🔹लोकोपयोगी प्रयोग🔹

🔸 घर के मध्य में तुलसी का पौधा होने से घर में प्रेम के साथ-साथ सुख-समृद्धि की भी सदैव वृद्धि होती रहती है ।

🔸 किसी भी नयी मूल्यवान वस्तु का उपयोग शुरू करने से पहले हल्दी को गंगाजल में मिलाकर उस पर छींटें देने से वह वस्तु अधिक समय तक चलती है ।

🔹मोटापा से राहत पाने के लिए🔹

🔹क्या करें ? (✅)

🔸1.भोजन नियमित समय पर (सुबह 09:00 से 11:00 बजे तथा शाम को 05:00 से 07:00 के बीच) सीमित मात्रा में पचने में हल्का रुक्ष करें । सलाद व सब्जियों का उपोयोग अधिक करें । गेहूँ का उपयोग कम करें । जौ, ज्वार या बाजरे की रोटी लें ।

🔸2. प्राणायाम, आसन, तेजी से चलना, दौड़ना, तैरना आदि शारीरिक श्रम नियमित करें । सप्ताह में 1 दिन उपवास जरूर करें ।

🔸3. तखत पर पतला बिस्तर बिछाकर सोना, तिल या सरसों के तेल से मालिश करना सामान्यतया लम्बे-गहरे श्वास लेना लाभकारी है ।

🔸4. प्रात:काल गुनगुने पानी में शहद तथा नींबू का रस मिलाकर लें । गर्म-गर्म अन्न, गर्म पानी, चावल के माँड का सेवन करें ।

🔸5. शहद, आँवला चूर्ण, गोमूत्र अर्क, त्रिफला चूर्ण शुद्ध शिलाजीत तथा सोंठ अदि का सेवन हितकारी है ।

🔹क्या न करें ❎

🔸1. पचने में भारी मधुर व शीतल आहार का सेवन, अधिक मात्रा में भोजन व निद्रा तथा व्यायाम व परिश्रम का अभाव आदि कारणों से शरीर स्थूल होता है । अतः इनसे बचें ।

🔸2. दिन में सोना, लगातार बैठे रहना, देर रात को भोजन करना, भोजन में नमक का अधिक प्रयोग, गद्दों तथा ए.सी. या कूलर की हवा में सोना, आराम प्रियता आदि का त्याग करें ।

🔸3. कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा वाले पदार्थ जैसे चावल, शक्कर, गुड़, आलू, शकरकंद व इनसे बने हूए व्यंजन, स्निग्ध पदार्थ जैसे घी, तेल व इन से बने पदार्थ एवं दही, दूध से बने खोया, मिठाई आदि व्यंजन और सूखे मेवे व फास्ट फूड के सेवन से बचें ।

🔸4. अधिक तनाव भी अति स्थूलता का कारण हो सकता है, अतः इससे बचें । इसके लिए सत्संग, ध्यान, हरि का आश्रय लें ।

🔸5. बार-बार खाने तथा भोजन के बाद तुरंत नींद लेने या स्नान करने से बचें ।

🌷 देवउठी एकादशी के दिन 🌷

➡ 11 नवम्बर 2024 सोमवार को शाम 06:46 से 12 नवम्बर 2024 मंगलवार को शाम 04:04 तक एकादशी है।
💥 विशेष – 12 नवम्बर, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।
🙏🏻 देवउठी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को इस मंत्र से उठाना चाहिए
🌷 उतिष्ठ-उतिष्ठ गोविन्द, उतिष्ठ गरुड़ध्वज l
उतिष्ठ कमलकांत, त्रैलोक्यं मंगलम कुरु l l
🌞 🌞

