🙏🏻 हर हर महादेव🙏🏻
🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞
⛅दिनांक – 25 फरवरी 2025
⛅दिन – मंगलवार
⛅विक्रम संवत् – 2081
⛅अयन – उत्तरायण
⛅ऋतु – बसन्त
⛅मास – फाल्गुन
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – द्वादशी दोपहर 12:47 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा शाम 06:31 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅योग – व्यतीपात सुबह 08:15 तक, तत्पश्चात वरीयान प्रातः 05:51 फरवरी 26 तक तत्पश्चात परिघ
⛅राहु काल – दोपहर 03:47 से शाम 05:14 तक
⛅सूर्योदय – 07:08
⛅सूर्यास्त – 06:37
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:25 से 06:15 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:30 से दोपहर 01:16 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 फरवरी 26 से रात्रि 01:17 फरवरी 26 तक
⛅व्रत पर्व विवरण – प्रदोष व्रत, त्रिपुष्कर योग (प्रातः 07:05 से दोपहर 12:47 तक)
⛅विशेष – द्वादशी को पूतिका (पोइ) व त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🌷 महाशिवरात्रि 🌷
➡ 26 फरवरी 2025 बुधवार को महाशिवरात्रि है।
🙏🏻 अर्ध रात्रि की पूजा के लिये स्कन्दपुराण में लिखा है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को ‘निशिभ्रमन्ति भूतानि शक्तयः शूलभृद यतः । अतस्तस्यां चतुर्दश्यां सत्यां तत्पूजनं भवेत् ॥’ अर्थात् रात्रिके समय भूत, प्रेत, पिशाच, शक्तियाँ और स्वयं शिवजी भ्रमण करते हैं; अतः उस समय इनका पूजन करने से मनुष्य के पाप दूर हो जाते हैं । शिवपुराण में आया है “कालो निशीथो वै प्रोक्तोमध्ययामद्वयं निशि ॥ शिवपूजा विशेषेण तत्काले ऽभीष्टसिद्धिदा ॥ एवं ज्ञात्वा नरः कुर्वन्यथोक्तफलभाग्भवेत्” अर्थात रात के चार प्रहरों में से जो बीच के दो प्रहर हैं, उन्हें निशीधकाल कहा गया हैं | विशेषत: उसी कालमें की हुई भगवान शिव की पूजा अभीष्ट फल को देनेवाली होती है – ऐसा जानकर कर्म करनेवाला मनुष्य यथोक्त फलका भागी होता है |
🙏🏻 चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं। अत: ज्योतिष शास्त्रों में इसे परम कल्याणकारी कहा गया है। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने में आती है। परंतु फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा गया है। शिवरहस्य में कहा गया है ।
🌷 “चतुर्दश्यां तु कृष्णायां फाल्गुने शिवपूजनम्। तामुपोष्य प्रयत्नेन विषयान् परिवर्जयेत।। शिवरात्रि व्रतं नाम सर्वपापप्रणाशनम्।”
🙏🏻 शिवपुराण में ईशान संहिता के अनुसार “फाल्गुनकृष्णचतुर्दश्यामादिदेवो महानिशि। शिवलिंगतयोद्भूत: कोटिसूर्यसमप्रभ:॥” अर्थात फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में आदिदेव भगवान शिव करोडों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए इसलिए इसे महाशिवरात्रि मानते हैं।
🙏🏻 शिवपुराण में विद्येश्वर संहिता के अनुसार शिवरात्रि के दिन ब्रह्मा जी तथा विष्णु जी ने अन्यान्य दिव्य उपहारों द्वारा सबसे पहले शिव पूजन किया था जिससे प्रसन्न होकर महेश्वर ने कहा था की “आजका दिन एक महान दिन है | इसमें तुम्हारे द्वारा जो आज मेरी पूजा हुई है, इससे मैं तुम लोगोंपर बहुत प्रसन्न हूँ | इसीकारण यह दिन परम पवित्र और महान – से – महान होगा | आज की यह तिथि ‘महाशिवरात्रि’ के नामसे विख्यात होकर मेरे लिये परम प्रिय होगी | इसके समय में जो मेरे लिंग (निष्कल – अंग – आकृति से रहित निराकार स्वरूप के प्रतीक ) वेर (सकल – साकाररूप के प्रतीक विग्रह) की पूजा करेगा, वह पुरुष जगत की सृष्टि और पालन आदि कार्य भी कर सकता हैं | जो महाशिवरात्रि को दिन-रात निराहार एवं जितेन्द्रिय रहकर अपनी शक्ति के अनुसार निश्चलभाव से मेरी यथोचित पूजा करेगा, उसको मिलनेवाले फल का वर्णन सुनो | एक वर्षतक निरंतर मेरी पूजा करनेपर जो फल मिलता हैं, वह सारा केवल महाशिवरात्रि को मेरा पूजन करने से मनुष्य तत्काल प्राप्त कर लेता हैं | जैसे पूर्ण चंद्रमा का उदय समुद्र की वृद्धि का अवसर हैं, उसी प्रकार यह महाशिवरात्रि तिथि मेरे धर्म की वृद्धि का समय हैं | इस तिथिमे मेरी स्थापना आदि का मंगलमय उत्सव होना चाहिये |
🙏🏻 तिथितत्त्व के अनुसार शिव को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि पर उपवास की प्रधानता तथा प्रमुखता है क्योंकि भगवान् शंकर ने खुद कहा है – “न स्नानेन न वस्त्रेण न धूपेन न चार्चया। तुष्यामि न तथा पुष्पैर्यथा तत्रोपवासतः।।” ‘मैं उस तिथि पर न तो स्नान, न वस्त्रों, न धूप, न पूजा, न पुष्पों से उतना प्रसन्न होता हूँ, जितना उपवास से।’
