Vaidik Panchang 05/03/2025 पशुपतिनाथ मंदिर की महिमा और रहस्य

🙏🏻 हर हर महादेव🙏🏻
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞
🌤️ दिनांक – 05 मार्च 2025
🌤️ दिन – बुधवार
🌤️ विक्रम संवत – 2081
🌤️ शक संवत -1946
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – वसंत ॠतु
🌤️ मास – फाल्गुन
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – षष्ठी दोपहर 12:51 तक तत्पश्चात सप्तमी
🌤️ नक्षत्र – कृत्तिका 06 मार्च रात्रि 01:08 तक तत्पश्चात रोहिणी
🌤️ योग – वैधृति रात्रि 11:07 तक तत्पश्चात विष्कंभ
🌤️ राहुकाल – दोपहर 12:50 से दोपहर 02:19 तक
🌤️ सूर्योदय 06:57
🌤️ सूर्यास्त – 06:43
👉 दिशाशूल – उत्तर दिशा मे
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष- षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

पशुपतिनाथ की महिमा🕉

नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर ऐसा ही एक स्थान है, जिसके विषय में यह माना जाता है कि आज भी इसमें शिव की मौजूदगी है।

पशुपतिनाथ मंदिर को शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ मंदिर का आधा भाग माना जाता है। पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू से किलोमीटर उत्तर-पश्चिम देवपाटन गांव में बागमती नदी के तट पर है स्थित है।

अगर आप कभी नेपाल घुमने जाते हैं तो आपको वहां जाकर इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं होगा कि आप एक अलग देश में हैं। कुछ भारत जैसी संस्कृति और संस्कारों को देखकर आप आश्चर्यचकित जरुर हो जायेंगे। आप अगर शिव भगवान के भक्त हैं तो आपको एक बार नेपाल स्थित भगवान शिव का पशुपतिनाथ मंदिर जरूर जाना चाहिए।
नेपाल में भगवान शिव का पशुपतिनाथ मंदिर विश्वभर में विख्यात है। इसका असाधारण महत्त्व भारत के अमरनाथ व केदारनाथ से किसी भी प्रकार कम नहीं है। पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम देवपाटन गांव में बागमती नदी के तट पर स्थित है।
यह मंदिर भगवान शिव के पशुपति स्वरूप को समर्पित है। यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में शामिल भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर नेपाल में शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है।
यह मंदिर हिन्दू धर्म के आठ सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। नेपाल में यह भगवान शिव का सबसे पवित्र मंदिर है। इस अंतर्राष्ट्रीय तीर्थ के दर्शन के लिए भारत के ही नहीं, अपितु विदेशों के भी असंख्य यात्री और पर्यटक काठमांडू पहुंचते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव यहां पर चिंकारे का रूप धारण कर निद्रा में चले बैठे थे। जब देवताओं ने उन्हें खोजा और उन्हें वाराणसी वापस लाने का प्रयास किया तो उन्होंने नदी के दूसरे किनारे पर छलांग लगा दी। कहा जाता हैं इस दौरान उनका सींग चार टुकडों में टूट गया था। इसके बाद भगवान पशुपति चतुर्मुख लिंग के रूप में यहाँ प्रकट हुए थे।
पशुपतिनाथ लिंग विग्रह में चार दिशाओं में चार मुख और ऊपरी भाग में पांचवां मुख है। प्रत्येक मुखाकृति के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंडल है। प्रत्येक मुख अलग-अलग गुण प्रकट करता है। पहला मुख ‘अघोर’ मुख है, जो दक्षिण की ओर है। पूर्व मुख को ‘तत्पुरुष’ कहते हैं। उत्तर मुख ‘अर्धनारीश्वर’ रूप है। पश्चिमी मुख को ‘सद्योजात’ कहा जाता है। ऊपरी भाग ‘ईशान’ मुख के नाम से पुकारा जाता है। यह निराकार मुख है। यही भगवान पशुपतिनाथ का श्रेष्ठतम मुख माना जाता है।
इतिहास को देखने पर ज्ञात होता है कि पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान की सेवा करने के लिए 1747 से ही नेपाल के राजाओं ने भारतीय ब्राह्मणों को आमंत्रित किया है। इसके पीछे यह तथ्य बताये जाते हैं कि भारतीय ब्राह्माण हिन्दू धर्मशास्त्रों और रीतियों में ज्यादा पारंगत होते हैं। बाद में ‘माल्ला राजवंश’ के एक राजा ने दक्षिण भारतीय ब्राह्मण को ‘पशुपतिनाथ मंदिर’ का प्रधान पुरोहित नियुक्त किया। दक्षिण भारतीय भट्ट ब्राह्मण ही इस मंदिर के प्रधान पुजारी नियुक्त होते रहे हैं।
मंदिर के निर्माण का कोई प्रमाणित इतिहास तो नहीं है किन्तु कुछ जगह पर यह जरुर लिखा गया है कि मंदिर का निर्माण सोमदेव राजवंश के पशुप्रेक्ष ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में कराया था।
कुछ इतिहासकार पाशुपत सम्प्रदाय को इस मंदिर की स्थापना से जुड़ा मानते हैं। पशुपति काठमांडू घाटी के प्राचीन शासकों के अधिष्ठाता देवता रहे हैं। 605 ईस्वी में अमशुवर्मन ने भगवान के चरण छूकर अपने को अनुग्रहीत माना था। बाद में मध्य युग तक मंदिर की कई नकलों का निर्माण कर लिया गया। ऐसे मंदिरों में भक्तपुर (1480), ललितपुर (1566) और बनारस (19वीं शताब्दी के प्रारंभ में) शामिल हैं। मूल मंदिर कई बार नष्ट हुआ है। इसे वर्तमान स्वरूप नरेश भूपलेंद्र मल्ला ने 1697 में प्रदान किया।
मंदिर की आध्यात्मिक शक्ति की चर्चाआसपास में काफी प्रचलित है। भारत समेत कई देशों से लोग यहाँ आध्यात्मिक शांति की तलाश में आते हैं। अगर आप भी भगवान शिव के दर्शनों के अभिलाषी हैं तो यहाँ साफ़ और छल रहित दिल से आकर, आप शिव के दर्शन कर सकते हैं।
मंदिर की महिमा के बारे में आसपास के लोगों से आप काफी कहानियां भी सुन सकते हैं। मंदिर में अगर कोई घंटा-आधा घंटा ध्यान करता है तो वह जीव कई प्रकार की समस्याओं से मुक्त भी हो जाता है।
विशेष,,,,
भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर की किंवदंती के अनुसार
जब महाभारत के युद्ध में पांडवों द्वारा अपने ही रिश्तेदारों का रक्त बहाया गया तब भगवान शिव उनसे बेहद क्रोधित हो गए थे। श्रीकृष्ण के कहने पर वे भगवान शिव से मांफी मांगने के लिए निकल पड़े।