🌷 भीष्मपञ्चक व्रत 🌷
🙏🏻 अग्निदेव कहते है – अब मैं सब कुछ देनेवाले व्रतराज ‘भीष्मपञ्चक’ विषय में कहता हूँ | कार्तिक के शुक्ल पक्ष की एकादशी को यह व्रत ग्रहण करें | पाँच दिनों तक तीनों समय स्नान करके पाँच तिल और यवों के द्वारा देवता तथा पितरों का तर्पण करे | फिर मौन रहकर भगवान् श्रीहरि का पूजन करे | देवाधिदेव श्रीविष्णु को पंचगव्य और पंचामृत से स्नान करावे और उनके श्री अंगों में चंदन आदि सुंगधित द्रव्यों का आलेपन करके उनके सम्मुख घृतयुक्त गुग्गुल जलावे ||१-३||
🙏🏻 प्रात:काल और रात्रि के समय भगवान् श्रीविष्णु को दीपदान करे और उत्तम भोज्य-पदार्थ का नैवेद्ध समर्पित करे | व्रती पुरुष *‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादशाक्षर मन्त्र का एक सौ आठ बार (१०८) जप करे | तदनंतर घृतसिक्त तिल और जौ का अंत में ‘स्वाहा’ से संयुक्त *‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ – इस द्वादशाक्षर मन्त्र से हवन करे | पहले दिन भगवान् के चरणों का कमल के पुष्पों से, दुसरे दिन घुटनों और सक्थिभाग (दोनों ऊराओं) का बिल्वपत्रों से, तीसरे दिन नाभिका भृंगराज से, चौथे दिन बाणपुष्प, बिल्बपत्र और जपापुष्पों द्वारा एवं पाँचवे दिन मालती पुष्पों से सर्वांग का पूजन करे | व्रत करनेवाले को भूमि पर शयन करना चाहिये |
🙏🏻 एकादशी को गोमय, द्वादशी को गोमूत्र, त्रयोदशी को दधि, चतुर्दशी को दुग्ध और अंतिम दिन पंचगव्य आहार करे | पौर्णमासी को ‘नक्तव्रत’ करना चाहिये | इस प्रकार व्रत करनेवाला भोग और मोक्ष – दोनों का प्राप्त कर लेता है |
🙏🏻 भीष्म पितामह इसी व्रत का अनुष्ठान करके भगवान् श्रीहरि को प्राप्त हुए थे, इसीसे यह ‘भीष्मपञ्चक’ के नाम से प्रसिद्ध है |
🙏🏻 ब्रह्माजी ने भी इस व्रत का अनुष्ठान करके श्रीहरि का पूजन किया था | इसलिये यह व्रत पाँच उपवास आदि से युक्त हैं ||४-९||
🙏🏻 इस प्रकार आदि आग्नेय महापुराण में ‘भीष्मपञ्चक-व्रत का कथन’ नामक दो सौ पाँचवाँ अध्याय पूरा हुआ ||२०५||
💥 विशेष ~ 11 नवम्बर 2024 सोमवार से 15 नवम्बर, शुक्रवार तक भीष्म पंचक व्रत है ।

कार्तिक माहात्म्य

धर्मदत्त ने पूछा:-
मैंने सुना है कि जय और विजय भी भगवान विष्णु के द्वारपाल हैं। उन्होंने पूर्वजन्म में ऐसा कौन सा पुण्य किया था जिससे वे भगवान के समान रूप धारण कर के वैकुण्ठधाम के द्वारपाल हुए?

दोनों पार्षदों ने कहा- ब्रह्मन! पूर्वकाल में तृणविन्दु की कन्या देवहूति के गर्भ से महर्षि कर्दम की दृष्टिमात्र से दो पुत्र उत्पन्न हुए। उनमें से बड़े का नाम जय और छोटे का नाम विजय हुआ। पीछे उसी देवहूति के गर्भ से योगधर्म के जानने वाले भगवान कपिल उत्पन्न हुए। जय और विजय सदा भगवान की भक्ति में तत्पर रहते थे। वे नित्य अष्टाक्षर मन्त्र का जप और वैष्णव व्रतों का पालन करते थे। एक समय राजा मरुत्त ने उन दोनों को अपने यज्ञ में बुलाया। वहाँ जय ब्रह्मा बनाए गए और विजय आचार्य। उन्होंने यज्ञ की सम्पूर्ण विधि पूर्ण की। यज्ञ के अन्त में अवभृथस्थान के पश्चात राजा मरुत्त ने उन दोनों को बहुत धन दिया।