🙏🏻 स्कंदपुराण में लिखा है “सागरो यदि शुष्येत क्षीयेत हिमवानपि। मेरुमन्दरशैलाश्च रीशैलो विन्ध्य एव च॥ चलन्त्येते कदाचिद्वै निश्चलं हि शिवव्रतम्।” अर्थात् ‘चाहे सागर सूख जाये, हिमालय भी क्षय को प्राप्त हो जाये, मन्दर, विन्ध्यादि पर्वत भी विचलित हो जाये, पर शिव-व्रत कभी निष्फल नहीं हो सकता।’ इसका फल अवश्य मिलता है।
🙏🏻 ‘स्कंदपुराण’ में आता है “परात्परं नास्ति शिवरात्रि परात्परम् | न पूजयति भक्तयेशं रूद्रं त्रिभुवनेश्वरम् | जन्तुर्जन्मसहस्रेषु भ्रमते नात्र संशयः||” ‘शिवरात्रि व्रत परात्पर (सर्वश्रेष्ठ) है, इससे बढ़कर श्रेष्ठ कुछ नहीं है | जो जीव इस रात्रि में त्रिभुवनपति भगवान महादेव की भक्तिपूर्वक पूजा नहीं करता, वह अवश्य सहस्रों वर्षों तक जन्म-चक्रों में घूमता रहता है |’
🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार एकादशी को अन्न खाने से पाप लगता है और शिवरात्रि, रामनवमी तथा जन्माष्टमी के दिन अन्न खाने से दुगना पाप लगता है। अतः महाशिवरात्रि का व्रत अनिवार्य है।
🔹प्रदोष व्रत – 25 फरवरी🔹
सूतजी कहते हैं – त्रयोदशी तिथि में सायंकाल प्रदोष कहा गया है । प्रदोषके समय महादेवजी कैलासपर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं और देवता उनके गुणों का स्तवन करते हैं । अतः धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की इच्छा रखनेवाले पुरुषों को प्रदोष में नियम पूर्वक भगवान् शिव की पूजा, होम, कथा और गुणगान करने चाहिये ।

🔸दरिद्रता के तिमिर से अन्धे और भवसागर में डूबे हुए संसार भय से भीरु मनुष्यों के लिये यह प्रदोषव्रत पार लगानेवाली नौका है ।
🔸भगवान् शिव की पूजा करने से मनुष्य दरिद्रता, मुर्त्यु-दुःख और पर्वत के समान भारी ऋण-भार को शीघ्र ही दूर कर के सम्पत्तियों से पूजित होता है।
(स्कन्द पुराण : ब्रम्होत्तर खंड)
दो हजार पच्चीस में प्रदोष व्रत की तिथियाँ निम्नलिखित हैं:
- 10 जनवरी 2025, गुरुवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 26 जनवरी 2025, रविवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 9 फरवरी 2025, शनिवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 25 फरवरी 2025, मंगलवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 11 मार्च 2025, मंगलवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 27 मार्च 2025, गुरुवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 9 अप्रैल 2025, बुधवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 26 अप्रैल 2025, शनिवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 10 मई 2025, शनिवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 25 मई 2025, रविवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 8 जून 2025, रविवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 24 जून 2025, सोमवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 8 जुलाई 2025, मंगलवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 23 जुलाई 2025, बुधवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 7 अगस्त 2025, गुरुवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 22 अगस्त 2025, शुक्रवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 6 सितंबर 2025, शनिवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 21 सितंबर 2025, रविवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 5 अक्टूबर 2025, रविवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 20 अक्टूबर 2025, सोमवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 4 नवंबर 2025, मंगलवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 19 नवंबर 2025, बुधवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
- 3 दिसंबर 2025, बुधवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
- 18 दिसंबर 2025, गुरुवार: प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
यह ध्यान रखें कि ये तिथियाँ आपके स्थान और समय के अनुसार बदल सकती हैं।
आज मंगलवार को राम भक्त ‘हनुमान’ जी से सीखें जीवन प्रबंधन के ये दस सूत्र !?