गुप्त काशी में पांडवों को देखकर भगवान शिव वहां से विलुप्त होकर एक अन्य थान पर चले गए। आज इस स्थान को केदारनाथ के नाम से जाना जाता है।

शिव का पीछा करते हुए पांडव केदारनाथ भी पहुंच गए लेकिन भगवान शिव उनके आने से पहले ही भैंस का रूप लेकर वहां खड़े भैंसों के झुंड में शामिल हो गए। पांडवों ने महादेव को पहचान तो लिया लेकिन भगवान शिव भैंस के ही रूप में भूमि में समाने लगे।

इसपर भीम ने अपनी ताकत के बल पर भैंस रूपी महादेव को गर्दन से पकड़कर धरती में समाने से रोक दिया। भगवान शिव को अपने असल रूप में आना पड़ा और फिर उन्होंने पांडवों को क्षमादान दे दिया।

लेकिन भगवान शिव का मुख तो बाहर था लेकिन उनका देह केदारनाथ पहुंच गया था। जहां उनका देह पहुंचा वह स्थान केदारनाथ और उनके मुख वाले स्थान पशुपतिनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

इन दोनों स्थानों के दर्शन करने के बाद ही ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का पुण्य प्राप्त होता है। पशुपतिनाथ में भैंस के सिर और केदारनाथ में भैंस की पीठ के रूप में शिवलिंग की पूजा होती है।

पशुपति नाथ मंदिर के विषय में यह मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस स्थान के दर्शन करता है उसे किसी भी जन्म में पशु योनि प्राप्त नहीं होती। लेकिन साथ ही यह भी माना जाता है कि पशुपतिनाथ के दर्शन करने वाले व्यक्ति को सबसे पहले नंदी के दर्शन नहीं करने चाहिए, अगर ऐसा होता है तो उस व्यक्ति को पशु योनि मिलना तय होता है।

पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर एक घाट स्थित है जिसे आर्य घाट के नाम से जाना जाता है। पौराणिक काल से ही केवल इसी घाट के पानी को मंदिर के भीतर ले जाए जाने का प्रावधान है। अन्य किसी भी स्थान का जल अंदर लेकर नहीं जाया जा सकता।

पशुपतिनाथ विग्रह में चारों दिशाओं में एक मुख और एकमुख ऊपर की ओर है। प्रत्येक मुख के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंदल मौजूद है

ये पांचों मुख अलग-अलग गुण लिए हैं। जो मुख दक्षिण की ओर है उसे अघोर मुख कहा जाता है, पश्चिम की ओर मुख को सद्योजात, पूर्व और उत्तर की ओर मुख को क्रमश: तत्वपुरुष और अर्धनारीश्वर कहा जाता है। जो मुख ऊपर की ओर है उसे ईशान मुख कहा जाता है।

पशुपतिनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग चतुर्मुखी है। ऐसा माना जाता है कि ये पारस पत्थर के समान है, जो लोहे को भी सोना बना सकता है।

🌷 होलाष्टक विशेष 🌷
🙏🏻 फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर फाल्गुन मास की पूर्णिमा यानी होली के दिन तक का काल “होलाष्टक” कहलाता है | इन दिनों में शादी, ब्याह, सगाई आदि के काम नहीं किये जाते, लेकिन अगर जप-तप करते हैं तो बहुत फायदा होता है | चमत्कारिक फायदा होता है |
💥 विशेष ~ 06 मार्च 2025 गुरुवार से होलाष्टक प्रारंभ।
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🌷 राजमा से सावधान 🌷
🍲 ये सीजन गर्मी की है इन गर्मी की सीजनों में राजमा खाने वालें सावधान | इस सीजन में राजमा जल्दी पचता नही फिर गोंड़ों का और जोंड़ों का दर्द अदि करता है |
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🌷 कर्जे के भार से बचें 🌷
➡ उबटन वाला स्नान यानी सात चीजों का उबटन लगा के नहाओ सात चीजें हैं :
👉🏻 १ गेहूँ
👉🏻 २ चावल ( जो ज्वार खाते हों वो ज्वार और जो चावल खाते हों वो चावल ले सकते हैं )
👉🏻 ३ मूँग
👉🏻 ४ चना
👉🏻 ५ उड़द
👉🏻 ६ जौं
👉🏻 ७ तिल कर्जे के भार से छुड़ाने में बड़ा काम करेगा |
➡ इस का समान भाग मिश्रण बना लें उसको चक्की में पिसवाकर उस पाउडर का घोल बनाकर उससे नहाऐं पहले ललाट पर (भस्म की तरह बीच की तीन उँगलियों से लगायें) लगायें आधा-एक मिनट “ॐ नमः शिवाय ” बोलें इससे पाप नाशिनी ऊर्जा पैदा होगी और स्वास्थ्य में कितने लाभ होगें बता नहीं सकते, साबुन लगाने से डिप्रेशन होता है, शरीर के रोम-कूप पर बुरा असर पड़ता है
➡ सप्त धान उबटन का स्नान रोज करो | बहुत मदद मिलेगी …. गृह पीड़ा दूर होगी बहुत फायदा होगा

पंचक खत्म- 3 मार्च 2025, सोमवार को सुबह 6:39 बजे

पंचक शुरू- 26 मार्च 2025, बुधवार को दोपहर 03:14 बजे
पंचक खत्म– 30 मार्च 2025, रविवार को शाम 04:35 बजे

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष

आप बेहद भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म 5 तारीख को हुआ है। 5 का मूलांक भी 5 ही होता है। ऐसे व्यक्ति अधिकांशत: मितभाषी होते हैं। कवि, कलाकार तथा अनेक विद्याओं के जानकार होते हैं। आपमें गजब की आकर्षण शक्ति होती है। आपमें लोगों को सहज अपना बना लेने का विशेष गुण होता है। अनजान व्यक्ति की मदद के लिए भी आप सदैव तैयार रहते हैं।

आपमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना मुश्किल है। अर्थात अगर आप अच्छे स्वभाव के व्यक्ति हैं तो आपको कोई भी बुरी संगत बिगाड़ नहीं सकती। अगर आप खराब आचरण के हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको सुधार नहीं सकती। लेकिन सामान्यत: 5 तारीख को पैदा हुए व्यक्ति सौम्य स्वभाव के ही होते हैं।

शुभ दिनांक : 1, 5, 7, 14, 23

शुभ अंक : 1, 2, 3, 5, 9, 32, 41, 50

शुभ वर्ष : 2030, 2032, 2034, 2050, 2059, 2052

ईष्टदेव : देवी महालक्ष्मी, गणेशजी, मां अम्बे।

शुभ रंग : हरा, गुलाबी, जामुनी, क्रीम

जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण रहेगा। अविवाहित भी विवाह में बंधने को तैयार रहें। व्यापार-व्यवसाय में प्रगति से प्रसन्नता रहेगी। यह वर्ष सफलताओं भरा रहेगा। अभी तक आ रही परेशानियां भी इस वर्ष दूर होती नजर आएंगी। परिवारिक प्रसन्नता रहेगी। संतान पक्ष से खुशखबर आ सकती है। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए यह वर्ष निश्चय ही सफलताओं भरा रहेगा