धन लेकर दोनों भाई अपने आश्रम पर गये। वहाँ उस धन का विभाग करते समय दोनों में परस्पर लाग-डाँट पैदा हो गई। जय ने कहा- इस धन को बराबर-बराबर बाँट लिया जाये। विजय का कहना था- नहीं, जिसको जो मिला है वह उसी के पास रहे तब जय ने क्रोध में आकर लोभी विजय को शाप दिया- तुम ग्रहण कर के देते नहीं हो इसलिए ग्राह अर्थात मगरमच्छ हो जाओ।

जय के शाप को सुनकर विजय ने भी शाप दिया- तुमने मद से भ्रान्त होकर शाप दिया है इसलिए तुम मातंग अर्थात हाथी की योनि में जाओ। तत्पश्चात उन्होंने भगवान से शाप निवृति के लिए प्रार्थना की। श्री भगवान ने कहा- तुम मेरे भक्त हो तुम्हारा वचन कभी असत्य नहीं होगा। तुम दोनों अपने ही दिये हुए इन शापों को भोगकर फिर से मेरे धाम को प्राप्त होगे।

ऐसा कहकर भगवान विष्णु अन्तर्धान हो गये। तदनन्तर वे दोनों गण्ड नदी के तट पर ग्राह और गज हो गये। उस योनि में भी उन्हें पूर्वजन्म का स्मरण बना रहा और वे भगवान विष्णु के व्रत में तत्पर रहे। किसी समय वह गजराज कार्तिक मास में स्नान के लिए गण्ड नदी गया तो उस समय ग्राह ने शाप के हेतु को स्मरण करते हुए उस गज को पकड़ लिया।

ग्राह से पकड़े जाने पर गजराज ने भगवान रमानाथ का स्मरण किया तभी भगवान विष्णु शंख, चक्र और गदा धारण किये वहाँ प्रकट हो गये उन्होंने चक्र चलाकर ग्राह और गजराज का उद्धार किया और उन्हें अपने ही जैसा रूप देकर वैकुण्ठधाम को ले गये तब से वह स्थान हरिक्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध है। वे ही दोनों विश्वविख्यात जय और विजय हैं जो भगवान विष्णु के द्वारपाल हुए हैं।

धर्मदत्त! तुम भी ईर्ष्या और द्वेष का त्याग करके सदैव भगवान विष्णु के व्रत में स्थिर रहो, समदर्शी बनो, कार्तिक, माघ और वैशाख के महीनों में सदैव प्रात: काल स्नान करो। एकादशी व्रत के पालन में स्थिर रहो। तुलसी के बगीचे की रक्षा करते रहो। ऐसा करने से तुम भी शरीर का अन्त होने पर भगवान विष्णु के परम पद को प्राप्त होवोगे। भगवान विष्णु को सन्तुष्ट करने वाले तुम्हारे इस व्रत से बढ़कर न यज्ञ हैं न दान है और न तीर्थ ही हैं। विप्रवर! तुम धन्य हो, जिसके व्रत के आधे भाग का फल पाकर यह स्त्री हमारे द्वारा वैकुण्ठधाम में ले जायी जा रही है।

नारद जी बोले- हे राजन! धर्मदत्त को इस प्रकार उपदेश देकर वे दोनों विमानचारी पार्षद उस कलहा के साथ वैकुण्ठधाम को चले गये। धर्मदत्त जीवन-भर भगवान के व्रत में स्थिर रहे और देहावसान के बाद उन्होंने अपनी दोनों स्त्रियों के साथ वैकुण्ठधाम प्राप्त कर लिया। इस प्राचीन इतिहास को जो सुनता है और सुनाता है वह जगद्गुरु भगवान की कृपा से उनका सान्निध्य प्राप्त कराने वाली उत्तम गति को प्राप्त करता है।

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभाशीष
दिनांक 11 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होगा, इस मूलांक को चंद्र ग्रह संचालित करता है। चंद्र ग्रह मन का कारक होता है। आप अत्यधिक भावुक होते हैं। ग्यारह की संख्या आपस में मिलकर दो होती है इस तरह आपका मूलांक दो होगा। आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं। दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमजोरी है। चंद्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है। अत: आप अत्यंत कोमल स्वभाव के हैं।