हनुमान जी को कलियुग में सबसे प्रमुख ‘देवता’ माना जाता है। रामायण के सुन्दर कांड और तुलसीदास की हनुमान चालीसा में बजरंगबली के चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। इसके अनुसार हनुमान जी का किरदार हर रूप में युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।
हनुमान जी को कलियुग में सबसे असरदार भगवान माना गया है। हनुमान जी के बारे में तुलसीदास लिखते हैं ‘संकट कटे मिटे सब पीरा,जो सुमिरै हनुमत बल बीरा’। हमेशा अपने भक्तों को संकट से निवृत्त करने वाले हनुमान जी ‘स्किल्ड इंडिया’ के जमाने में युवाओं के परमप्रिय देवता होने के साथ ही उनके जीवन प्रबंधन गुरु की भी भूमिका निभाते हैं।
आज हम आपको ‘बजरंगबली’ के उन 10 गुणों के बारे में बताएंगे, जो न केवल आपको ‘उद्दात’ बनाएंगे, बल्कि आपके प्रोफ्रेशनल जीवन के लिए भी काफी प्रेरक साबित होंगे।
- संवाद कौशल : – सीता जी से हनुमान पहली बार रावण की ‘अशोक वाटिका’ में मिले, इस कारण सीता उन्हें नहीं पहचानती थीं। एक वानर से श्रीराम का समाचार सुन वे आशंकित भी हुईं, परन्तु हनुमान जी ने अपने ‘संवाद कौशल’ से उन्हें यह भरोसा दिला ही दिया की वे राम के ही दूत हैं। सुंदरकांड में इस प्रसंग को इस तरह व्यक्त किया गया हैः
“कपि के वचन सप्रेम सुनि, उपजा मन बिस्वास । जाना मन क्रम बचन यह ,कृपासिंधु कर दास ।।”
- विनम्रता : – समुद्र लांघते वक्त देवताओं ने ‘सुरसा’ को उनकी परीक्षा लेने के लिए भेजा। सुरसा ने मार्ग अवरुद्ध करने के लिए अपने शरीर का विस्तार करना शुरू कर दिया। प्रत्युत्तर में श्री हनुमान ने भी अपने आकार को उनका दोगुना कर दिया। “जस जस सुरसा बदनु बढ़ावा, तासु दून कपि रूप देखावा।” इसके बाद उन्होंने स्वयं को लघु रूप में कर लिया, जिससे सुरसा प्रसन्न और संतुष्ट हो गईं। अर्थात केवल सामर्थ्य से ही जीत नहीं मिलती है, “विनम्रता” से समस्त कार्य सुगमतापूर्वक पूर्ण किए जा सकते हैं।
- आदर्शों से कोई समझौता नहीं : – लंका में रावण के उपवन में हनुमान जी और मेघनाथ के मध्य हुए युद्ध में मेघनाथ ने ‘ब्रह्मास्त्र’ का प्रयोग किया। हनुमान जी चाहते, तो वे इसका तोड़ निकाल सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वह उसका महत्व कम नहीं करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने ब्रह्मास्त्र का तीव्र आघात सह लिया। हालांकि, यह प्राणघातक भी हो सकता था। यहां गुरु हनुमान हमें सिखाते हैं कि अपने उसूलों से कभी समझौता नहीं करना चाहिए । तुलसीदास जी ने हनुमानजी की मानसिकता का सूक्ष्म चित्रण इस पर किया हैः
“ब्रह्मा अस्त्र तेंहि साँधा, कपि मन कीन्ह विचार। जौ न ब्रहासर मानऊँ, महिमा मिटाई अपार ।।
- बहुमुखी भूमिका में हनुमान : – हम अक्सर अपनी शक्ति और ज्ञान का प्रदर्शन करते रहते हैं, कई बार तो वहां भी जहां उसकी आवश्यकता भी नहीं होती। तुलसीदास जी हनुमान चालीसा में लिखते हैंः “सूक्ष्म रूप धरी सियंहि दिखावा, विकट रूप धरी लंक जरावा ।”