🙏🏻आज का राशिफल 🙏🏻

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपका व्यवहार अन्य लोगो के प्रति लापरवाह रहेगा आज आप अपने मे ही मगन रहेंगे आवश्यक घरेलू कार्यो को भी बिना कलह के नही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी ऐसा ही व्यवहार रहेगा स्वयं कुछ करेंगे नही कोई करेगा तो उसके काम मे नुक्स निकाल कर बाधा पहुचायेंगे। धन लाभ के लिये लंबा इंतजार करना पड़ेगा उसके बाद भी आवश्यकता से बहुत कम होगा। आज आपको अन्य लोगो की बुराइया सुनने और करने में आनंद आएगा दो पक्षो के झगड़े को सुलझाने की जगह मूकदर्शक बन आनंद लेंगे। संध्या के समय अपनी अव्यवस्थित दिनचर्या से भी संतोष ही करेंगे। विपरीत लिंगियों से सतर्क रहें लांक्षन लगने का भय है। खर्च आज कम ही रहेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिये शुभ फलदायी रहेगा आज आपको घर एवं बाहर अन्य दिनों की तुलना में कम परिश्रम करना पड़ेगा धन की आमद तो आज अनिश्चित रहेगी लेकिन सार्वजिनक क्षेत्र पर मान सम्मान में वृद्धि अवश्य होगी। महिलाए घरेलू कार्यो को जल्दी पूरा कर बाहर घूमने की योजना में रहेंगी लेकिन कोई ने काम आने से समय नही मिल सकेगा। काम-धंधा सामान्य रहेगा धन प्राप्ति की संभावना बनते बनते आगे के लिये टलेगी। लेकिन आवश्यकता पूर्ति लायक हो ही जाएगी। आज मन चंचल भी रहेगा संगीत कला आदि में रुचि दिखाएंगे। धर्म कर्म करते समय मन एकाग्र नही रहेगा। बाहरी आकर्षण के बाद भी घरेलू वातावरण में अधिक सहज अनुभव करेंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन विपरीत फलदायी रहेगा जल्दबाजी में कोई कार्य ना करें अन्यथा हानि निश्चित है। दिन के आरंभ में स्वभाव में रूखापन रहेगा किसी की सरल बातो का जवाब उल्टा देकर वातावरण स्वयं ही खराब करेंगे। सेहत में भी थोड़ी बहुत नरमी रहने के कारण कार्यो को मन से नही करेंगे। कार्य व्यवसाय पर आज धन संबंधित कारणों से कोई नई परेशानी खड़ी होगी आज इसके सुलझने के आसार कम ही है। सामाजिक जीवन सामान्य रहेगा स्वार्थ हेतु ही व्यवहार करेंगे परोपकार की भावना आज कम ही रहेगी। नौकरी पेशाओ को आकस्मिक यात्रा करनी पड़ सकती है वाहन से सावधान रहें खराब होने अथवा चोटादि का भय है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपका सार्वजनिक जीवन बेहतर बनेगा लेकिन दिखावे की मानसिकता रहने के कारण आवश्यकता से अधिक खर्च करेंगे जिसके फलस्वरूप बजट प्रभावित होगा। सेहत आज सामान्य रहेगी लेकिन पुराने रक्त अथवा चर्म रोग की समस्या फिर से बन सकती है। कार्य व्यवसाय को लेकर आज थोड़े लापरवाह रहेंगे लेकिन मध्यान बाद धन की आवश्यकता पड़ने पर स्वभाव में गंभीरता आ जायेगी। आज समय पर कोई काम।नही आएगा धन के व्यवहार ना चाहकर भी करने पड़ेंगे। घर मे वातावरण शांत रहेगा महिलाए प्रतिस्पर्धा के कारण स्वयं को अन्य से निम्न आंकने पर दुखी होंगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिये सामान्य से अधिक शुभ रहेगा आज आप जिस भी कार्य को करने का मन बनायेगे आस पास वाले लोग उसके विपरीत राय देंगे हानि के भय से मन असमंजस में रहेगा लेकिन आज आप जो भी निर्णय अथवा कार्य करेंगे उसका परिणाम आपके अनुकूल ही रहेगा भले सफलता देर से ही मिले। कार्य क्षेत्र पर धन की आमद आशा से कम होगी पर होगी जरूर उधारी के व्यवहार भूल कर भी ना करें अन्यथा बाद में लेन देन को लेकर निश्चित कलह होगी। घर का वातावरण पहले से शांत रहेगा लेकिन महिलाए का स्वभाव रहस्यमयी रहेगा पल में प्रसन्न अगले ही पल लड़ाई कर बैठेंगी। कमर अथवा कंधे में दर्द की शिकायत शारीरिक अकड़न से परेशानी हो सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन बीते कल से ठीक रहेगा। मन आध्यात्मिक कार्यो में रुचि लेगा कार्य करते हुए भी मन ही मन धार्मिक विचार चलते रहेंगे। परिवार के सदस्यों में किसी ना किसी बात को लेकर पहले मतभेद होंगे बाद में मजबूरी में अथवा तालमेल बनाये रखने के लिये एकमत हो जाएंगे लेकिन संतानों को लेकर कोई न कोई परेशानी बनी ही रहेगी। कार्य व्यवसाय में आज ज्यादा लाभ की संभावना ना रखें अन्यथा बाद में निराश होने पड़ेगा खर्च निकालने के लिये भी किसी का मुह ताकना पड़ेगा। नौकरी वाले जातकों का अधिकारी वर्ग पर क्रोध बढ़ेगा। धन की आमद ना के बराबर रहेगी फिर भी संभव हो तो किसी से उधार के व्यवहार ना ही करें। मानसिक अशांति को छोड़ सेहत में सुधार आएगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपका गुस्सा आस पास रहने वालों को सहज नही बैठने देगा। सेहत में कोई न कोई समस्या बनी रहेगी जिससे कार्य करने के