आपमें अभिमान तो जरा भी नहीं होता। चंद्र के समान आपके स्वभाव में भी उतार-चढ़ाव पाया जाता है। आप अगर जल्दबाजी को त्याग दें तो आप जीवन में बहुत सफल होते हैं। आप मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रूप से आप कमजोर हैं।
शुभ दिनांक : 2, 11, 20, 29

शुभ अंक : 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92

शुभ वर्ष : 2027, 2029, 2036

ईष्टदेव : भगवान शिव, बटुक भैरव

शुभ रंग : सफेद, हल्का नीला, सिल्वर ग्रे

जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
किसी नवीन कार्य योजनाओं की शुरुआत करने से पहले बड़ों की सलाह लें। बगैर देखे किसी कागजात पर हस्ताक्षर ना करें। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति ठीक-ठीक रहेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से संभल कर चलने का वक्त होगा। पारिवारिक विवाद आपसी मेलजोल से ही सुलझाएं। दखलअंदाजी ठीक नहीं रहेगी। लेखन से संबंधित मामलों में सावधानी रखना होगी।

आज का राशिफल

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आपके लिये आज का दिन आशा से कम लाभदायक लेकिन फिर भी संतोषजनक रहेगा। संतोषी प्रवृति रहने के कारण व्यर्थ की उलझनों से बचे रहेंगे। आज आपको आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा कार्य क्षेत्र अथवा घर मे कोई ना कोई आपके व्यवहार से असंतोष जतायेगा लेकिन आप जानकर भी अनजान बनेंगे। धार्मिक पूजा पाठ में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे परन्तु ध्यान एकाग्र नही रहने के कारण आध्यात्म लाभ नही मिल पायेगा। नौकरी वाले लोग आज कार्य भार कम रहने से शांति अनुभव करेंगे फिर भी अधिकारी वर्ग से आज कम ही बनेगी। बुजुर्गो का आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिलेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन भी आपके अनुकूल बना रहेगा लेकिन आज स्वभाव में थोड़ी तल्खी रहने से आपसी व्यवहारिकता में कमी आएगी। लोग आपसे अपेक्षाये लेकर आएंगे परन्तु निराश होना पड़ेगा। दैनिक कार्य के अतिरिक्त कार्य आने से कुछ समय के लिए असहजता बनेगी। व्यक्तिगत व्यस्तता के कारण सामाजिक कार्यो में बेमन से भाग लेना पड़ेगा फिर भी सम्मान पाने के अधिकारी बनेंगे। काम-धंधे में सुधार आयेगा लेकिन रुके कार्य आज भी पूर्ण होने में संदेह रहेगा। नौकरी पेशाओ एवं महिलाओ का आस-पड़ोसियों से झगड़ा होने की संभावना है। परिवार में किसी से बीमार होने पर चिंता होगी धन खर्च के साथ अतिरिक्त भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। अपनी सेहत का भी ख्याल रखें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आप धार्मिक कार्यो के लिये अपने नियत कार्यक्रम को