सीता के सामने उन्होंने खुद को लघु रूप में रखा, क्योंकि यहां वह पुत्र की भूमिका में थे, परन्तु संहारक के रूप में वे राक्षसों के लिए काल बन गए। एक ही स्थान पर अपनी शक्ति का दो अलग-अलग तरीके से प्रयोग करना हनुमान जी से सीखा जा सकता है।
- समस्या नहीं समाधान स्वरूप : – जिस वक़्त लक्ष्मण रण भूमि में मूर्छित हो गए, उनके प्राणों की रक्षा के लिए वे पूरे पहाड़ उठा लाए, क्योंकि वे संजीवनी बूटी नहीं पहचानते थे। हनुमान जी यहां हमें सिखाते हैं कि मनुष्य को शंका स्वरूप नहीं, वरन समाधान स्वरूप होना चाहिए।
- भावनाओं का संतुलन : – लंका के दहन के पश्चात् जब वह दोबारा सीता जी का आशीष लेने पहुंचे, तो उन्होंने सीता जी से कहा कि वह चाहें तो उन्हें अभी ले चल सकते हैं, पर “मै रावण की तरह चोरी से नहीं ले जाऊंगा। रावण का वध करने के पश्चात ही यहां से प्रभु श्रीराम आदर सहित आपको ले जाएंगे।” रामभक्त हनुमान अपनी भावनाओं का संतुलन करना जानते थे, इसलिए उन्होंने सीता माता को उचित समय (एक महीने के भीतर) पर आकर ससम्मान वापिस ले जाने को आश्वस्त किया।
- आत्ममुग्धता से कोसों दूर : – सीता जी का समाचार लेकर सकुशल वापस पहुंचे श्री हनुमान की हर तरफ प्रशंसा हुई, लेकिन उन्होंने अपने पराक्रम का कोई किस्सा प्रभु राम को नहीं सुनाया। यह हनुमान जी का बड़प्पन था,जिसमे वह अपने बल का सारा श्रेय प्रभु राम के आशीर्वाद को दे रहे थे। प्रभू श्रीराम के लंका यात्रा वृत्तांत पूछने पर हनुमान जी जो कहा उससे भगवान राम भी हनुमान जी के आत्ममुग्धताविहीन व्यक्तित्व के कायल हो गए।
“ता कहूं प्रभु कछु अगम नहीं, जा पर तुम्ह अनुकूल । तव प्रभाव बड़वानलहि ,जारि सकइ खलु तूल ।।
- नेतृत्व क्षमता : – समुद्र में पुल बनाते वक़्त अपेक्षित कमजोर और उच्चश्रृंखल वानर सेना से भी कार्य निकलवाना उनकी विशिष्ठ संगठनात्मक योग्यता का परिचायक है। राम-रावण युद्ध के समय उन्होंने पूरी वानरसेना का नेतृत्व संचालन प्रखरता से किया।
- बौद्धिक कुशलता और वफादारी : -सुग्रीव और बाली के परस्पर संघर्ष के वक़्त प्रभु राम को बाली के वध के लिए राजी करना, क्योंकि एक सुग्रीव ही प्रभु राम की मदद कर सकते थे। इस तरह हनुमान जी ने सुग्रीव और प्रभू श्रीराम दोनों के कार्यों को अपने बुद्धि कौशल और चतुराई से सुगम बना दिया। यहां हनुमान जी की मित्र के प्रति ‘वफादारी’ और ‘आदर्श स्वामीभक्ति’ तारीफ के काबिल है।
- समर्पण : – हनुमान जी एक आदर्श ब्रह्चारी थे। उनके ब्रह्मचर्य के समक्ष कामदेव भी नतमस्तक थे। यह सत्य है कि श्री हनुमान विवाहित थे, परन्तु उन्होंने यह विवाह एक विद्या की अनिवार्य शर्त को पूरा करने के लिए अपने गुरु भगवान् सूर्यदेव के आदेश पर किया था। श्री हनुमान के व्यक्तित्व का यह आयाम हमें ज्ञान के प्रति ‘समर्पण’ की शिक्षा देता है। इसी के बलबूते हनुमान जी ने अष्ट सिद्धियों और सभी नौ निधियों की प्राप्ति की।
बड़ी विडंबना है कि दुनिया की सबसे बड़ी युवा शक्ति भारत के पास होने के बावजूद उचित जीवन प्रबंधन न होने के कारण हम युवाओं की क्षमता का समुचित दोहन नहीं कर पा रहे हैं। युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय श्री हनुमान निश्चित रूप से युवाओं के लिए सबसे बड़े आदर्श हैं, क्योंकि हनुमान जी का चरित्र अतुलित पराक्रम, ज्ञान और शक्ति के बाद भी अहंकार से विहीन था।
