाली का बेहद महत्व खास महत्व माना जाता है. यह पर्व हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है. यह पर्व दिवाली के 15वें दिन पड़ता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने और वैदिक मंत्रों का जप करने से दोगुने फलों की प्राप्ति होती है. यह पर्व भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय की जयंती का प्रतीक भी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सभी देवी-देवता स्वर्ग से पृथ्वी लोक पर आते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं.
भारत में देव दीपावली को मुख्य रूप से वाराणसी में गंगा नदी के तट पर मनाया जाता है. यह दिन बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है. ऐसा कहा जाता है कि देव दीपावली पर महादेव की विधि-विधान से पूजा करने पर व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. साथ ही मन से भी भय भी समाप्त होते हैं. इस दिन कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि भी होती है. ऐसे में स्नान दान से जुड़े कार्य करने पर पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है.

⚜देव दीपावली 2024 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 15 नवंबर की सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, कार्तिक पूर्णिमा तिथि का समापन 16 नवंबर को देर रात 2 बजकर 58 मिनट पर होगा. हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 15 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी.
⚜देव दीपावली 2024 शुभ मुहूर्त
इसके साथ ही 15 नवंबर के दिन 2 घंटे 37 मिनट तक का शुभ मुहूर्त मिलेगा. कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में शाम 5 बजकर 10 मिनट से शाम 7 बजकर 47 मिनट तक देव दीपावली मनाई जाएगी. इसी शुभ मुहूर्त में गंगा घाट पर दिए जलाए जाते हैं.
🪔देव दीपावली के दिन क्या करना चाहिए?
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- देव दीपावली के दिन सुबह नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर नहाएं.
- इस दिन गंगा स्नान करने का भी विधान माना जाता है.
- इसके बाद साफ कपड़े पहनकर दीपक में घी या तेल डालकर दान करें.
- इसके साथ ही इस दिन विधिवत रूप से भगवान शिव की पूजा करें.
- शाम के समय में दीपक जलाएं और दीपदान करें.
- इसके बाद अंत में मंत्र जाप करें और आरती करें.

🪔देव दिवाली क्यों मनाई जाती है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर सभी देवता दिवाली मनाते हैं, इसलिए इस विशेष दिवाली को देव दीपावली कहा जाता है. कहा जाता है कि इस दिन देवताओं ने भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर राक्षस के वध के बाद स्वर्गलोक में दीप जलाकर उत्सव मनाया था. ऐसी मान्यता है कि त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवताओं ने स्वर्गलोक में दिवाली मनाई थी. तभी से देव दीपावली मनाने की शुरुआत हुई थी.
🌹कार्तिक पूर्णिमा 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन करना चाहिए ये 9 अचूक उपाय, होगी धन की वर्षा🌹
⭕कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाते हैं परंतु कुछ लोग परंपरा से एकादशी के दिन ही देव दिवाली मना लेते हैं। देव दिवाली का पर्व इस बार 15 नवंबर 2024 शुक्रवार के दिन रहेगा। कार्तिक मास पूर्णिमा पर दीपदान और स्नान का बहुत महत्व है। इस दिन यदि आपने ज्योतिष के 9 उपाय कर लिए तो आप मालामाल हो जाएंगे।
🚩1. दीपदान:- मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी प्रसन्नता को दर्शाते हैं। इसीलिए दीपदान का बहुत ही महत्व है। इस दिन नदी में आटे के दीपक बहाने से पितृदोष दूर होता है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
🚩2. दान और व्रत:- इस दिन अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हो वह करें। कहते हैं कि दान करने से दस यज्ञों के समान फल मिलूता है। इस दिन अपनी बहन, भानजे, बुआ के बेटे, मामा को भी दान स्वरूप कुछ न कुछ दान देने से घर में धन-सम्पदा बनी रहती है। गरीबों को चावल का दान देने से चंद्र ग्रह शुभ होता है। इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण, चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है।
🚩3. जल और पीपल पूजा:- इस दिन जल में श्रीहरि विष्णु का और पीपल में मां लक्ष्मी का निवास रहता है। इसीलिए नदी की पूजा और आरती करना चाहिए और साथ ही पीपल के वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाकर उसकी 11 परिक्रमा करना चाहिए। तुलसी और छः तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन, श्रीहरि विष्णु, शिव, देवी लक्ष्मी और शालिग्राम का पूजन होता है।
