Vaidik Panchang 03/04/2025, मानव शरीर एक देवालय है

🙏🏻 हर हर महादेव🙏🏻
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞

🌤️ दिनांक – 03 अप्रैल 2025
🌤️ दिन – गुरूवार
🌤️ विक्रम संवत – 2082 (गुजरात अनुसार 2081)
🌤️ शक संवत -1947
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – वसंत ॠतु
🌤️ मास – चैत्र
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – षष्ठी रात्रि 09:41 तक तत्पश्चात सप्तमी
🌤️ नक्षत्र – रोहिणी सुबह 07:02 तक तत्पश्चात मृगशिरा
🌤️ योग – सौभाग्य रात्रि 12:01 तक तत्पश्चात शोभन
🌤️ राहुकाल – दोपहर 02:15 से शाम 03:48 तक
🌤️ सूर्योदय – 06:31
🌤️ सूर्यास्त – 06:52
👉 दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे
🚩 व्रत पर्व विवरण- स्कंद षष्ठी
💥 विशेष- षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🌷 नवरात्रि के आखिरी 3 दिन 🌷
👉🏻 अगर कोई पूरे नौ दिनों का व्रत नवरात्रि में नहीं रख सकता, तो कम से कम आखिरी तीन दिनों का व्रत रखना चाहिए. उससे 9 दिन के नवरात्रि का फल प्राप्त कर होता हैं ।
🙏🏻

🌷 ससुराल में तकलीफ हो तो 🌷
👩🏻 जिनको शादी के बाद कठिनाई आती है… ससुराल में ….उनको चैत्र मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को (यानि 05 अप्रैल 2025 शनिवार को)– ॐ ह्रीं गौरिये नम: | ॐ ह्रीं गौरिये नम: | का जप करे | और प्रार्थना करे “की शिवजी की अति प्रिय हो माँ… हमारे परिवार में ये समस्या न रहें |
🙏🏻 *”आपके परिचितों में किसी को भी बेटी, बहन शादी के बाद दिक्कते आती हो तो आप इनको बता दें | ऐसा करें बेटी न कर पाये तो बाप तो करे, भाई करें, बहन करें की मेरी बेटी, बहन को ऐसी तकलीफ न हो ऐसा संकल्प करें, नाम और गोत्र का उच्चारण करके |

🌷 काम धंधे में सफलता एवं राज योग के लिए 🌷
🙏🏻 अगर काम धंधा करते हैं और सफलता नहीं मिलती हो या विघ्न आते हों तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी को.. बेल के कोमल -कोमल पत्तों पर लाल चन्दन लगा कर माँ जगदम्बा को अर्पण करने से …. मंत्र बोले ” ॐ ह्रीं नमः । ॐ श्रीं नमः । ” और थोड़ी देर बैठ कर प्रार्थना और जप करने से राज योग बनता है गुरु मंत्र का जप और कभी -कभी ये प्रयोग करें नवरात्रियों में तो खास करें | देवी भागवत में वेद व्यासजी ने बताया है।

🌷 चैत्र नवरात्रि 🌷
🙏🏻 नवरात्रि की सप्तमी तिथि यानी सातवें दिन माता दुर्गा को गुड़ का भोग लगाएं ।इससे हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
🌞 ~ वैदिक पंचांग ~ 🌞

🌷 चैत्र नवरात्रि 🌷
🙏🏻 शत्रुओं का नाश करती हैं मां कालरात्रि
महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए। इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं। मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। जीवन की हर समस्या को पल भर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं ।

मानव शरीर में कौन कौन से देवताओं का वास है और उनके कार्य क्या हैं
मानव शरीर एक देवालय (मंदिर) है

ईश्वर ने अपनी माया से चौरासी लाख योनियों की रचना की  लेकिन जब उन्हें संतोष न हुआ तो उन्होंने मनुष्य शरीर की रचना की।
मनुष्य शरीर की रचना करके ईश्वर बहुत  ही प्रसन्न हुए क्योंकि मनुष्य ऐसी बुद्धि से युक्त है जिससे वह ईश्वर के साथ साक्षात्कार कर सकता है।

हमारे ज्ञानवान पाठक जानते हैं कि मानव शरीर एक देवालय है। ईश्वर ने पंचभूतों (आकाश ,वायु ,अग्नि भूमि और जल ) से मानव शरीर का निर्माण कर उसमें भूख-प्यास भर दी।