आज हमें हनुमान जी की पूजा से अधिक उनके चरित्र को पूजकर उसे आत्मसात करने की आवश्यकता है, जिससे हम भारत को राष्ट्रवाद सरीखे उच्चतम नैतिक मूल्यों के साथ ‘कौशल युक्त’ भी बना सकें।
।। जय सियाराम जी।।
।। ॐ नमः शिवाय।।
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभाशीष
दिनांक 25 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 7 होगा। यह अंक वरूण ग्रह से संचालित होता है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अपने आप में कई विशेषता लिए होते हैं। आप खुले दिल के व्यक्ति हैं। आप पैनी नजर के होते हैं। किसी के मन की बात तुरंत समझने की आपमें दक्षता होती है। आपकी प्रवृत्ति जल की तरह होती है। जिस तरह जल अपनी राह स्वयं बना लेता है वैसे ही आप भी तमाम बाधाओं को पार कर अपनी मंजिल पाने में कामयाब होते हैं।
शुभ दिनांक : 7, 16, 25
शुभ अंक : 7, 16, 25, 34
ईष्टदेव : भगवान शिव तथा विष्णु
शुभ रंग : सफेद, पिंक, जामुनी, मेहरून
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए समय सुखकर रहेगा। नवीन कार्य-योजना शुरू करने से पहले केसर का लंबा तिलक लगाएं। आपके कार्य में तेजी का वातावरण रहेगा। आपको प्रत्येक कार्य में जुटकर ही सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। अधिकारी वर्ग का सहयोग मिलेगा। मंदिर में पताका चढ़ाएं।
आज का राशिफल:-
🦌मेष
चू, चे, चो, ल, ली, लू, ले, लो,अ।
अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें, जो आध्यात्मिक जीवन के लिए आवश्यक है। मस्तिष्क जीवन का द्वार है, क्योंकि अच्छा-बुरा सब-कुछ इसी के माध्यम से आता है। यही ज़िंदगी की समस्याएँ दूर करने में सहायक सिद्ध होता है और सही सोच से इंसान को आलोकित करता है। आज घर से बाहर बड़ों का आशीर्वाद लेकर निकलें इससे आपको धन लाभ हो सकता है। अपना क़ीमती वक़्त अपने बच्चों के साथ गुज़ारें। यह सबसे बेहतर मरहम है। वे कभी न ख़त्म होने वाली ख़ुशियों का स्रोत साबित होंगे। आज अचानक किसी से रोमांटिक मुलाक़ात हो सकती है। आज कार्यालय में आपको कुछ अच्छा समाचार सुनने को मिल सकता है। ऐसे लोगों से जुड़ने से बचें जो आपकी प्रतिष्ठा को आघात पहुँचा सकते हैं। कोई पुराना दोस्त अपने साथ आपके जीवनसाथी के पुराने यादगार क़िस्से लेकर आ सकता है।
🐂वृष
इ, उ, ए, ओ, ब, बी ,बू, बे ,बो।
भागमभाग भरे दिन के बावजूद आपकी सेहत पूरी तरह दुरुस्त रहेगी। अगर आपका धन से जुड़ा कोई मामला कोर्ट-कचहरी में अटका था तो आज उसमें आपको विजय मिल सकती है और आपको धन लाभ हो सकता है। आपके व्यक्तिगत मोर्चे पर कोई बड़ी चीज़ होने वाली है, जो आपके और आपके परिवार के लिए उल्लास लेकर आएगी। आपको अपनी हार से कुछ सबक़ सीखने की ज़रूरत है, क्योंकि आज अपने दिल की बात ज़ाहिर करने से नुक़सान भी हो सकता है। जो लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें दिमाग़ शांत रखने की ज़रूरत है। परीक्षा की घबराहट को हावी न होने दें। आपका प्रयास सकारात्मक परिणाम ज़रूर देगा। अगर आप किसी विवाद में उलझ जाएँ तो तल्ख़ टिप्पणी करने से बचिए। जीवनसाथी यह जता सकता है कि आपके साथ रहने का क्या-क्या ख़ामियाज़ा उसे भुगतना पड़ रहा है।