🚩4. मां लक्ष्मी को लगाएं भोग:- इस दिन खीर में मिश्री और गंगाजल मिलाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाएंगे तो माता प्रसन्न होंगी।
🚩5. रंगोली बनाएं:- इस दिन घर के बाहर और भीतर रंगोली बनाएं और चारों ओर दीपक जलाएं। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी।
🚩6. छः तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन:- इस दिन चन्द्रोदय के समय शिवा, सम्भूति, प्रीति, संतति अनसूया और क्षमा इन छः तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन करें क्योंकि ये स्वामी कार्तिक की माता हैं और कार्तिकेय, खड्गी, वरुण हुताशन और सशूक ये सायंकाल में द्वार के ऊपर शोभित करने योग्य है। अतः इनका धूप-दीप, नैवेद्य द्वारा विधिवत पूजन करने से शौर्य, बल, धैर्य आदि गुणों में वृद्धि होती है। साथ ही धन-धान्य में भी वृद्धि होती है।
🚩7. तुलसी पूजा:- इस दिन में शालिग्राम के साथ ही तुलसी की पूजा, सेवन और सेवा करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है। इस कार्तिक माह में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया है। इस दिन तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ एवं हवन का भी बहुत ही महत्व है। अतः इसमें किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना आदि का अनंत फल होता है। इस दिन तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाएं जिससे आपके मनोरथ पूर्ण हो और दरिद्रता दूर हो।
🚩8. पूर्णिमा का व्रत:- इस दिन व्रत का भी बहुत ही महत्व है। इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण, चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है। कार्तिकी पूर्णिमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद कार्तिक व्रत पूर्ण होते हैं। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा से एक वर्ष तक पूर्णिमा व्रत का संकल्प लेकर प्रत्येक पूर्णिमा को स्नान दान आदि पवित्र कर्मों के साथ श्री सत्यनारायण कथा का श्रवण करने का अनुष्ठान भी प्रारंभ होता है।
🚩9. दान का फल:- इस दिन दानादिका दस यज्ञों के समान फल होता है। इस दिन में दान का भी बहुत ही ज्यदा महत्व होता है। अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हो वह करें। इससे घर परिवार में धन- समृद्धि और बरकत बनी रहती है।
🌹कार्तिक पूर्णिमा 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे ये 3 दुर्लभ योग, इस शुभ मुहूर्त में स्नान-पूजा से मिलेगा विशेष लाभ; दूर हो जाएंगे सारे संकट🌹
⭕कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस साल दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है जिसमें पूजा करने और स्नान-दान करने से लोगों को कई गुना फल की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है और साथ ही घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बेहद महत्व माना गया है. यह वो दिन होता है, जब चंद्रमा पूरी तरह प्रकाशमान होकर रात में उजियारा फैलाते हैं. यही वजह है कि इसे प्रकाश पर्व भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और महादेव की पूजा का विधान है. कहते हैं कि इस दिन गंगास्नान करने और पूजा-दान करने से कई गुणा पुण्य फल मिलता है. साथ ही पापों का नाश हो जाता है और मृत्यु उपरांत मोक्ष हासिल होता है.
⚜कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे खास संयोग
सनातन धर्म के विद्वानों के मुताबिक इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर कई सारे शुभ योग बन रहे हैं. मंगल और चंद्रमा दोनों एक दूसरे की राशि में रहने वाले हैं. इस वजह से कार्तिक पूर्णिमा पर देर रात गजकेसरी राजयोग बन रहा है. इसी दिन न्याय के देवता शनि 30 साल बाद कुंभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं. कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन बुधादित्य राजयोग और उसके बाद शश राजयोग बनेगा. ऐसा करीब 30 वर्ष बाद होने जा रहा है. इन सब संयोगों की वजह से इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर आप जो भी नेकी का कार्य करेंगे, उसका आपको कई गुणा ज्यादा फल मिलेगा.
⚜कार्तिक पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस बार कार्तिक पूर्णिमा का आरंभ 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 16 नवंबर को सुबह 02 बजकर 58 मिनट तक होगा. अगर इस दिन के स्नान-दान के शुभ मुहूर्त की बात करें तो इसके लिए आपको एक घंटे का वक्त मिलेगा. यह शुभ मुहूर्त 15 नवंबर को सुबह 4.58 मिनट से सुबह 5.51 मिनट तक रहेगा. वहीं भगवान सत्यनारायण की पूजा का समय सुबह 6.44 बजे से सुबह 10.45 बजे तक रहेगा.