रद्द करेंगे जिससे बाद में अधिकांश कार्य अस्त-व्यस्त होंगे। धार्मिक भावनाएं आज बलवती रहेंगी लेकिन परोपकार के कार्य स्वार्थ पूर्ति के लिये ही करेंगे। दिन के आरम्भ में स्वास्थ्य संबंधित शिकायत रहेगी मध्यान तक धीरे धीरे सुधार आने लगेगा दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा। व्यवसाय में आज आश्वासनों से ही काम चलाना पड़ेगा। नए अनुबंध हाथ लगेंगे लेकिन आज इनपर कार्य आरम्भ नही कर पाएंगे। गृहस्थ में आज शांति स्थापित होगी फिर भी बुजुर्गो को संतुष्ट रखना नामुमकिन होगा। आय की अपेक्षा खर्च अधिक रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन भी प्रतिकूल रहेगा। शारीरिक रूप से असमर्थ रहने के कारण आवश्यक कार्यो में विलंब होगा स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। मन मे नकारत्मक भाव आएंगे किसी की हित मे कही बाते भी उल्टी लगेंगी। कार्य व्यवसाय में आज किसी के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी वो भी समय पर नही मिलेगा। धन की आमद अनिश्चित रहेगी खर्च निकालने के लिये भी जोड़-तोड़ करना पड़ेगा। उधार के व्यवहार से बचे अन्यथा बाद में परेशानी होगी। पारिवारिक वातावरण में विरोधाभास लगा रहेगा घर के सदस्य एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करेंगे। घर के बुजुर्ग वर्ग दुखी होंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन विजय दिलाने वाला रहेगा। स्वभाव में थोड़ी तेजी रहने के कारण किसी के मार्गदर्शन को भी अहम से जोड़ेंगे आज आप किसी अन्य के आधीन होकर काम करना पसंद नही करेंगे। मनमौजी व्यवहार अन्य लोगो के लिए परेशानी खड़ी करेगा लेकिन आपके लिये शांति दायक रहेगा। जिस कार्य को करेंगे उसमे ही विलम्ब होगा फिर भी अपनी सूझ बूझ से लाभ बना ही लेंगे। व्यवसायी वर्ग जोखिम वाले कार्य शेयर सट्टे आदि से लाभ कमाएंगे। नौकरी वाले लोग भी कार्य कुशलता के बल पर सम्मान के अधिकारी बनेंगे। परिवार का वातावरण आपसी समझ की कमी के कारण कुछ समय के लिये गरम होगा। पित्त, कफ से परेशानी होगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आप अपने अभिमानी स्वभाव के कारण घर मे बैठे बिठाये झगड़ा मोल लेंगे इसके विपरीत कार्य अथवा सामाजिक क्षेत्र पर ऐश्वर्य वृद्धि होगी। घर से ज्यादा बाहर का वातावरण भायेगा। कार्य व्यवसाय में सोची योजनाए धीमी गति से चलेंगी आज जहां से लाभ की उम्मीद रहेगी वहां की जगह अन्य साधनों से अक्समात होगा। विरोधी आपके खिलाफ षड्यंत्र रचेंगे लेकिन कामयाब नही हो पाएंगे फिर भी मीठा बोलने वालों से सतर्क रहें। अधिकारी वर्ग से नोकझोंक होगी जिससे कागजी कार्य अधूरे रह सकते है। स्वास्थ्य मध्यान बाद नरम रहेगा भागदौड़ के कारण थकान बनेगी।