👬मिथुन
का,की , कु, घ, ङ ,छ, के, को, ह।
सेहत से जुड़े कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने के लिए अच्छा दिन है। आर्थिक जीवन में आज खुशहाली रहेगी। इसके साथ ही आप कर्जों से भी आज मुक्त हो सकते हैं। प्रभावशाली और महत्वपूर्ण लोगों से परिचय बढ़ाने के लिए सामाजिक गतिविधियाँ अच्छा मौक़ा साबित होंगी। अचानक मिला कोई सुखद संदेश नींद में आपको मीठे सपने देगा। नई परियोजनाओं और कामों को अमली जामा पहनाने के लिए बेहतरीन दिन है। किसी नये काम के आगाज के लिए आपको पहले उसके बारे में अनुभवी लोगों से बात करनी चाहिए। अगर आज आपके पास समय है तो उस क्षेत्र के अनुभवी लोगों से मिल लें जो काम आप शुरु करने वाले हैं। यह दिन शादीशुदा ज़िन्दगी के सबसे ख़ास दिनों में से एक रहेगा।
🦀कर्क
ही, हू, हे, हो, डा, डी ,डू, डे,डो।
आउटडोर खेल आपको आकर्षित करेंगे- ध्यान और योग आपको फ़ायदा पहुँचाएंगे। बाकी दिनों के मुकाबले आज का दिन आर्थिक दृष्टि से अच्छा रहेगा और आपको पर्याप्त धन की प्राप्ति होगी। बच्चे ज़्यादा वक़्त साथ बिताने की मांग करेंगे- लेकिन उनका बर्ताव सहयोगी और समझदारी भरा होगा। आप रोमांटिक ख़यालों और सपनों की दुनिया में खोए रहेंगे। जब तक आपको तसल्ली न हो जाए कि सारा काम पूरा हो चुका है, दस्तावेज़ अपने वरिष्ठ को न दें। इस राशि के बच्चे आज खेलकूद में दिन बिता सकते हैं, ऐसे में माता-पिता को उनपर ध्यान देना चाहिए क्योंकि चोट लगने की संभावना है। अगर आप कोशिश करें तो आप अपने जीवनसाथी के साथ अपने जीवन का सबसे अच्छा दिन आज गुज़ार सकते हैं।
🦁सिंह
मा, मी, मू, में, म़ो, ट, टी, टू, टे।
अपनी सेहत के बारे में ज़रूरत से ज़्यादा चिंता न करें। निश्चिंतता बीमारी की सबसे बड़ी दवा है। आपका सही रवैया ग़लत रवैये को हराने में क़ामयाब रहेगा। जिन लोगों नेे अतीत में अपना धन निवेश किया था आज उस धन से लाभ होने की संभावना बन रही है। ऐसा कोई जिसे आप जानते हैं, आर्थिक मामलों को ज़रूरत से ज़्यादा गंभीरता से लेगा और घर में थोड़ा-बहुत तनाव भी पैदा होगा। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा। अहम लोगों से बातचीत करते वक़्त अपने आँख-कान खुले रखिए, हो सकता है आपके हाथ कोई क़ीमती बात या विचार लग जाए। आज सोच-समझकर क़दम बढ़ाने की ज़रूरत है- जहाँ दिल की बजाय दिमाग़ का ज़्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। अपने जीवनसाथी के साथ आप प्यार और रुमानियत से भरे पुराने दिन एक बार फिर जी पाएंगे।
👰🏼♂कन्या
टो,पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, प़ो।