आकाश की सूक्ष्म शरीर से, भूमि की हड्डियों, flesh से और अग्नि की body heat के साथ तुलना की गयी है।

देवताओं ने ईश्वर से कहा कि हमारे रहने योग्य कोई स्थान बताएं जिसमें रह कर हम अपने भोज्य-पदार्थ का भक्षण कर सकें। देवताओं के आग्रह पर जल से गौ और अश्व बाहर आए पर देवताओं ने यह कह कर उन्हें ठुकरा दिया कि यह हमारे रहने के योग्य नहीं हैं।

जब मानव शरीर प्रकट हुआ तब सभी देवता प्रसन्न हो गए।
तब ईश्वर ने कहा—अपने रहने योग्य स्थानों में तुम प्रवेश करो ।

तब सूर्य नेत्रों में ज्योति (प्रकाश) बन कर, वायु छाती और नासिका-छिद्रों में प्राण बन कर,
अग्नि मुख में वाणी और उदर में जठराग्नि बन कर,
दिशाएं श्रोत्रेन्द्रिय (सुनना ) बन कर कानों में,
औषधियां और वनस्पति लोम (रोम) बन कर त्वचा में,
चन्द्रमा मन होकर हृदय में, मृत्यु (मलद्वार)  होकर नाभि में और जल देवता वीर्य होकर पुरुषेन्द्रिय में प्रविष्ट हो गए।

तैंतीस देवता अंश रूप में आकर मानव शरीर में निवास करते हैं ।

उपनिषद् का निम्नलिखित  कथानक मानव शरीर के देवालय होने की पुष्टि करता है :

हमारा शरीर भगवान का मंदिर है। यही वह मंदिर है, जिसके बाहर के सब दरवाजे बंद हो जाने पर जब भक्ति का भीतरी पट खुलता है, तब यहां ईश्वर ज्योति रूप में प्रकट होते हैं  और मनुष्य को भगवान के दर्शन होते हैं।

आइये देखें मानव शरीर में कौन कौन से देवताओं का वास है और उनके कार्य क्या हैं :

संसार में जितने देवता हैं, उतने ही देवता मानव शरीर में “अप्रकट” रूप से स्थित हैं, किन्तु दस इन्द्रियों (पांच ज्ञानेन्द्रिय और पांच कर्मेन्द्रियां) के और चार अंतकरण (भीतरी इन्द्रियां—बुद्धि, अहंकार, मन और चित्त) के अधिष्ठाता देवता प्रकट रूप में हैं। इस सभी इन्द्रियों का टोटल किया जाये तो 14 बनता है।

आइए इन देवताओं के बारे में संक्षेप में जानकारी प्राप्त करें ,इतनी संक्षेप में कि साधारण मनुष्य को भी समझ आ जाये। सभी कठिन शब्दों को सरल करने का प्रयास तो किया है लेकिन जिनका सरलीकरण नहीं किया गया है वह केवल इस लिए कि सरलीकरण के बाद और अधिक  कठिनता देखी  गयी थी।   

1. नेत्रेन्द्रिय (चक्षुरिन्द्रिय) के देवता—भगवान सूर्य नेत्रों में निवास करते हैं और उनके अधिष्ठाता देवता हैं; इसीलिए नेत्रों के द्वारा किसी के रूप का दर्शन सम्भव हो पाता है । नेत्र विकार में चाक्षुषोपनिषद्, सूर्योपनिषद् की साधना और सूर्य की उपासना से लाभ होता है ।

2. घ्राणेन्द्रिय (नासिका) के देवता—नासिका के अधिष्ठाता देवता अश्विनीकुमार हैं । इनसे गन्ध का ज्ञान होता है ।

3. श्रोत्रेन्द्रिय (कान) के देवता—श्रोत-कान के अधिष्ठाता देवता दिक् देवता (दिशाएं) हैं । इनसे शब्द सुनाई पड़ता है ।

4. जिह्वा के देवता—जिह्वा में वरुण देवता का निवास है, इससे रस का ज्ञान होता है ।

5. त्वगिन्द्रिय (त्वचा) के देवता—त्वगिन्द्रिय के अधिष्ठाता वायु देवता हैं । इससे जीव स्पर्श का अनुभव करता है ।

6. हस्तेन्द्रिय (हाथों) के देवता—मनुष्य के अधिकांश कर्म हाथों से ही संपन्न होते हैं । हाथों में इन्द्रदेव का निवास है ।