⚜कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें?
कार्तिक पूर्णिमा यानी 15 नवंबर को आप अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करें. आप चाहें तो जरूरतमंदों को कपड़े, तिल, भोजन या पैसों का दान कर सकते हैं. आप गुड़ का भी दान कर सकते हैं. ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस दिन गंगा घाट पर जाकर दीप दान करना बहुत शुभ माना जाता है. अगर आप गंगा जी न जा सकें तो किसी नदी या तालाब के किनारे जाकर भी दीप दान कर सकते हैं. शाम के वक्त अपने घर के मुख्य द्वार पर घी का जरूर जलाना चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और आने वाले बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
🔹व्रत एवं उपवास का महत्त्व🔹
🔹भारतीय जीवनचर्या में व्रत एवं उपवास का विशेष महत्त्व है । इनका अनुपालन धार्मिक दृष्टि से किया जाता है परन्तु व्रतोपवास करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है ।
‘उप’ यानी समीप और ‘वास’ यानी रहना । उपवास का सही अर्थ होता है – ब्रह्म, परमात्मा के निकट रहना । उपवास का व्यावहारिक अर्थ है – निराहार रहना । निराहार रहने से भगवद भजन और आत्मचिंतन में मदद मिलती है । वृत्ति अंतर्मुख होने लगती है । उपवास पुण्यदायी, आमदोषहर, अग्निप्रदीपक, स्फूर्तिदायक तथा इंद्रियों को प्रसन्नता देने वाला माना गया है । अतः यथाकाल, यथाविधि उपवास करके धर्म तथा स्वास्थ्य लाभ करना चाहिए ।
आहारं पचति शिखी दोषान् आहारवर्जितः।
🔹अर्थात् पेट की अग्नि आहार को पचाती है और उपवास दोषों को पचाता है । उपवास से पाचन शक्ति बढ़ती है । उपवास काल में रोगी शरीर में नया मल उत्पन्न नहीं होता है और जीवनशक्ति को पुराना मल निकालने का अवसर मिलता है । मल-मूत्र विसर्जन सम्यक होने लगता है, शरीर से हलकापन आता है तथा अतिनिद्रा-तंद्रा का नाश होता है ।
🔹उपवास की महत्ता के कारण भारतवर्ष के सनातन धर्मावलम्बी प्रायः एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा या पर्वों पर व्रत किया करते हैं क्योंकि उन दिनों सहज ही प्राणों का ऊर्ध्वगमन होता है और जठराग्नि मंद होती है । शरीर-शोधन के लिए चैत्र, श्रावण एवं भाद्रपद महीने अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं । नवरात्रियों के नव दिनों में भी व्रत करने का बहुत प्रचलन है । यह अनुभव से जाना गया है कि एकादशी से पूर्णिमा तथा एकादशी से अमावस्या तक का काल रोग की उग्रता में भी सहायक होता है, क्योंकि जैसे सूर्य एवं चन्द्रमा के परिभ्रमण के परिणामस्वरूप समुद्र में उक्त तिथियों के दिनों में विशेष उतार-चढ़ाव होता है उसी प्रकार उक्त क्रिया के परिणामस्वरूप हमारे शरीर में रोगों की वृद्धि होती है । इसीलिए इन चार तिथियों में उपवास का विशेष महत्त्व है ।
🔹रोगों में लाभकारी : आयुर्वेद की दृष्टि से शारीरिक एवं मानसिक रोगों में उपवास का विधान हितकारी माना गया है ।
🔹शारीरिक विकारः अजीर्ण, उल्टी, मंदाग्नि, शरीर में भारीपन, सिरदर्द, बुखार, यकृत-विकार, श्वासरोग, मोटापा, संधिवात, सम्पूर्ण शरीर में सूजन, खाँसी, दस्त लगना, कब्जियत, पेटदर्द, मुँह में छाले, चमड़ी के रोग, किडनी के विकार, पक्षाघात आदि व्याधियों में छोटे या बड़े रूप में रोग के अनुसार उपवास करना लाभकारी होता है ।