तुला⚖ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप अपनी बात मनवाने के लिये सामने वाले पर नाजायज दबाव बनाएंगे जिससे आपसी संबंध खराब होने का भय रहेगा फिर भी देर अबेर अपना काम बना ही लेंगे। नौकरी पेशा जातक अधिकारियों के ऊपर आवश्यकता से अधिक विश्वासः करेंगे जिसका परिणाम आज निराश ही करेगा। व्यवसायी वर्ग धन को लेकर थोड़े चिंतित रहेंगे उधारी के कारण कार्य क्षेत्र पर गरमा गरमी हो सकती है। आध्यात्मिक कार्यो में भी समय निकाल सम्मिलित होंगे लेकिन आज मन अन्यत्र ही भटकेगा। बाहर घूमने की योजना अंत समय मे निरस्त करनी पड़ेगी। सुख सुविधा मिलने पर भी मानसिक रूप से अशान्त रहेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आपका स्वभाव बात-बात पर गरम होगा। किसी से किया वादा पूर्ण ना करने पर अपमानित होना पड़ेगा। जल्दबाजी में कार्य करेंगे त्रुटि होने पर बाद में अफसोस होगा। आज धन संबंधित व्यवहार अधिक आवश्यकता पडने पर ही लिख कर ही करें भूल होने की संभावना हैं। धन लाभ को लेकर मध्यान तक चिंतित रहेंगे मध्यान बाद आवश्यकता अनुसार होने से राहत मिलेगी। घर का वातावरण भी आपके रूखे व्यवहार से अशान्त रहेगा। बड़े-बुजुर्गों की बात ना मानने पर कुछ ना कुछ हानि होगी। आज शांति बनाए रखने के लिये मौन रहना ही बेहतर रहेगा। सर-बदन दर्द रक्त चाप संबंधित परेशानी होगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन भी भाग-दौड़ में बीतेगा। दिन के आरम्भ से ही किसी कार्य को करने के लिए व्यस्त हो जाएंगे। कार्य व्यवसाय में आज अधूरे कार्य पूर्ण करने की जल्दबाजी रहेगी फिर भी समय से पूर्ण नही हो पाएंगे। व्यवसायी वर्ग धन सम्बन्धीत व्यवहार के कारण चिंतित रहेंगे समय पर कार्य पूर्ण ना होने कारण खरी-खोटी सुन्नी पड़ेगी। मध्यान बाद का समय राहत वाला रहेगा। धन संबंधित समस्या किसी की सहायता से सुलझेंगी लेकिज आज आर्थिक कारणों से किसी से पुराना संबंध टूटने की संभावना है। परिवार के बीच आप ज्यादा शांत एवं सुरक्षित अनुभव करेंगे। पेट खराब होने पर अन्य व्याधियां बनेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप लापरवाहि ज्यादा करेंगे। छोटी-छोटी गलती भी आगे चलकर गंभीर रूप ले सकती है इसका विशेष ध्यान रखना होगा। किसी भी कार्य को दिमाग की जगह दिल से करने के कारण सफलता में संशय रहेगा। धन संबंधित उलझने दिन के आरंभ से ही खड़ी होंगी जो कि संध्या तक यथावत बनी रहेगी संध्या के आस-पास कही से थोड़ा बहुत धन मिलने से दैनिक खर्च निकल जाएंगे। आर्थिक मामलों को लेकर आज ज्यादा तामझाम में ना पढ़ें अन्यथा छोटे लाभ से भी वंचित रहना पडेगा। मित्र रिश्तेदारों के आगे भी धन संबंधित कार्यो को लेकर शर्मिंदा होना पड़ सकता है। उधार किसी से भी ना करे चुकाने में परेशानी आएगी। सेहत में छोटी मोटी व्याधी लगी रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपके स्वभाव में आलस्य अधिक रहेगा। लापरवाहि में लाभ के अवसर हाथ से निकल सकते है सतर्क रहें। कार्य व्यवसाय में आज बीते कल की अपेक्षा तेजी रहेगी धन कमाने के मौके मिलते रहेंगे आवश्यकता अनुसार लाभ आसानी से हो जाएगा लेकिन लालच में ज्यादा कमाने की वृत्ति कुछ ना कुछ कमी ही करेगी। संतोषी वृति अपनाकर ही आज प्रत्येक कार्य निर्विघ्न सम्पन्न किया जा सकता है इसका विशेष ध्यान रखें। हर में मांगलिक कार्यक्रम होने से वातावरण शांत रहेगा। विपरीत लिंगीय आकर्षण भी कुछ अधिक रहेगा इसके कारण परिवार में गलतफहमी पनपने से खींच तान हो सकती है। सेहत बनी रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन भी स्थिति आपके पक्ष में ही रहेगी लेकिन आज आपका सनकी मिजाज लाभ में विलंब करेगा। परिजनों की सही बात को गलत सिद्ध करने पर झगड़ा हो सकता है कुछ देर में ही शांति स्थापित हो जाएगी। सामाजिक क्षेत्र पर पूर्व में किये गए कार्यो से सम्मान मिलेगा। समाज के सम्मानित व्यक्तियों के साथ उठना-बैठना होगा। पौराणीक धार्मिक क्षेत्रो के दर्शन की लालसा रहेगी शीघ्र ही इसके फलीभूत होने की सम्भवना है। दानपुण्य पर खर्च करेंगे। संध्या के समय मानसिक शान्ति के लिए मित्र-परिजनों के साथ बाहर घूमने की योजना बनाएंगे। परिवार में शांति रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent posts

Quote of the week

“Every sunset is an opportunity to reset. Every sunrise begins with new eyes.”

~ Richie Norton