चौकन्ने रहें, क्योंकि कोई आपको बलि का बकरा बना सकता है। तनाव और चिंता में इज़ाफ़ा मुमकिन है। नए क़रार फ़ायदेमंद दिख सकते हैं, लेकिन वे उम्मीद के मुताबिक़ लाभ नहीं पहुँचाएंगे। निवेश करते समय जल्दबाज़ी में निर्णय न लें। रिश्तेदारों के यहाँ छोटी यात्रा आपके भागदौड़ भरे दिन में आराम और सुकून देने वाली साबित होगी। रोमांस का मौसम है। लेकिन अपने जज़्बात क़ाबू में रखें, नहीं तो रिश्ते में खटास पैदा हो सकती है। बिना गहराई से समझे-बूझे किसी व्यावसायिक/क़ानूनी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर न करें। जब आपको लगता है कि आपके पास घर वालों या अपने दोस्तों के लिए टाइम नहीं है तो आपका मन खराब हो जाता है। आज भी आपकी मन स्थिति ऐसी ही रह सकती है। जीवनसाथी की वजह से आपकी कोई योजना या कार्य गड़बड़ हो सकता है; लेकिन धैर्य बनाए रखें।
⚖तुला
रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते।
आपको कामकाम के मोर्चे पर धक्का लग सकता है, क्योंकि आपकी सेहत आपके साथ नहीं है और इसके चलते आपको कोई ज़रूरी काम अधर में ही छोड़ना पड़ सकता है। ऐसे हालात में धैर्य और होशियारी से काम लें। बिना किसी की मदद के भी आप धन कमा पाने में सक्षम हो सकते हैं बस आपको खुद पर विश्वास करने की जरुरत है। बच्चों का स्कूल से जुड़ा काम पूरा करने के लिए मदद देने का वक़्त है। आपका प्रिय आज कुछ खीझा हुआ महसूस कर सकता है, जो आपके दिमाग़ पर दबाव और बढ़ा देगा। आपमें बहुत-कुछ हासिल करने की क्षमता है- इसलिए अपने रास्ते में आने वाले सभी मौक़ों को झट-से दबोच लें। आपको अपने घर के छोटे सदस्यों के साथ वक्त बिताना सीखना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप घर में सद्भाभ बना पाने में कामयाब नहीं हो पाएंगे. किसी के प्रभाव में आकर आपका जीवनसाथी आपसे झगड़ सकता है, लेकिन प्यार और सद्भाव से मामला सुलझ जाएगा।
🦂वृश्चिक
तो,न, नी, नू, ने, नो, या, यी , यु।
बच्चे आपकी शाम को ख़ुशी की चमक लाएंगे। थकाऊ और उबाऊ दिन को अलविदा कहने के लिए एक बढ़िया डिनर की योजना बनाएँ। उनका साथ आपके शरीर में फिर से ऊर्जा भर देगा। कुछ ख़रीदने से पहले उन चीज़ों का इस्तेमाल करें, जो पहले से आपके पास हैं। अगर आप परिवार के सदस्यों के साथ समय नहीं बिताएंगे, तो आप घर पर समस्याओं की उम्मीद कर सकते हैं। सावधान रहें, कोई आपसे दिल्लगी या फ़्लर्ट करके अपना उल्लू सीधा कर सकता है। किसी ऐसे नए उद्योग से जुड़ने से बचें जिसमें कई भगीदार हों- और अगर ज़रूर पड़े तो उन लोगों की राय लेने से न कतराएँ, जो आपके क़रीबी है। लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं आज आपको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बल्कि आज आप खाली समय में किसी से मिलना जुलना भी पसंद नहीं करेंगे और एकांत में आनंदित रहेंगे। अपने जीवनसाथी के किसी छोटी बात को लेकर बोेले गए झूठ से आप आहत महसूस कर सकते हैं।
🏹धनु
ये,यो, भा, भी,, भू, ध,फ, ढ़, भे।
सेहत से जुड़े कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने के लिए अच्छा दिन है। ख़ास लोग ऐसी किसी भी योजना में रुपये लगाने के लिए तैयार होंगे, जिसमें संभावना नज़र आए और विशेष हो। परिवार और बच्चों के साथ बिताया समय आपको फिर ऊर्जा से लबरेज़ कर देगा। आपका महबूब आज आपको बड़ी ख़ूबसूरती से कुछ ख़ास करके चौंका सकता है। नई योजनाएँ आकर्षक होंगी और अच्छी आमदनी का ज़रिया साबित होंगी। यह दिन बेहतरीन दिनों में से एक हो सकता है। आज दिन में आप कई अच्छे प्लान भविष्य के लिए बना सकते हैं लेकिन शाम के वक्त किसी दूर के रिश्तेदार के घर में आ जाने के कारण आपके सारे प्लान धरे के धरे रह सकते हैं। वैवाहिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव के बाद एक-दूसरे के प्यार को सराहने का यह सही दिन है।