🔹मानसिक विकार : मन पर भी उपवास का बहुमुखी प्रभाव पड़ता है । उपवास से चित्त की वृत्तियाँ रुकती हैं और मनुष्य जब अपनी चित्त की वृत्तियों को रोकने लग जाता है, तब देह के रहते हुए भी सुख-दुःख, हर्ष-विषाद पैदा नहीं होते । उपवास से सात्त्विक भाव बढ़ता है, राजस और तामस भाव का नाश होने लगता है, मनोबल तथा आत्मबल में वृद्धि होने लगती है । अतः अतिनिद्रा, तन्द्रा, उन्माद (पागलपन), बेचैनी, घबराहट, भयभीत या शोकातुर रहना, मन की दीनता, अप्रसन्नता, दुःख, क्रोध, शोक, ईर्ष्या आदि मानसिक रोगों में औषधोपचार सफल न होने पर उपवास विशेष लाभ देता है । इतना ही नहीं अपितु नियमित उपवास के द्वारा मानसिक विकारों की उत्पत्ति भी रोकी जा सकती है ।
🔹उपवास पद्धतिः पहले जो शक्ति खाना हजम करने में लगती थी उपवास के दिनों में वह विजातीय द्रव्यों के निष्कासन में लग जाती है । इस शारीरिक ऊर्जा का उपयोग केवल शरीर की सफाई के लिए ही हो इसलिए इन दिनों में पूर्ण विश्राम लेना चाहिए । मौन रह सके तो उत्तम । उपवास में हमेशा पहले एक-दो दिन ही कठिन लगते हैं । कड़क उपवास एक दो बार ही कठिन लगता है फिर तो मन और शरीर दोनों की औपचारिक स्थिति का अभ्यास हो जाता है और उसमें आनन्द आने लगता है ।
🔹सामान्यतः तीन प्रकार के उपवास प्रचलित हैं- निराहार, फलाहार, दुग्धाहार ।
🔹निराहारः निराहार व्रत श्रेष्ठ है । यह दो प्रकार का होता है-निर्जल एवं सजल । निर्जल व्रत में पानी का भी सेवन नहीं किया जाता । सजल व्रत में गुनगुना पानी अथवा गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर ले सकते हैं । इससे पेट में गैस नहीं बन पाती । ऐसा उपवास दो या तीन दिन रख सकते हैं । अधिक करना हो तो चिकित्सक की देख-रेख में ही करना चाहिए । शरीर में कहीं भी दर्द हो तो नींबू का सेवन न करें ।
🔹फलाहार : इसमें केवल फल और फलों के रस पर ही निर्वाह किया जाता है । उपवास के लिए अनार, अंगूर, सेवफल और पपीता ठीक हैं । इसके साथ गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर ले सकते हैं । नींबू से पाचन तंत्र की सफाई में सहायता मिलती है । ऐसा उपवास 6-7 दिन से ज्यादा नहीं करना चाहिए ।
🔹दुग्धाहारः ऐसे उपवास में दिन में 3 से 8 बार मलाई विहीन दूध 250 से 500 मि.ली. मात्रा में लिया जाता है । गाय का दूध उत्तम आहार है । मनुष्य को स्वस्थ व दीर्घजीवी बनाने वाला गाय के दूध जैसा दूसरा कोई श्रेष्ठ पदार्थ नहीं है ।
🔹गाय का दूध जीर्णज्वर, ग्रहणी, पांडुरोग, यकृत के रोग, प्लीहा के रोग, दाह, हृदयरोग, रक्तपित्त आदि में श्रेष्ठ है । श्वास, टी.बी. तथा पुरानी सर्दी के लिए बकरी का दूध उत्तम है ।
🔹रूढ़िगत उपवासः 24 घण्टों में एक बार सादा, हल्का, नमक, चीनी व चिकनाई रहति भोजन करें । इस एक बार के भोजन के अतिरिक्त किसी भी पदार्थ के सेवन न करें । केवल सादा पानी अथवा गुनगुने पानी में नींबू ले सकते हैं ।
🔹सावधानीः जिन लोगों को हमेशा कफ, जुकाम, दमा, सूजन, जोड़ों में दर्द, निम्न रक्तचाप रहता हो वो नींबू के रस का उपयोग न करें ।
🔹उपरोक्त उपवासों में केवल एक बात का ही ध्यान रखना आवश्यक है कि मल-मूत्र व पसीने का निष्कासन ठीक तरह होता रहे अन्यथा शरीर के अंगों से निकली हुई गन्दगी फिर से रक्तप्रवाह में मिल सकती है । आवश्यक हो तो एनिमा का प्रयोग करें ।
🔹लोग उपवास तो कर लेते हैं, लेकिन उपवास छोड़ने पर क्या खाना चाहिए ? इस पर ध्यान नहीं देते, इसीलिए अधिक लाभ नहीं होता । जितने दिन उपवास करें, उपवास छोड़ने पर उतने ही दिन मूँग का पानी लेना चाहिए तथा उसके दोगुने दिन तक मूँग उबालकर लेना चाहिए । तत्पश्चात खिचड़ी, चावल आदि तथा अंत में सामान्य भोजन करना चाहिए ।