लिये पूरी तरह तैयार नही रहेंगे अधिकांश कार्य अन्य के भरोसे करना पड़ेगा लेकिन मन के अनुसार ना होने पर गुस्सा आएगा। धन की आमद भी आज अन्य दिनों की अपेक्षा कम ही रहेगी। बिक्री केवल उधारी की शर्त पर होने के कारण व्यवसायी वर्ग विशेष रूप से उधारी के लेनदेन के कारण दुविधा में रहेंगे धन की आमद के लिये जोर जबरदस्ती ना करें अन्यथा आगे के लिये संबंध खराब होंगे। घर के सदस्य अथवा मित्र परिचित आपसे भयभीत होने के कारण मदद करने में भी संकोच करेंगे लेकिन आप इसे गलत नजरिये से देखेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप मध्यान तक किसी बहु प्रतीक्षित कार्यो को लेकर उलझन में रहेंगे स्वभाव में व्यवहारिकता थोड़ी कम रहेगी जिसके कारण अपने कार्य निकालने में परेशानी आएगी आज आपको सभी से मीठा व्यवहार करने की सलाह है तभी कामना पूर्ति सम्भव है अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। संध्या के बाद का समय कार्य सिद्धि वाला है धन की थोड़ी बहुत आमद थोड़े प्रयास से अवश्य हो जाएगी इसको बढ़ाने के लिये स्वभाव में मिठास रखें। कार्य क्षेत्र पर अधिकारी वर्ग आपके ऊपर भरोसा रखेंगे लेकिन अतिरिक्त कार्य भी सौप कर दुविधा में डालेंगे। घर के सदस्यों की कम ही बनेगी एक दूसरे की गलतियां निकालेंगे आरोग्य बना रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन खर्चीला साबित होगा घर अथवा कार्य क्षेत्र पर ना चाहते हुए भी आवश्यकता से अधिक खर्च करना पड़ेगा। लेकिन बाद में इससे शांति और संतोष भी अनुभव करेंगे। परिजन अपनी अनैतिक मांगो को लेकर मध्यान तक परेशान करेंगे पूरी होने पर ही सब्र आएगा। कार्य क्षेत्र का भी यही हाल रहेगा सहकर्मियों को प्रसन्न रखने के साथ व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा में।बने रहने के लिये अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा धन की आमद खर्च से कम रहने के कारण आर्थिक उलझनों का सामना करना पड़ेगा। सेहत भी आज ज्यादा ठीक नही रहेगी ठंड का प्रकोप स्वास्थ्य पर पड़ेगा जुखाम बुखार सरदर्द की शिकायत हो सकती है। यात्रा से बचें अन्यथा स्थिति गंभीर होगी। बुजुर्गों को संतुष्ट नही कर पाएंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपको राहत प्रदान करेगा बुद्धि विवेक का विकास होगा समाज मे आपकी अलग पहचान बनेगी किसी से काम निकालना भी आसान होगा लेकिन घर का वातावरण इसके एक दम विपरीत रहेगा परिजनों को सही सलाह देना भी कलह को निमंत्रण देने जैसा रहेगा। परिजन आपको केवल स्वार्थ पूर्ति के लिये ही याद करेंगे अन्य समय अपने मन की चलाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज आप अपनी बुद्धि और चालाकी से अन्य के लाभ को अपने पक्ष में कर सकेंगे। कुछ दिनों से चल रही मंदी में कमी आएगी धन की आमद फिर भी सही समय पर ना होने से आर्थिक कमी बनी रहेगी। संध्या के समय धन भर की थकान मनोरंजन से कम होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन प्रतिकूल रहेगा आज आपको वाणी और व्यवहार संयमित रखने की सलाह है। जिसे आप अपना हितैषी समझकर व्यक्तिगत सुख दुख में शामिल करेंगे वही आपके साथ धोखा करेगा जिसके परिणाम स्वरूप आपसी संबंधों में खटास आएगी। महिलाए विशेषकर बेतुकी बयानबाजी से बचे अन्यथा अन्य की गलती का आरोप भी आपके ऊपर आएगा। नौकरी पेशा लोगो से अपने को श्रेष्ठ दिखाने के चक्कर मे बड़ी चूक हो सकती है सतर्क रहें। व्यवसायी वर्ग को भविष्य के लिये बड़ा सौदा मिलने की संभावना है किसी अपरिचित से भी विवेक से पेश आये आज अनजान लोगों से ही लाभ आसार है। संतानों की पढ़ाई को लेकर चिंता होगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन भाग दौड़ वाला रहेगा लेकिन परिश्रम का फल किसी न किसी रूप में शुभ ही मिलेगा। दिन के आरंभ से मन मे व्यवसाय वृद्धि को लेकर तरह तरह के विचार आएंगे मध्यान तक इसी उधेड़बुन में लगे रहेंगे लेकिन लाभ आज अकस्मात और जहां से सोचा नही वहां से होगा। नौकरी पेशाओ को गलत आचरण के कारण किसी से अपमानजनक शब्द सुनने पड़ेंगे फिर भी स्वयं में सुधार करने की जगह प्रतिशोध लेने के लिए तैयार रहेंगे। संध्या का समय धन लाभ कराएगा अकस्मात होने से आश्चर्य चकित और प्रसन्न रहेंगे। आज किसी को ना चाहकर परिजनों के विरोध के बाद भी आर्थिक अथवा अन्य रूप से मदद करनी पड़ेगी लेकिन अपना बजट ना बिगड़े इसका ध्यान रहे। सेहत में संध्या बाद गिरावट आएगी।

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“Every sunset is an opportunity to reset. Every sunrise begins with new eyes.”

~ Richie Norton