🐊मकर
भो,ज, जी,जू,जे जो, खी,खू, खे, खो, गा, गी।
बेकार के ख़यालों में अपनी ऊर्जा बर्बाद न करें, बल्कि इसे सही दिशा में लगाएँ। आपके पास आज पैसा भी पर्याप्त मात्रा में होगा और इसके साथ ही मन में शांति भी होगी। आपकी पारिवारिक सदस्यों को क़ाबू में रखने और उनकी न सुनने प्रवृत्ति की वजह से बेवजह वादविवाद हो सकता है और आपको आलोचना का सामना भी करना पड़ सकता है। आप के दिल की धड़कनें आपके प्रिय के साथ कुछ ऐसे चलेंगी कि आज जीवन में प्यार का संगीत बज उठेगा। काम की अधिकता के बावजूद भी आज कार्यक्षेत्र में आपमें ऊर्जा देखी जा सकती है। आज आप दिये गये काम को तय वक्त से पहले ही पूरा कर सकते हैं। इस राशि के बच्चे आज खेलकूद में दिन बिता सकते हैं, ऐसे में माता-पिता को उनपर ध्यान देना चाहिए क्योंकि चोट लगने की संभावना है। आप दुनिया में ख़ुद को सबसे रईस महसूस करेंगे, क्योंकि आपके जीवनसाथी का व्यवहार आपको ऐसा महसूस कराएगा।
🏺कुम्भ
राशि :गू, गे, गो, सा, सि, सू, से, सो, द।
सेहत से जुड़े कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने के लिए अच्छा दिन है। जल्दबाज़ी में फ़ैसले न लें- ख़ासतौर पर अहम आर्थिक सौदों में मोलभाव करते वक़्त। कोई ऐसा इंसान जिसके मन में आपके लिए ग़लत भावना थी आज मामला निबटाने और आपसे सुलह करने के लिए पहल करेगा। प्यार का भरपूर लुत्फ़ मिल सकता है। कामकाज के मोर्चे पर आपकी कड़ी मेहनत ज़रूर रंग लाएगी। आज ऐसी कई सारी चीज़ें होंगी – जिनकी तरफ़ तुरन्त ग़ौर करने की आवश्यकता है। यह दिन आपके सामान्य वैवाहिक जीवन से कुछ हटकर होने वाला है। आपको अपने जीवनसाथी की ओर से कुछ ख़ास देखने को मिल सकता है।
🐬मीन
दी, दु, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची।
परेशानियों के बारे में सोचते रहने और तिल का ताड़ करने की आपकी आदत आपके नैतिक ताने-बाने को कमज़ोर कर सकती है। आज के दिन आपको शराब जैसे मादक तरल का सेवन नहीं करना चाहिए, नशे की हालत में आप कोई कीमती सामान खो सकते हैं। उस रिश्तेदार को देखने जाएँ, जिसकी तबियत काफ़ी समय से ख़राब है। अगर आप हुक़्म चलाने की कोशिश करेंगे, तो आपके और आपके प्रिय के बीच काफ़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। बड़े उद्योगपतियों के साथ साझीदारी का व्यवसाय फ़ायदेमंद रहेगा। जब आपको लगता है कि आपके पास घर वालों या अपने दोस्तों के लिए टाइम नहीं है तो आपका मन खराब हो जाता है। आज भी आपकी मन स्थिति ऐसी ही रह सकती है। मुमकिन है कि महरी या काम वाली बाई की तरफ़ से कोई परेशानी खड़ी हो, जिससे आपके व आपके जीवनसाथी को तनाव संभव है।
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