7. चरणों के देवता—चरणों के देवता उपेन्द्र (वामन, श्रीविष्णु) हैं । चरणों में विष्णु का निवास है ।

8. वाणी के देवता—जिह्वा में दो इन्द्रियां हैं, एक रसना जिससे स्वाद का ज्ञान होता है और दूसरी वाणी जिससे सब शब्दों का उच्चारण होता है । वाणी में सरस्वती का निवास है और वे ही उसकी अधिष्ठाता देवता हैं ।

9. उपस्थ (मेढ़ू) के देवता—इस गुह्येन्द्रिय के देवता प्रजापति हैं । इससे प्रजा की सृष्टि (संतानोत्पत्ति) होती है ।

10. गुदा के देवता—इस इन्द्रिय में मित्र, मृत्यु देवता का निवास है । यह मल निस्तारण कर शरीर को शुद्ध करती है ।

11. बुद्धि इन्द्रिय के देवता—बुद्धि इन्द्रिय के देवता ब्रह्मा हैं । गायत्री मंत्र में सद्बुद्धि की कामना की गई है इसीलिए यह ‘ब्रह्म-गायत्री’ कहलाती है । जैसे-जैसे बुद्धि निर्मल होती जाती है, वैसे-वैसे सूक्ष्म ज्ञान होने लगता है, जो परमात्मा का साक्षात्कार भी करा सकता है ।

12. अहंकार के देवता—अहं के अधिष्ठाता देवता रुद्र हैं । अहं से ‘मैं’ का बोध होता है ।
13. 13. मन के देवता—मन के अधिष्ठाता देवता चन्द्रमा हैं । मन ही मनुष्य में संकल्प-विकल्प को जन्म देता है । मन का निग्रह परमात्मा की प्राप्ति करा देता है और मन के हारने पर मनुष्य निराशा के गर्त में डूब जाता है ।

14. चित्त के देवता—प्रकृति-शक्ति, चिच्छत्ति ही चित्त के देवता हैं । चित्त ही चैतन्य या चेतना है । शरीर में जो कुछ भी स्पन्दन (चलन, चेतना) होती है, सब उसी चित्त के द्वारा होती है ।

भगवान ने ब्रह्माण्ड बनाया और समस्त देवता आकर इसमें स्थित हो गए, किन्तु तब भी ब्रह्माण्ड में चेतना नहीं आई और वह विराट् मनुष्य  उठा नहीं। जब चित्त के अधिष्ठाता देवता ने चित्त में प्रवेश किया तो विराट् पुरुष उसी समय उठ कर खड़ा हो गया। इस प्रकार भगवान संसार में सभी क्रियाओं का संचालन करने वाले देवताओं के साथ इस शरीर में विराजमान हैं

अब मनुष्य का कर्तव्य है कि वह भगवान द्वारा बनाए गए इस देवालय को कैसे साफ-सुथरा रखे ? इसके लिए निम्न कार्य किए जाने चाहिए:

1. नकारात्मक विचारों और मनोविकारों-काम,क्रोध,लोभ,मोह,ईर्ष्या,अहंकार से दूर रहे ।

2. योग साधना, व्यायाम व सूर्य नमस्कार करके अधिक-से-अधिक पसीना बहाकर शरीर की आंतरिक गंदगी दूर करें ।

3. अनुलोम-विलोम व सूक्ष्म क्रियाएं करके ज्यादा-से ज्यादा शुद्ध हवा का सेवन करे ।

4. शुद्ध सात्विक भोजन सही समय पर व सही मात्रा में करके पेट को साफ रखें ।

नीचे दिए गए विवरण को पढ़ते समय आप सोच रहे होंगें कि ऊपर दी गयी जानकारी रिपीट हो रही है। हाँ कुछ तथ्य रिपीट अवश्य हो रहे हैं लेकिन इनका अध्ययन करना लाभदायक ही होगा।

हम जानते हैं कि मनुष्य का शरीर एक देवालय है। इस देवालय के आठ चक्र और नौ द्वार हैं। अर्थववेद में कहा गया है-

“अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या,तस्यां हिरण्ययः कोशः स्वर्गो ज्योतिषावृतः”

जिसका अर्थ है कि आठ चक्र और नौ द्वारों वाली अयोध्या देवों की पुरी है, उसमें प्रकाश वाला कोष है जो आनन्द और प्रकाश से युक्त है अर्थात आठ चक्रों और नौ द्वारों से युक्त यह देवों की अयोध्या नामक नगरी है।