🔹उपवास के नाम पर व्रत के दिन आलू, अरबी, सांग, केला, सिंघाड़े आदि का हलवा, खीर, पेड़े, बर्फी आदि गरिष्ठ भोजन भरपेट करने से रोग की वृद्धि ही होती है । अतः इनका सेवन न करें ।
🔶 सावधानीः गर्भवती स्त्री, क्षय रोगी, अल्सर व मिर्गी(हिस्टीरिया) के रोगियों को व अति कमजोर व्यक्तियों को उपवास नहीं करना चाहिए । मधुमेह (डायबिटीज़) के मरीजों को वैद्यकीय सलाह से ही उपवास करने चाहिए ।
आज का सुविचार
जीवन में मंद मंद चलकर भी आप कभी नहीं रुके तो यह विश्वास कीजिये कि आप सर्वाधिक तीव्र चल रहे हैं॥
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभाशीष
दिनांक 15 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 6 होगा। आपमें गजब का आत्मविश्वास है। इसी आत्मविश्वास के कारण आप किसी भी परिस्थिति में डगमगाते नहीं है। आपको सुगंध का शौक होगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति आकर्षक, विनोदी, कलाप्रेमी होते हैं। आप अपनी महत्वाकांक्षा के प्रति गंभीर होते हैं। 6 मूलांक शुक्र ग्रह द्वारा संचालित होता है। अत: शुक्र से प्रभावित बुराई भी आपमें पाई जा सकती है। जैसे स्त्री जाति के प्रति आपमें सहज झुकाव होगा। अगर आप स्त्री हैं तो पुरुषों के प्रति आपकी दिलचस्पी होगी। लेकिन आप दिल के बुरे नहीं है।
शुभ दिनांक : 6, 15, 24
शुभ अंक : 6, 15, 24, 33, 42, 51, 69, 78
शुभ वर्ष : 2025 2026
ईष्टदेव : मां सरस्वती, महालक्ष्मी
शुभ रंग : क्रीम, सफेद, लाल, बैंगनी
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
नौकरीपेशा व्यक्ति अपने परिश्रम के बल पर उन्नति के हकदार होंगे। बैक परीक्षाओं में भी सफलता अर्जित करेंगे। दाम्पत्य जीवन में मिली जुली स्थिति रहेगी। आर्थिक मामलों में सभंलकर चलना होगा। लेखन संबंधी मामलों के लिए उत्तम होती है। जो विद्यार्थी सीए की परीक्षा देंगे उनके लिए शुभ रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में भी सफलता रहेगी। विवाह के योग भी बनेंगे। स्त्री पक्ष का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी।
आज का राशिफल
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपके ऊपर चंचलता हावी रहेगी। दिन के आरम्भ से ही स्वभाव में हल्कापन रहेगा लेकिन कार्यो में जल्दबाजी करेंगे बिना विचारे किये कार्य आगे चलकर मोटी हानि का कारण भी बन सकते है। कार्य क्षेत्र से व्यवसायी वर्ग को उम्मीद काफी रहेगी लेकिन आगे की योजना बनाने के लिये किसी परिचित के जवाब पर निर्भर रहना पड़ेगा इंतजार करने के बाद संतोषजनक जवाब ना मिलने पर भविष्य को लेकर चिंता होगी। दोपहर के बाद परिस्थिति में कुछ सुधार आएगा पैतृक कार्य अथवा अन्य पैतृक संसाधनों से लाभ की आशा जागेगी। नौकरी पेशा लोग कार्य क्षेत्र पर अनमने मन से कार्य करेंगे जिससे विलंब के साथ कार्य मे सफाई नही रहेगी। किसी अपरिचित से कहासुनी भी हो सकती है। आज बाहर की अपेक्षा घरेलू वातावरण में थोड़ी ऊबन के बाद अधिक शांति अनुभव करेंगे। संध्या के समय शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी कटने छिलने का भय है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपको विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। दिन के आरंभिक भाग में किसी सदस्य की असंतुष्टि कलह का मार्ग खोलेगी मध्यान तक किसी पुरानी बात के उजागर होने पर झगड़ा होने की संभावना है। आज मौन रहकर ही परिस्थितियों पर काबू पाया जा सकता है। गलती करने पर स्वयं मान लेने से संमस्या गंभीर होने से बचेगी अन्यथा संबंधों में लंबे समय तक कड़वाहट बन सकती है। कार्य क्षेत्र पर भी किसी लेन देन को लेकर बहस हो सकती है। व्यवसाय से आज जितनी आशा रहेगी उतना लाभ नही मिल पायेगा उल्टे सामाजिक व्यवहार और सम्मान में कमी अनुभव होगी। आज उधार के व्यवहार पर नियंत्रण रखें। सरकारी क्षेत्र से कोई अशुभ समाचार मन की बेचैनी बढ़ाएगा सरकारी कार्यो से स्वयं को दूर रखें या जल्द निपटाने के प्रयास करे। सेहत मानसिक तनाव एवं मौसमी बीमारी के कारण अकस्मात ढीली पड़ेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपका स्वभाव बीते कल की तुलना में एकदम विपरीत रहेगा। दिन के आरम्भ से ही छोटी छोटी बातों पर परिजन से झगड़ेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी यही स्वभाव रहने के कारण बनी बनाई योजना ठंडी पड़ सकती है इसका ध्यान रहे वैसे तो आज लाभ के अवसर मिलते रहेंगे लेकिन आपकी महात्त्वकांक्षाये अधिक रहने के कारण ज्यादातर निरस्त हो सकते है। धन की आमद फिर भी कामचलाऊ कही न कही से हो जाएगी आज अपना सनकी स्वभाव त्यागने में ही भलाई समझे कल से लोगो मे आज जैसी सजहता नही मिल पाने पर अफसोस होगा। पैतृक संपत्ति अथवा कार्यो से आकस्मिक लाभ के अवसर भी आपकी टालमटोल नीति के चलते हाथ से निकल सकते है। नौकरी वालो को आज अतिरिक्त आय बनाने का अवसर मिलेगा। घरेलू वातावरण शान्त रहेगा लेकिन घर के सदस्य एक दूसरे पर कम भरोसा करेंगे। शरीर की किसी अंग में कमजोरी अथवा काम करने की क्षमता कम हो सकती है।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा इसका लाभ उठायें अन्यथा आगे कई दिन तक ऐसी सुविधा नही मिलने पर खेद होगा। कार्य क्षेत्र पर दिन के आरंभ और अंतिम भाग में व्यस्तता अधिक रहेगी भाग्य का साथ भी मिलने से कम समय और परिश्रम में अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अधिक लाभ कमा सकेंगे लेकिन संतोष फिर भी नही होगा। प्रतिस्पर्धी कुछ समय के लिये हावी रहेंगे जिससे थोड़ी परेशानी भी होगी लेकिन यहाँ आपका अनुभव काम आएगा गुप्त युक्तियों द्वारा इनसे पार पा लेंगे। सहकर्मियो पर आवश्यकता से अधिक विश्वास करने पर धोखा हो सकता है इसका ध्यान रहे। घर मे भाई बंधुओ के साथ पैतृक कार्यो को लेकर विचार विमर्श होगा आपकी बात की शुरुआत में अनदेखी होगी लेकिन अंत मे मानना ही पड़ेगा। दाम्पत्य जीवन मे थोड़े बहुत उतारचढ़ाव लगे रहेंगे कुछ समय के लिये विरोधाभास का अनुभव भी होगा। आंखों अथवा फेफड़ो संबंधित शिकायत रह सकती है।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज भी आप मन से आध्यात्म के प्रति निष्ठावान रहेंगे लेकिन दिखावे की प्रवृति भी रहने के कारण पूजा पाठ केवल व्यवहारिकता के लिये ही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर आरंभिक परेशानी के बाद वातावरण अनुकूल हो जाएगा फिर भी जल्दबाजी से बचे आपके लिये निर्णय अवश्य ही लाभ के मार्ग खोलेंगे। किसी भी कार्य से तुरंत लाभ की आशा ना रखें धन की आमद में थोड़ा विलंब हो सकता है परन्तु होगी जरूर। कार्य क्षेत्र पर पिता अथवा किसी वरिष्ठ व्यक्ति से वैचारिक मतभेद होने के कारण आवश्यक कार्य मे विलंब होगा फिर भी आपकी ही जीत होगी। सरकारी कार्य लापरवाही के चलते अधूरे रहेंगे लापरवाही से बचे अन्यथा