विज्ञान के अनुसार मनुष्य का जन्म माता-पिता के संयोग से संभव हो पाता है।

लेकिन क्या केवल संयोग से ही मनुष्य की रचना हो जाती हैं, बिलकुल नहीं ! इसके लिए देवी-देवताओं का सहयोग भी होता है। 33 कोटी के देवी-देवता जैसे कि सूर्य, पृथ्वी, वायु, जल, आकाश, चन्द्र आदि हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।

हमारी माता के गर्भ में ये देव अपने एक-एक अंश से बच्चा पैदा करने और उसका पालन पोषण करने में सहयोग करते हैं।

ज़रा कल्पना करें कि अगर वायुदेव माँ के गर्भ में न पहुंच पाए तो क्या गर्भ में जीवन संभव हो सकता है। यही बात जल की है,यही बात अग्नि आदि देवों के बारे में भी लागू होती है। इन सभी देवों को एक-एक करके समझने के लिए तो विज्ञान और अध्यात्म की बैकग्राउंड होनी चाहिए ,अग्निदेव का अर्थ यह कदापि न लिया जाए कि माँ के गर्भ में कोई स्टोव या भट्टी स्थापित है और वह बच्चे के लिए खाना पका रही है। बेसिक साइंस का ज्ञान बताता है कि भोजन का पचना (digestion),उससे रक्त का बनना, एनर्जी का पैदा होना एक प्रकार का combustion/ burning/ignition process है।

अथर्ववेद के 5वें कांड में लिखा है:

सूर्य मेरी आँखें हैं, वायु मेरे प्राण हैं,अन्तरिक्ष मेरी आत्मा है और पृथ्वी मेरा शरीर है। इस तरह दिव्यलोक का सूर्य, अंतरिक्ष लोक की वायु और पृथ्वी लोक के पदार्थ क्रमशः मेरी आँखें और प्राण स्थूल शरीर में आकर रह रहे है और हाथ जो तीनों लोकों के सूक्ष्म अंश हैं, हमारे शरीर में अवतरित हुए हैं। इसीलिए ज्ञानी मनुष्य मानव शरीर को ब्रह्म मानता है क्योंकि सभी देवता इसमें वैसे ही रहते हैं जैसे गोशाला में गायें रहती हैं। माँ के गर्भ में 33 देवता अपने-अपने सूक्ष्म अंशों से रहते हैं परन्तु यह गर्भ तभी स्थिर (ठोस) होने लगता है जब परमात्मा अपने अंश से गर्भ में जीवात्मा को अवतरित करते हैं | उस समय सभी देवता गर्भ में उस परमात्मा की स्तुति करते हैं और उसकी रक्षा व् वृद्धि करते है | सभी देवता प्रार्थना करते हैं कि- हे जीव ! आप अपने साथ अन्य जीवों का भी कल्याण करना,परन्तु जन्म के समय के कठिन कष्ट के कारण मनुष्य इन बातों को भूल जाता है |

वेद का मंत्र हमें यह स्मरण दिलाता है मैं अमर अथवा अदम्य शक्ति से युक्त हूँ। हमारा शरीर ऐसा दिव्य और मनोहारी मनुष्य शरीर होता है। तभी तो उपनिषदों में ऋषियों का अमर संदेश गूंजता है: अहं ब्रह्मास्मि तत्वमसि | इसी तरह सभी जीवों की उत्पत्ति होती है। अतः देवता यह घोषणा करते हैं कि सृष्टि का हर प्राणी परमात्मा का ही अंश है इसलिए हम सभी को इसी भगवानमय दृष्टि से एक दूसरे को देखना चाहिए। इस वाक्य को पढ़कर आज के मानव पर घृणा तो आती है कि हमारे वेद, पुराण, उपनिषद ,देवता क्या शिक्षा देते हैं, कैसे इतने परिश्रम से सृष्टि की स्थापना करते हैं,लेकिन मानव
महामानव और देवमानव बनने के बजाय दैत्यमानव बनने में कोई कसर नहीं छोड़ता। शायद उस मानव को यह नहीं मालूम की सृष्टि के नियम, विधाता की अदालत में एक-एक प्राणी के एक-एक कर्म का लेखा लिखा जा रहा है। कर्म अपने कर्ता को ढूंढ ही निकालता है, सज़ा या इनाम मिल कर ही रहते हैं। कर्म की थ्योरी इतनी strong है कि इससे तो देवता क्या भगवान तक भी बच नहीं पाए।

ॐ नमः शिवाय 🙏
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय🙏🏻

अप्रैल 2025 पंचक

23 अप्रैल (बुधवार) रात 12:31 बजे से शुरू होकर 27 अप्रैल (रविवार) को सुबह 03:39 बजे तक रहेगा.

जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष

अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक 3 आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। ऐसे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अकसर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं।

शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30

शुभ अंक : 1, 3, 6,7, 9,

शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052

ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु

शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी

जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है। वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी।

मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope)
आज आपके मन में कामों को लेकर उलझन रहेगी। किसी दूसरी नौकरी का भी आपको ऑफर आने की संभावना है। परिवार में किसी दूर रह रहे परिजन की आपको याद सता सकती है। आपको अपनी किसी डील को लेकर समझदारी से काम लेना होगा। विद्यार्थियों को पढ़ाई-लिखाई में ढील देने से बचना होगा। आप किसी नए काम में सोच समझकर हाथ बढ़ाएं और आपको किसी अजनबी के कहने में आकर इन्वेस्टमेंट करने से बचना होगा। आप तरक्की के राह पर आगे बढ़ेंगे।

वृषभ दैनिक राशिफल (Taurus Daily Horoscope)
आज आपके रुके हुए काम पूरे होंगे और पारिवारिक रिश्तों में मधुरता बनाए रखने की कोशिश करनी होगी। परिवार में किसी सदस्य के स्वास्थ्य में गिरावट आने से आप परेशान रहेंगे। प्रेम जीवन जी रहे लोग साथी के साथ अपने रिश्ते में आगे बढ़ने की प्लानिंग करेंगे। आप बिजनेस में कुछ नए उपकरणों को शामिल कर सकते हैं, जिससे आपकी आय भी बढ़ेगी। आपने किसी से धन उधार लिया था, तो वह आपसे वापस मांग सकते हैं।

मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए आत्मविश्वास से भरपूर रहने वाला है। आपको वाहनों के प्रयोग से दूरी बनाकर रखना बेहतर रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपका कोई विरोधी खड़ा हो सकता है। सांसारिक सुख-भोग के साधनों में वृद्धि होगी। आपको अपनी किसी काम को लेकर दूसरे पर डिपेंड नहीं रहना है। आप संतान के लिए कोई सरप्राइस प्लान कर सकते हैं। आपको किसी के कोई बात बुरी लगने से आपका मन परेशान रहेगा। आप दूसरों की मदद के लिए भी आगे आएंगे।

कर्क दैनिक राशिफल (Cancer Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। घर में बड़े बुजुर्गों से आपकी खूब पटेगी। किसी विपरीत परिस्थिति में आपको धैर्य बनाए रखना होगा। आपको अपनी ऊर्जा को सही कामों में लगाना होगा। आप उन्नति की राह पर आप आगे बढ़ेंगे। आपको किसी सदस्य की कोई बात बुरी लग सकती है। आपने यदि कोई बात परिवार के सदस्यों से छुपा कर रखी थी, तो वह उनके सामने उजागर हो सकती है। आप अपनी जिम्मेदारियां को लेकर अपने भाइयों से बातचीत कर सकते हैं।

सिंह दैनिक राशिफल (Leo Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मेहनत से काम करने के लिए रहेगा। ससुराल पक्ष से आपको धन लाभ मिलता दिख रहा है। आप किसी प्रॉपर्टी की खरीदारी के लिए कोई लोन अप्लाई कर सकते हैं। पारिवारिक रिश्तों में गलतफहमी उत्पन्न हो सकती है। परस्पर सहयोग की भावना आपके मन में बनी रहेगी। शेयर मार्केट आदि में सोच समझकर इन्वेस्टमेंट करें। आप अपने किसी जरूरी काम को लेकर भागदौड़ में लगे रहेंगे। आपको मेहनत के अनुसार परिणाम न मिलने से मन परेशान रहेगा।

कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Daily Horoscope)
आज का दिन व्यवसाय कर रहे लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है। आपके चारों ओर का वातावरण खुशनुमा रहेगा। आप अपने धन का कुछ हिस्सा गरीबों की सेवा में भी लगाएंगे। आप मौज-मस्ती के मूड में रहेंगे। स्वास्थ्य के प्रति आपको थोड़ा ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि आपको कोई शारीरिक कष्ट चल रहा था, तो वह भी दूर होगा। माता-पिता के आशीर्वाद से आपका कोई रुका हुआ काम पूरा हो सकता है। आपको किसी विरोधी की बातों में आने से बचना होगा।

तुला दैनिक राशिफल (Libra Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए धन-धान्य में वृद्धि लेकर आने वाला है। आपके काम समय से पूरे होंगे, जिससे परिवार के सदस्य भी खुश रहेंगे। आप किसी नए वाहन की खरीदारी कर सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपको कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी, जिससे आपको मेहनत भी अधिक करनी होगी। आपको गलत तरीके से धन कमाने से बचना होगा। माताजी को आप किसी धार्मिक कार्यक्रम में लेकर जा सकते हैं। आप अपने घर की साज-सज्जा व रखरखाव पर पूरा ध्यान देंगे।

वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए सेहत के लिहाज से अच्छा रहने वाला है। नौकरी में कार्यरत लोगों को उनके कामों के लिए कोई पुरस्कार मिलेगा और उन्हें प्रमोशन आदि भी मिल सकता है। आप अपनी इनकम को ध्यान में रखकर खर्चों को करें, जिसके लिए आपको बजट बनाकर चलने की आवश्यकता है। आपकी कुछ नये लोगों से मुलाकात होगी। आपको कोई काम को लेकर सुझाव दे सकता है, जिस पर आप सोच समझकर अमल करें। यदि आपकी कोई डील प्रॉपर्टी को लेकर अटकी हुई थी, तो वह फाइनल हो सकती है।

धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है। आपकी कुछ विशेष व्यक्तियों से मुलाकात होगी। आप किसी नए प्रोजेक्ट को लेकर अपने भाइयों से बात कर सकते हैं। आपको नौकरी में किसी काम को लेकर कहीं बाहर जाना पड़ सकता है। जीवनसाथी आपसे किसी बात को लेकर नाराज रहेंगे। आपको उनकी भावनाओं को समझना होगा। प्रतिस्पर्धा का भाव आपके मन में बना रहेगा। आपकी कुछ नया करने की कोशिश रंग लाएगी।

मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Daily Horoscope)
आज का दिन सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है। आप अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेंगे। प्रेम संबंधों में नयापन आएगा और आपकी संतान को आप यदि कोई जिम्मेदारी देंगे, तो वह उसे भी आसानी से पूरी कर सकेंगे। छात्रों का पठन-पाठन में खूब मन लगेगा। आपका धार्मिक कामों में आपका खूब मन लगेगा। आपको परिवार में किसी सदस्य की कोई बात बुरी लगेगी, लेकिन फिर भी आप उनसे कुछ नहीं कहेंगे। आपको अपने कामों को लेकर जल्दबाजी दिखाने से बचना होगा।

कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मेहनत से काम करने के लिए रहेगा। यदि आप अपने कार्यक्षेत्र के कामों में कोई बदलाव कर सके, तो आपके लिए बेहतर रहने वाला है। परिवार के सदस्यों के साथ आपको समय बिताने का मौका मिलेगा। आर्थिक स्थिति भी आपकी थोड़ा कमजोर रहेगी। आपको किसी सहयोगी की कोई बात बुरी लगने से आपका मन परेशान रहेगा। विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई-लिखाई में ढील देने से बचना होगा। भाई- बहनों से यदि आपको किसी मदद की आवश्यकता होगी, तो वह भी आपको आसानी से मिल जाएगी।

मीन दैनिक राशिफल (Pisces Daily Horoscope)
आज आपको यदि किसी बात को लेकर क्रोध है, तो भी आप उसमें धैर्य बनाए रखें। कामकाज में आपको अच्छी तरक्की मिलेगी। आपको मानसिक तनाव रहने से आपकी समस्याएं बढ़ेगी। दोस्तों के साथ भी आपको कुछ समय बिताने का मौका मिलेगा। धन को लेकर आपकी स्थिति अच्छी रहेगी संतान पक्ष की ओर से आपको कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। आपको अपने बेफिजूल के खर्चों पर रोक लगानी होगी।

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Quote of the week

“Every sunset is an opportunity to reset. Every sunrise begins with new eyes.”

~ Richie Norton