किसी नई कानूनी उलझन में पड़ सकते है। घर का वातावरण कुछ समय के लिये आपके क्रोध के कारण अशांत बनेगा जिसे सामान्य बनाने के लिये बाद में खुशामद करनी पड़ेगी। धारदार औजारों से सावधानी बरतें। रक्त अल्पता के कारण कमजोरी महसूस होगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन के पूर्वार्ध से ही शारीरिक रूप से कार्य करने में असमर्थ अनुभव करेंगे लेकिन फिर भी जबरदस्ती करने पर कम समय मे अधिक थकान होगी। छाती में संक्रमण गले मे अवरोध एवं कफ के कारण खाने पीने में भी परेशानी आएगी। व्यावसायिक कार्यो के साथ घरेलू एवं व्यक्तिगत काम काज के लिये अन्य के ऊपर निर्भर रहना पड़ सकता है। कार्य क्षेत्र पर मध्यान के बाद ही व्यवसाय में रुचि लेंगे लेकिन आज व्यवसाय की गति भी संध्या को छोड़ अन्य समय मंद ही रहेगी। किसी पुराने देनदारी को लेकर किसी से गुस्से में नाप शनाप बोलदेंगे बाद में इसका दुख भी होगा। धन की आमद खर्च अनुसार कम ही होगी। पारिवारिक जन स्वयं अवस्थ्य होने के कारण आज किसी भी मामले में सहायता नही कर पाएंगे। पूजा पाठ में आज ज्यादा तामझाम से बचे अन्यथा बाद में भारी पड़ेगा। यात्रा भी टालना बेहतर रहेगा।
तुला⚖ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप किसी मनोकामना अथवा पुरानी योजना के सफल होने से प्रसन्न रहेंगे। लेकिन कोई नया अथवा पुराना कर्ज मानसिक रूप से बेचैन रखेगा। आज किसी से भी वादा न करें अन्यथा बाद में परेशानी में पड़ सकते है। कार्य क्षेत्र पर आशा से अधिक व्यवसाय होगा लेकिन धन एक या दो कार्यो से ही संतोषजनक मिलेगा। आज आपको जल्दी से किसी के उयर विश्वास भी नही होगा अपनी कार्य शैली को अन्य लोगो पर ना थोपे जानबूझ कर सहकर्मियो का धीमी गति से कार्य करना अथवा आगे के लिये टालना गुस्सा दिलाएगा फिर भी शांत रहने का प्रयास करे। घर मे आध्यात्मिक वातावरण मिलने पर भी आप ज्यादा रुचि नही लेंगे। भाई बंधु की कोई पुरानी गलती पता लगने पर अनैतिक दबाव बनाएंगे जिससे बाद में कलह हो सकती है। संतान का सहयोग प्रत्येक क्षेत्र में मिलेगा। स्वयं अथवा परिजन की सेहत के ऊपर खर्च बढ़ेगा। वाणी में दोष रहेगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपका स्वभाव अत्यंत सनकी रहेगा। एक पल में किसी से बिना सोचे वादा कर लेंगे बाद में उसका परिणाम और परिश्रम जानकर स्वयं ही दुविधा में पड़ेंगे अंत समय मे पलटने पर सम्मान हानि का भय सताएगा पूरा करने पर स्वयं के कार्यो में व्यवधान आएगा। कार्य क्षेत्र पर जिस भी कार्य को करेंगे आत्मविश्वास से ही करेंगे फिर भी सफलता को लेकर संशय रहेगा लेकिन आज की मेहनत खाली नही जाएगी देर अबेर ही सही कुछ न कुछ लाभ अवश्य होगा। कार्य स्थल पर किसी से कहासुनी के प्रसंग भी बनेंगे शांत रहने का प्रयास करें अन्यथा जो लोग आपको सम्मान की दृष्टि से देखते है वो भी विपरीत हो जाएंगे। सहकर्मी एवं जीवनसाथी के प्रति मन मे शंका जन्म लेगी जिसका परिणाम आने वाले समय मे सही निकलेगा। घर में आज स्वार्थ से ही व्यवहार करेंगे परिजनों की बात को टालने का प्रयास बेवजह कलह करा सकता है। शरीर मे छुट पुट समस्या लगी रहेगी।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपके व्यक्तित्त्व में विकास होगा दिन के आरम्भ से ही कार्यो की सफलता एवं धन पाने के लिये विभिन्न युक्तियां लगाएंगे धन लाभ तो समय पर नही होगा लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी छवि अभद्र अथवा मौज शौक पसंद इंसान जैसी बनने की संभावना है वाणी एव आचरण का आज विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र से आज भी धन लाभ की संभावनाए ही मिलेंगी धन हाथ मे आते आते टलने से मन दुख होगा लाभ होगा भी तो आवश्यकता से बहुत कम। नौकरी पेशाओ को खर्च बढ़ने से चिंता होगी फिर भी आज प्रलोभन में कोई गलत कदम ना उठाये अन्यथा निकट भविष्य में शीघ्र ही सम्मान हानि हो सकती है। घरेलू वातावरण को शांत बनाने में आपकी अहभ भूमिका रहेगी लेकिन बाहरी व्यवहार कोई न कोई नई समस्या खड़ी करेंगे। पेट संबंधित संमस्या आज भी परेशान करेगी भूख लगने पर ही थोड़ा खाये।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपको प्रत्येक कार्य मे संभलकर रहने की सलाह है। दिन के आरम्भ से ही मन मे किसी अरिष्ट का भय बना रहेगा लोग बिना मांगे सलाह और सांत्वना दोनो देंगे लेकिन परिजनों को छोड़ अन्य कोई भी सहयोग के लिये आगे नही आएगा। कार्य व्यवसाय में मेहनत के बाद भी लाभ के लिये तरसना पड़ेगा। नौकरों एवं सहकर्मियो की गतिविधि पर नजर रखे इनकी करनी का फल आपको भुगतना पड़ सकता है। भागीदारी के कार्यो में निवेश से बचें हानि ही होगी अथवा धन के फंसने की संभावना है। आज सर पर कर्ज होने एवं लेनदार द्वारा परेशान करने पर अधिक मानसिक पीड़ा होगी। संध्या से स्थिति में कुछ सुधार आएगा किसी पुरानी योजना से कामचलाऊ धन मिलने से थोड़ी राहत मिलेगी। घर मे किसी न किसी के बीमार रहने से वातावरण अस्त व्यस्त रहेगा। ज्यादा मीठा भोजन ना करें लोहे की वस्तु से सावधानी बरतें।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आप अन्य लोगो को अपने से कमतर आकेंगे। पराक्रम शक्ति आज बढ़ी रहेगी इसका गलत कार्यो में उपयोग होने की संभावना अधिक है। काज आपके किसी विषय मे विशेष योग्यता होने के कारण मन मे अहम की भावना रहेगी। कार्य क्षेत्र से आज आशा तो बहुत लगाए रहेंगे कुछ एक में अपनी मनमानी से सफल भी रहेंगे धन कमाना आज ज्यादा मुश्किल नही रहेगा लेकिन साथ मे इज्जत में कमी अवश्य आएगी। सहकर्मी अथवा अन्य व्यावसायिक लोग आपसे ईर्ष्या द्वेष की भावना में मजबूरी में व्यवहार करेंगे। मध्यान से मन अनैतिक कार्यो की तरफ भटकेगा लेकिन सचेत रहे भविष्य में स्वयं के साथ परिवार की प्रतिष्ठा भी खराब होने के योग बन रहे है। घर का वातावरण अचानक से प्रसन्न अगके ही पल उदासीन बनने से तालमेल बैठाने में परेशानी होगी। सेहत भी अकस्मात ही नरम गरम बनेगी।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपके दिन का आरम्भ सुस्त रहेगा प्रातः काल से ही सेहत में थकान अनुभव होने के कारण कार्यो के प्रति आलस्य दिखाएंगे। स्वभाव से संतोषि रहने के कारण ज्यादा भाग दौड़ वाले कार्यो से दूर ही रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर सामान्य व्यवसाय रहेगा धन की आमद के लिये थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा लेकिन होगी अवश्य। आज आपके संचित धन का कुछ हिस्सा पैतृक एवं धार्मिक कार्यो पर भी खर्च होगा सरकारी कार्यो में भी बिना लेनदेन कार्य निकालना संभव नही। नौकरी वालो के लिये मध्यान के समय कोई नई समस्या बनेगी जिसका निराकरण आज मुश्किल ही हो पायेगा। विदेशी अथवा दूर क्षेत्र के कार्यो से आकस्मिक लाभ की संभावना है। घर का वातावरण शांत रहेगा। निम्न रक्तचाप पेट संबंधित समस्या हो सकती है।
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